तूँ छुपावलू नजरिया | Naya Sabera Network


नया सवेरा नेटवर्क

क्षेत्रीय भाषा में प्रस्तुत एक -

गीत 


" तूँ छुपावलू नजरिया "


ताकि-ताकि ना हो गोरिया 

ताकि ताकि ना

ताकि-ताकि ना हो गोरिया

ताकि-ताकि ना

तूँ  छुपावलू नजरिया गोरिया 

ताकि-ताकि ना(2)


मौका पाई त तूँ , हमका देखी ले लू।

हम देखीला त तूँ, मुहं फेरी ले लू 

हम देखिला त तूँ , मुहं फेरी ले लू।

कइसन विचार तोहरा

ई कईसन अदा बा

चाँद,जइसन दर्शनवा

का हमहूं के बदा बा

चाँद,, जइसन दर्शनवा

का हमहूं के बदा बा।


राति-राति ना हो गोरिया

राति-राति ना

तोहँका देखीला,गगनवां गोरिया

राति-राति ना

जब-जब गोरी मीलै

तोहरी तनी क झलकीया

तोहरा के घेरी लेइ

बैरी ई बदरिया

तोहरा के घेरी लेइ

बैरी ई बदरिया

हम बिताईला सारी रतिया

ओरियां तोहरी,गोरिया 

झाँकि-झाँकि ना 

तूँ छुपावलू नजरिया गोरिया

ताकि-ताकि ना।


किलवा ऊपरां ना हो गोरिया

किलवा ऊपरां ना

किलवा ऊपरां ना हो गोरिया 

किलवा ऊपरां ना

जब मटकावलू तूं ,कमरिया

ई जवनपुर 

शहरिया हीलेला।(2)

शाही पुलवा ना हो गोरिया,

शाही पुलवा ना

मटकत चललू तूँ ,डगरिया गोरिया 

शाही पुलवा ना।

ऊंची एड़िया नावलू , डगरिया गोरिया

फांकी-फांकी ना

तूँ छुपावलू नजरिया गोरिया

ताकि-ताकि ना(2)

तूँ छुपावलू नजरिया,विजय की ओरियां

ताकि-ताकि ना।

गीतकार

विजय मेहंदी

जौनपुर(उ0प्र0)।

Admission Open 2025-26: ANJU GILL ACADEMY | Katghara, Sadar, Jaunpur  | Naya Sabera Network
विज्ञापन


नया सबेरा का चैनल JOIN करें