Jaunpur News: नहर की कहानी तोता-मैना की कहानी जैसी हो गई पुरानी
किसान कभी नहर के बेपानी से तो कभी पानी-पानी से हो रहे हलकान
अब्दुल हक अंसारी @ नया सवेरा
केराकत, जौनपुर। शारदा सहायक खंड 36 नहर की कहानी तोता मैना की कहानी पुरानी जैसी हो गई है। जब किसानों को पानी की अति आवश्यकता रहती है तो नहर बेपानी हो जाती है यानि नहर में पानी छोड़ा ही नहीं जाता है और जब पानी की आवश्यकता नहीं रहती है तो पानी इतना अत्यधिक नहर में छोड़ दिया जाता है कि कहीं कहीं खेत नहर के अत्यधिक पानी से लबालब हो जाते हैं कि फसलें पानी में डूब कर बर्बाद हो जाती हैं। यहां यह कहना कत्तई गलत नहीं होगा कि नहर के कहर से हर किसान परेशान नजर आ रहे हैं।
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नहर से प्रभावित होने वाले गांव अमरा, असवारा, बगथरी, जमुआरी, मुरारा, खटहरा, सूरतपुर, पेसारा, मेहौड़ा, पतौरा, पलिया, मुर्की, बंजारेपुर, डेहरी, सर्की, पतौरा, सूरतपुर, बेलहरी, बसगित, अमिहित, भौरा, खरगसीपुर, पूरनपुर, सेनापुर, पनिहर, अइलिया, अमिलिया, जरासी, पटैला, मढी, हिसामपुर, भुलनडीह, हबुसहीं, मझली, बोदरी, लोहरा खोर, मठिया, बिसौरी, कोपा, पतरहीं, कछवंद, तरांव, बगहीं, झंझापार अमवार आदि ग्रामों के किसान जो नहर की बेवफाई से त्रस्त नजर आ रहे हैं। इसी प्रकार गोमती नदी के दक्षिणांचल का हिस्सा थानागद्दी, नाऊपुर, बराई, निहालापुर, सोहनी, पौनी, रत्नूपुर, टड़वा, शिवरामपुर, जमुआ, गुलरा, देवराई, जमसार, बंतरी, घुड़दौड़, बरइछ, परसौली आदि ग्रामों के किसान अपनी खेती नहर के कहर से कराहते हुए देखे जा सकते हैं।
नहर के कहर से परेशान हो रहे किसान : केडी सिंह
डोभी विकास खंड के पूर्व प्रमुख अजय प्रकाश सिंह केडी सिंह ने कहा कि नहर के कहर से हर किसान परेशान हैं। नहर में समय से पानी न छोड़े जाने से फसले पानी के अभाव में दम तोड़ रही हैं। जब किसानों को पानी की आवश्यकता रहती है तो नहर में पानी छोड़ा ही नहीं जाता है। जब जरूरत नहीं रहती है तो पानी इतना अत्यधिक छोड़ दिया जाता है कि फसलें जलमग्न होकर बर्बाद हो जाती है। यही कारण है कि अब किसान खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं।
नहर के बेपानी होने से किसान हो रहे मायूस : राम प्रसाद
ग्राम बसगित प्रधान राम प्रसाद यादव का कहना है कि नहर कभी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही थी। अब नहर किसानों को मुंह चिढ़ा रही है। नहर के बेवफाई से किसान त्रस्त हो चुके हैं। खेती करना अब किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। यदि नहर का यही रवैया रहा तो किसान खेती करना छोड़ने पर विवश हो जायेंगें।
नहर रुलाने का कर रही कार्य : अरविंद
ग्राम प्रधान सेनापुर अरविंद चौहान का कहना है कि इस समय धान की होने वाली खेती पर नहर सूखी होने से संकट के बादल छाए गये हैं। खेतों में लगी धान की नर्सरी पानी के अभाव में सूखने लगी है। नहर के विपरीत रवैये से किसानों के रोने पर विवश हैं।
नहर का रवैया रहा है हमेशा बेरुखापन : फरहान
ग्राम प्रधान डेहरी गांव प्रधान पति फरहान अहमद ने कहा कि हमेशा नहर का रवैया बेरुखा रहा है। कभी बेपानी से तो कभी पानी पानी से किसानों को रुलाने का कार्य कर रही है।
नहर के अधिकारियों के उदासीनपूर्ण रवैये से किसान हैं त्रस्त : राम समुझ
ग्राम पूरनपुर प्रधान रामसमुझ यादव का कहना है कि नहर विभाग के अधिकारियों का रवैया उदासीन रहा है। इस समय किसान ही नहीं नहर में पानी के अभाव में पशु पक्षी भी त्राहिमाम कर रहे हैं। कोई कुछ सुनने वाला नहीं है। किसान नहर में पानी न आने से बेहाल हैं।
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