पहलगाम में हुए विभित्सक आतंकवाद के खिलाफ़ पूरी दुनियाँ भारत के साथ मज़बूती से खड़ी है | Naya Sabera Network

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पहलगाम हमले की निंदा करने वालों में खुद कश्मीर की आम जनता व मुस्लिम वर्ल्ड भी शामिल हो गया है 

अंतरराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में भारत को मज़बूती से समर्थन की घोषणाओं का ताँता लगा- सर्जिकल स्ट्राइक की सुबसुबाहट -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर पहलगाम में टूरिस्टों पर हुए विभित्सक हमले में बेगुनाह मारे गए 27 पर्यटकों के बारे में सुनकर भारत ही नहीं करीब करीब पूरी दुनियाँ के देशों ने निंदा कर भारत को आतंकवाद के मुद्दे पर समर्थन में सहयोग की पेशकश की है, जिसमें अब मुस्लिम वर्ल्ड भी शामिल हो गया है। बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री ने शुक्रवार दिनांक 25 अप्रैल 2025 को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे सभी पाक नागरिकों की पहचान कर जल्द से जल्द पाक वापस भेजने के लिए कदम उठाएं। इस फैसले के तहत भारत सरकार ने सभी प्रकार के वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। दूसरी और बता दें, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाक दोनों की फौजें हाई अलर्ट पर हैं। गुरुवार रात पाक आर्मी ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्मॉल आर्म फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया।दूसरी तरफ पूरी रात अलग अलग जगहों पर फायरिंग की आवाज गूंजती रही। भारतीय सेना पूरे एलओसी पर अलर्ट है। सूत्रों के मुताबिक हाई अलर्ट में सभी अहम पदों पर तैनात लोग हर वक्त उपलब्ध रहते हैं। क्विक रिएक्शन टीम का रिस्पॉन्स टाइम कम हो जाता है। यानी कुछ भी होने पर तुरंत उसपर एक्शन होता है। सभी असेस्ट्स एकदम रेडी होते हैं। राशन का रिजर्व स्टॉक 7 से 15 दिन का पूरी तरह सुनिश्चित हो जाता है। यह अलग अलग यूनिट में अलग अलग होता है क्योंकि सबकी लोकेशन और भौगोलिक स्थिति अलग होती है। हर यूनिट के पास जितना गोला-बारूद होनाचाहिए वह चेक होता है और सुनिश्चित होता है कि संभावित स्थितियों केहिसाब से सभी तैयारी हो।पिछले कुछ दशक से अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की स्थिति काफी मजबूत हुई है,भारत की हर बात को गौर से सुना जाता है, दुनिया हर छोटे-बड़े ईलीट क्लब की सदस्यता भारत के पास है, वहीं पाक की हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है, आज उसे असफल देश की श्रेणी में रखा जा रहा है, उसकी आर्थिक स्थिति भी बद से बदतर होती जा रही है, वह लगातार अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी खोता जा रहा है, वह पिछले कुछ सालों से अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिशों में लगा हुआ है, लेकिन अमेरिका उसे भाव नहीं दे रहा है आतंकवाद से उसका संबंध उसामा बिन लादेन के एबटाबाद में मारे जाने के बाद से और उजागर हुआ है। इससे अंतरराष्ट्रीय जगत में उसकी स्थिति कमजोर हुई है। वर्तमान सरकार नें भारत ने अरब जगत में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। सऊदी अरब, यूएई, ईरान और कतर जैसे देशों के साथ भारत के रिश्ते प्रगाढ़ हुए हैंजिस दिन पहलगाम हमला हुआ, उस दिन पीएम सऊदी अरब में ही थे, उन्हें हमले की सूचना वहीं दी गई थी। हमले की जानकारी मिलने के बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हमले की निंदा की।उन्होंनेभारत को मदद का आश्वासन भी दिया था।पहलगाम हमले की निंदा करने वालों में मुस्लिम वर्ल्ड लीग भी शामिल है।पहलगाम हमले पर अरब और मुस्लिम जगत से आई प्रतिक्रिया से यह पता चलता है कि वहां से भी पाक को निराशा ही हाथ लगेगी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मजबूती से समर्थन की घोषणा करता लगा हुआ है,इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक की सुबसुबाहट बन रही है, हमले की निंदा करने वालों मैं खुद कश्मीर की आम जनता भी शामिल हो गई है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे पहलगाम में हुई विभित्सक आतंकवाद के खिलाफ़ पूरी दुनियाँ मज़बूती से भारत के साथ खड़ी है। 

