Jaunpur News: प्रेमचन्द की कहानियों ने लोगों में जगाई थी आजादी की अलख

निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा 

बरेली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रान्त, बरेली के तत्वावधान में मुंशी प्रेमचन्द की जयन्ती पर एक विचार गोष्ठी  "वर्तमान समय में प्रेमचंद की कहानियों की प्रासंगिकता पर हुई जिसमें कहा गया कि प्रेमचन्द की कहानियां कालजयी हैं। इसलिए हर युग में उनकी उपयोगिता बनी रहेगी।  इस अवसर पर वरिष्ठ कहानीकार डाॅ मोनिका अग्रवाल को दुशाला ओढ़ाकर प्रेमचन्द कथा सम्मान से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार निरूपमा अग्रवाल के प्रभात नगर स्थित आवास पर हुई गोष्ठी की अध्यक्षता जनपदीय संरक्षक प्रोफेसर के. ए. वार्ष्णेय ने की। संचालन निरूपमा अग्रवाल ने किया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि प्रेमचन्द की कलम राष्ट्रवादी थी। उनकी कहानी अनमोल रतन, रानी सारंधा , विक्रमादित्य का तेगा, आल्हा ऊदल और जिहाद ने लोगों के दिलों में आजादी की ज्वाला को भड़का दिया था। 

उन्होने कहा कि प्रेमचन्द की कहानियां कालजयी हैं। इसलिए हर युग में उनकी उपयोगिता बनी रहेगी। डाॅ व्रजेश कुमार शर्मा ने  कहा कि प्रेमचन्द की कहानियों में पराधीन भारत की जनता में फैली गरीबी, अंधविश्वास, निरक्षरता, भेदभाव और कर्मकांडों की झलक स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है।

 प्रेमचंद ने निरीह जनता को अपनी कहानियों के माध्यम से निर्भीकता सद्भाव और समानता का संदेश दिया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर के ए वार्ष्णेय ने मुंशी प्रेमचन्द को विश्व का बेजोड़ कथाशिल्पी बताया। उन्होने कहा प्रेमचन्द की प्रत्येक कहानी में कोई न कोई सकारात्मक संदेश अवश्य मिलता है। इस अवसर पर प्रोफेसर विनीता सिंह, गंगाराम पाल, संजीव शंखधार, डाॅ अनिल मिश्रा, निर्भय सक्सेना, रितेश साहनी और अंशुमान ने भी विचार ब्यक्त  किए। सभी का आभार निरुपमा अग्रवाल ने व्यक्त किया।

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