गहलोत सरकार का बड़ा एक्शन, आईपीएस व आईएएस निलंबित | #NayaSaveraNetwork
जयपुर. जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर तीन दिन पहले एक रेस्टोरेंट में शराब पार्टी और उसके बाद हुई मारपीट के मामले को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. गहलोत सरकार ने इसमें शामिल आईपीएस अधिकारी सुशील कुमार बिश्नोई और आईएएस अधिकारी गिरधर चौधरी को निलंबित कर दिया है. दोनों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
निलंबन काल के दौरान गिरधर चौधरी का मुख्यालय कार्मिक विभाग और सुशील कुमार का मुख्यालय डीजीपी कार्यालय जयपुर रहेगा. इस मामले में अनुचित फेवर करने के आरोप में गेगल थाने के तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है. इन आदेशों की प्रशासनिक गलियारे में जबर्दस्त चर्चा है.
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. केस में जिस तरह के सबूत जांच के दौरान सामने आए है उससे सार्वजनिक जीवन में अधिकारियों के बर्ताव को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. मंगलवार देर शाम को ही दोनों अधिकारियों को निलंबित कर सरकार की ओर से एक साफ मैसेज प्रदेश के पूरे प्रशासनिक बेड़े को दिया गया है. गहलोत सरकान ने अधिकारियों के गलत आचरण के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति का मैसेज दिया है.
- आईपीएस सुशील कुमार के तबादले पर हुई थी पार्टी
उल्लेखनीय है कि शराब पार्टी और मारपीट की यह घटना तीन दिन पहले 11 जून की रात को अजमेर के गेगल थाना इलाके में स्थित जयपुर-अजमेर हाईवे पर स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित पार्टी में हुई थी. यह पार्टी आईपीएस सुशील कुमार के तबादले के बाद की गई थी. सात जून को आई तबादला सूची में अजमेर मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार को नए बनाए गए जिले गंगापुर में प्रभारी अधिकारी लगाया गया था. उसके बाद सुशील कुमार ने अपने मित्रों के साथ यह पार्टी की थी.
- पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई
उस पार्टी में अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त आईएएस गिरधर चौधरी भी शामिल थे. पार्टी में टोंक जिले के तीन सरकारी कर्मचारी और अन्य लोग शामिल थे. पार्टी के दौरान किसी बात को लेकर उनका रेस्टोरेंट कर्मचारियों से झगड़ा हो गया. उसके बाद होटल कर्मचारियों से मारपीट कर दी गई थी. अधिकारियों ने बाद में गेगल पुलिस को भी बुला लिया और वहां जमकर बखेड़ा हो गया. यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी.
- अधिकारियों की मौजूदगी के वीडियो आए सामने
अगले ही दिन यह मामला चर्चा में आ गया. जांच के दौरान आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की मौजूदगी के स्पष्ट वीडियो सामने आ गए थे. यह खबर प्रसारित होने के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया. वीडियो में दोनों अधिकारियों की लापरवाही मानी गई है. इस पर सरकार ने मामले में जांच बिठा दी. दोनों अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल जांच चल रही है. ऐसे में सरकार ने इस प्रकरण में दोनों अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए तुरंत प्रभाव से दोनों को निलंबित कर दिया है.