साथियों बात अगर हम पहलगाम हमले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं की करें तो, आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जब पर्यटकों को निशाना बनाया तो दुनियाँ भर के नेताओं ने इसकी निंदा की थी। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन,यूरोपीय यूनियन,इजरायल  जर्मनी, ईरान और सऊदी अरब समेत दुनियाँ के कई देशों और मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसे संगठन शामिल थे, इन सभी देशों ने भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है। यह हमला ऐसे समय हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत के आधिकारिक दौरे पर थे, हमले के बाद निंदा करते हुए भारत से एकजुटता दिखाई थी। अमेरिका ने हमले के बाद अपनी यात्रा को रद्द करने की जगह उसे जारी रखने का फैसला किया,वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है, इस तरह से अमेरिका ने यह दिखाया कि अमेरिका भारत के साथ कितनी मजबूती से खड़ा है। भारत के एक और विश्वसनीय सहयोगी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहलगाम हमले के बाद पीएम और राष्ट्रपति को संदेश भेजा, उन्होंने कहा कि वो भारत के साथ हैं। वहीं इजराइली पीएम ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई, भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में इजरायल का बड़ा हाथ है, वह भारत को कई तरह के उपकरण मुहैया कराता है, वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का मजबूती से समर्थन देता है। 

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साथियों बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाक के खैरखुवाह चीन की प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक होने की करें तो, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आजकल पाक का सबसे बड़ा खैरख्वाह चीन ही है, वह हर समय उसके साथ खड़ा नजर आता है, लेकिन पहलगाम हमले के बाद चीन की जो प्रतिक्रिया दी वह काफी उत्साहजनक रही। नई दिल्ली स्थिति चीनी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि पहलगाम में हुए हमले से स्तब्ध हूं और इसकी निंदा करता हूं, पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना और घायल और शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक सहानुभूति। सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करें, टैरिफ वार सेपरेशान भारत और चीन आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाश रहे हैं, यहां यह समझ लेना भी जरूरी है कि सीमा पर तनाव और 2020 में गलवान जैसी घटना होने के बाद भी भारत -चीन ने व्यापार ठप नहीं किया। चीन का हित पाक से अधिक भारत के साथ है, क्योंकि भारत जितना बड़ा बाजार पाक में नहीं है. ऐसे में युद्ध की स्थिति में चीन कोई फैसला लेने से पहले इस बात को ध्यान में जरूर रखेगा, ऐसा उसने अतीत में दिखाया भी है भारत- पाक के बीच हुए युद्धों में चीन ने खुद को दूर रखा था। 

साथियों बात अगर हम तालिबान के समर्थन की करें तो हमले की निंदा करते हुए तालिबान ने भारत का समर्थन किया है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के बड़े नेता ने पहलगाम हमले पर अपने बयान में पाक को आईना दिखाते हुए कहा कि इस घटना के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाते हुए सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के प्रयासों को कमजोर करती हैं। ऐसे में जरूरी हैकि इसके दोषियोंको सजा मिले ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों। तालिबान का पहलगाम हमले पर बयान और भारत के प्रति समर्थन अहम है क्योंकि पाक और अफगानिस्तान के बीच संबंध बीते कुछ दिनों से अच्छे नहीं हैं। पहलगाम आतंकी हमले के तार पाक से जुड़े हैं। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट  नाम के आतंकी संगठन ने ली है। ये गुट प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा  से जुड़ा हुआ है। हालांकि पाक सरकार ने भारत के आरोपों को खारिज किया है। पाक का कहना है कि भारत बिना किसी सबूत के ही पहलगाम हमले के लिए इस्लामाबाद पर उंगली उठा रहा है। 

साथियों बात अगर हम भारत के समर्थन में अमेरिका के ऐलान की करें तो, इस क्रम में अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है, अमेरिका ने कहा है कि वह पहलगाम हमले के आतंकियों को दबोचने में भारत की मदद करेगा, इसकी घोषणा ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने की, उन्होंने इस भयावह हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।ब्रूस ने कहा था,राष्ट्रपति ट्रंप और सचिव रुबियो ने स्पष्ट कर दिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है, हम मारे गए लोगों के जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं तथा इस जघन्य कृत्य के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान तहे दिल से करते हैं। 

साथियों बात अगर हम भारत पाक में युद्ध जैसे हालातो की करें तो, पहलगाम हमले के बाद पाक और भारत की ओर से आक्रामक बयानबाजी देखने को मिली है। दोनों देशों की ओर से कई कदम भी उठाए गए हैं। भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित करते हुए सभी पाक नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है। पाक ने इसके जवाब में शिमला समझौता रद्द करने की बात कही है। फिलहाल दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात नजर आ रहेहैं।भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज को किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। हॉस्पिटल के स्टोर कीपर को सभी जरूरी सप्लाई, इमरजेंसी दवाएं और महत्वपूर्ण उपकरण तुरंग इस्तेमाल करने के लिए तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल कर्मचारियों को अनावश्यक छुट्टियां ने लेने की सलाह दी गई है। इन निर्देशों पर कॉर्डिनेशन के लिए एक 24x7 कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पहलगाम में हुए विभित्सक आतंकवाद के खिलाफ़ पूरी दुनियाँ भारत के साथ मज़बूती से खड़ी है।पहलगाम हमले की निंदा करने वालों में खुद कश्मीर की आम जनता व मुस्लिम वर्ल्ड भी शामिल हो गया है।अंतरराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में भारत को मज़बूती से समर्थन की घोषणाओं का ताँता लगा- सर्जिकल स्ट्राइक की सुबसुबाहट!


-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425


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