अमेरिका के दबदबे वाला अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पाक़ पर मेहरबान क्यों? | Naya Sabera Network

Why is the US-dominated International Monetary Fund kind to Pakistan? | Naya Sabera Network

क्या अमेरिक़ा चीन साथ-साथ-वित्त पोषण से फ़िर सर उठाएगा आतंकवाद ? 

आईएमएफ ऋण मिलते ही पाक़ के सुर बदले, कहा बिगर न्यूक्लियर बम के भी भारत को रोक़ने की क्षमता है व युद्ध विराम 18 मई 2025 तक है 

भारत का आईएमएफ को दो टूक संदेश-पाक को फंड देने पर पुनर्विचार करें, क्योंकि इससे आतंकवाद को वित्त पोषण होने की संभावना,अनुमान सही- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत सहित  पूरी दुनियाँ की निगाहें भारत पाक़ तनातनी या युद्ध विराम,फ़िर सीमा पर जारी गोलीबारी, तथा नेताओं की बयानबाजी पर लगी हुई है। इधर भारतीय रक्षामंत्री ने 15 मई को कश्मीर सैनिकों के साथ फिर 16 मई 2025 को गुजरात भुज में एयर फोर्स स्टेशन पर इन दोनों दौरों में आईएमएफ द्वारा पाक के लिए ऋण सेंशन करने की टाइमिंग पर सवाल उठाए व कहा कि क्या आईएमएफ द्वारा पाक़ को आतंकवाद को वित्त पोषित करने में मदद की जा रही है, उन्होंने मदद पर पुनर्विचार करने की अपील आईएमएफ से की तथा आतंकवाद के हर रूप स्वरूप को समाप्त करने की भी बात कही, तथा कहा कि आईएमएफ द्वारा प्राप्त वित्त से ध्वस्त किए गए आतंकवादियों के इंफ्रास्ट्रक्चर फिर से खड़े करने की संभावना है, आगे कहा कि हमारी लड़ाई सिर्फ एक टेलर थी, जरूरत पड़ी तो आगे पूरी तस्वीर दिखाएंगे। तो उधर इस बात का पाक के विदेश मंत्रालय ने तुरंत जवाब दिया, मंत्रालय के बयान में कहा गया, ये गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां पारंपरिक तरीकों से भारतीय आक्रमण के खिलाफ पाकिस्तान की प्रभावी रक्षा और प्रतिरोध के बारे में उनकी गहरी असुरक्षा और हताशा को दर्शाती हैं। पाकिस्तान की पारंपरिक क्षमताएं भारत को रोकने के लिए काफी हैं, बिना किसी सेल्फ इंपोज्ड 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' के, जिससे नई दिल्ली पीड़ितहै और कहा कि युद्ध ग्राम 18 मई 2025 तक है। यानें हम देख सकते हैं कि आईएमएफ का ऋण पाक को 14 मई 2025 को मिल चुका है, तो उसक़े तेवर ही बदल गए हैं यानें अपने कर्ज को चुकाने व आतंकवाद को फिर से पोषित करने की ताकत वित्त के रूप में फिर उन्हें मिली है अब सवाल उठता है कि इतनी बड़ी राशि यानी 1.023 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मंजूरी आईएमएफ ने कैसे की और डिलीवरी भी दे दी। मेरा मानना है कि बिना अमेरिका की सहमति से यह बिल्कुल ही नहीं हो सकता? मेरा मानना है कि अमेरिका इसी एक तीर से अनेकों निशाने लगाने की कोशिश कर रहा है, पाक की चीन पर निर्भरता कम करना, चीन को ग्वादरपोर्ट से लेकर चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के कर्ज के पैसे दिलाना तथा कि चीन से बढ़ती यारी और कर दे भारत को दर किनार वाली नीति तो नहीं, क्योंकि भारत जिस तेजी से बुलंदियों के झंडे गाढ़ रहा है उसे विश्व हैरान है।चूँकि आईएमएफ ऋण मिलते ही पाक़ के सुर बदले और कहा बगैर न्यूक्लियर बम के ही भारत को रोकने में सक्षम है तथा युद्ध विराम 18 मई तक है तथा अमेरिकी दबदबे वाला आईएमएफ पाक पर इतना मेहरबान क्यों? क्या अमेरिका चीन साथ-साथ, वित्त पोषण से फिर सिर उठाएगा आतंकवाद, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत का आईएमएफ को दो टूक संदेश,पाक़ को फंड देने पर पुनर्विचार करें, क्योंकि है आतंकवाद को वित्त पोषण करने की संभावना का सही अनुमान है। 

