में कुल्हड़ हूँ.....! | Naya Sabera Network
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में कुल्हड़ हूँ.....!
अमीर गरीब और ऊँच-नीच,
सबको ही में भाता हूँ.....
रंग एक ही है मेरा प्यारे,
इस पर मैं हरदम इतराता हूँ....
यारों-मित्रों के बीच बैठ,
जैसे तुम कहते हो प्यारे...
मैं व्यक्ति कुछ अलग किस्म का...!
अपने में अलमस्त और अल्हड़ हूँ....
मुझे भी गौर से देखो तो प्यारे,
मैं भी तो हूँ अलग प्रकृति का,
मैं भी बेहद फक्कड़ हूँ.....
कुछ कुम्हार से लेकर उधार,
कुछ लेकर तेरा अल्हड़पन....!
नामकरण किया है जग ने मेरा,
कहलाता में कुल्हड़ हूँ....
माटी का मैं बना हुआ,
तप कर अगन में हुआ खरा....
माटी में ही मिल जाना है,
मुझमें है यह ज्ञान भरा...
इस कारण प्यारे मित्रों....!
नहीं दिखाता मैं कोई नखरा.....
सब की प्यास बुझाऊँ मैं,
शीतल सबको करता हूँ,
चाहे भूखा हो या हो भुक्खड़...
मानोगे तुम भी मित्रों...!
कुछ अलग ही फितरत है मेरी प्यारे..
कहलाता मैं कुल्हड़ हूँ.....
ठंडा हो या फिर गरम....
सोंधी खुशबू ही है मेरा धरम,
खाकर कसम मैं यह कहता हूँ....
अपने होठों से चिपकाने में,
आती नहीं किसी को शरम....
मर्यादा से सब चूमें मुझको....!
कहलाता मैं कुल्हड़ हूँ.....
ब्याह-बारात हो या हो आफत-बिपत
हर परोजन का मैं इक हिस्सा हूँ....
सच मानो तो प्यारे....!
पानी-चाय,नमकीन से लेकर,
रबड़ी-मलाई-खीर का किस्सा हूँ.... कत्था-चूना,लौंग-इलायची,
इन सबका मुझसे नाता है....
कभी किसी ने कहा नहीं कि...!
मैं दिखता उसको फूहड़ हूँ....
दोना-पत्तल का तो बालसखा मैं,
कहलाता में कुल्हड़ हूँ....
लोग भरम में रहते हैं,
समझ ना उनको कुछ आता है....
क्या खूबी है मुझ में.....?
जो पसंद सभी को क्यों आता हूँ....?
चाहे होवें कोई मुच्छड़...या फिर...
गाँव देहात का पक्का भुच्चड...
अब कैसे बताऊँ यह बात उन्हें कि,
लोटा-गगरा के बाद....धरा पर...
लोगों ने शिव को मुझसे ही पूजा...
प्रयोग एक ही बार हुआ हो बर्तन...
मुझ कुल्हड़ के शिवाय....!
और कोई हुआ न दूजा...
और कहूँ क्या तुमसे मित्रों...
गाँव-देश और समाज में प्यारे,
अलग है मेरी कथा-कहानी...और...
अलग है मेरी गाथा....
सुनकर वर्णन मेरा प्यारे...!
सम्भव है पीटो तुम अपना माथा...
मुझपे निछावर हैं कितना जग वाले..
इस पर....गौर से मेरी बात सुनो...
गर फूट गया भी यदि कुछ कारणवश
एक तरफ़ बना के चीन्हा....!
लड़के सन खेलेंगे अक्कड़-बक्कड़...
मन उनका भी मैं मन से रखनेवाला,
कहलाता मैं कुल्हड़ हूँ.....
रचनाकार......
जितेन्द्र कुमार दुबे
अपर पुलिस उपायुक्त,लखनऊ
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