साथियों बात अगर हम दिनांक 15 व16 मई 2025 को माननीय रक्षामंत्री द्वारा आईएमएफ को ऋण पर पुनर्विचार की अपील की करें तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमफ) से पाक को मिलने वाली मदद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पाक इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर सकता है। उन्होंने यह बात गुजरात के भुज एयर फोर्स स्टेशन से कही। उन्होंने दुनियाँ से पाक को आर्थिक मदद रोकने की अपील की है। आईएमफ ने हाल ही में पाकिस्तान को सहायता के तौर पर 1.023 बिलियन अमेरिकी डॉलर की दूसरी किश्त दी है।रक्षा मंत्री ने कहा कि पाक को आईएमफ से जो पैसामिलेगा उसका बड़ा हिस्सा वह अपने देश में आतंकवाद के ढांचे को मजबूत करने में लगाएगा। उन्होंने भारत की तरफ से आईएमफ से यह अपील की है कि वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने पर फिर से विचार करे। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान को आईएमफ से जो पैसा मिलेगा, उसका बड़ा हिस्सा वो अपने देश में आतंकवाद फैलाने वाले ढांचे को मजबूत करने में लगाएगा। मेरा मानना कि पाकिस्तान इस पैसे का गलत इस्तेमाल करेगा। पाकिस्तान आईएमफ के बेलआउट पैकेज पर बहुत ही ज्यादा निर्भर है। इस पैकेज से उसे अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिली है। पिछले साल पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था, तब आईएमफ ने उसे 3 बिलियन डॉलर की मदद देकर बचाया था। आईएमफ की वेबसाइट के अनुसार,पाक़ को सदस्य बनने के बादसे अब तक कम सेकम 25 बेलआउट लोन मिल चुके हैं। इस साल अप्रैल के अंत में पाक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 10.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अगस्त 2024 में यह 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अनुमान है कि जून 2025 के अंत तक यह 13.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच पाएगा।आईएमफ ने पाक से कहा है कि वह अपनी जीडीपी का 1.6 प्रतिशत प्राथमिक बजट अधिशेष मानकर बजट बनाए। इसके लिए उसे गैर-ब्याज खर्चों के अलावा लगभग 2 ट्रिलियन रुपये जुटाने होंगे। इसका मतलब है कि पाकिस्तान को अपनी आमदनी बढ़ानी होगी और खर्च कम करने होंगे। अभी पाकिस्तान की स्थिति ये है कि कर्ज चुकाने के लिए उसे कर्ज लेना पड़ रहा है।आईएमफ की सहायता पाकिस्तान के लिए अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देती है,पाक अपनी जमीन पर आतंकवादी समूहों को शरण देता है और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करता है। ऐसे में आईएमफ द्वारा दी गई सहायता को आतंकवादियों को मदद देने जैसा माना जाता है। उनका यह बयान पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बढ़ते गुस्से और चिंताओं को दर्शाता है, जो लंबे समय से पाक के आतंकी सरगनाओं के समर्थन के खिलाफ हैं।उन्होंने इस वित्तीय सहायता को आतंकवाद को अप्रत्यक्ष समर्थन देने जैसा करार दिया है। 

साथियों बात अगर हम भारतीय रक्षामंत्री के बयान का तुरंत जवाब पाक विदेश मंत्रालय द्वारा देने की करें तो भारत और पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने नया बयान जारी करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच 18 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी है। यह अस्थायी युद्धविराम नियंत्रण रेखा पर जारी गोलीबारी को रोकने के उद्देश्य से लागू किया गया है, हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, भारत की कार्रवाई से पाक की ओर से कहा गया है भारत से रविवार यानी 18 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी है, ट्रंप के सीजफायर वाले ऐलान से पहले बीते कुछ हफ्तों से नियंत्रण रेखा पर लगातार हो रही गोलीबारी और ड्रोन हमलों के बीच यह सीजफायर फैसला एक अस्थायी राहत की तरह देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक भारत की ओर से इस सहमति पर औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है। पाक के केंद्रीय बैंक ने बताया है कि आईएमएफ से मिली यह दूसरी किस्त 16 मई को खत्म होने वाले हफ्ते के लिए उसके विदेशी मुद्रा भंडार में दिखाई देगी। इसका मतलब है कि पाकिस्तान के पास अब खर्च करने के लिए कुछ और डॉलर होंगे। पिछले हफ्ते आईएमएफ के निदेशक मंडल ने ईएफएफ प्रोग्राम के तहत 1.02 अरब डॉलर की राशि को मंजूरी दी थी। इसके अलावा, आईएमएफ ने रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी  के रूप में 1.4 अरब डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था भी की है। 

साथियों बात अगर हम आईएमएफ ऋण में अमेरिका चीन के रोल की संभावना की करें तो,इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आईएमएफ से पाकिस्तान को लगातार मिल रहे लोन के पीछे अमेरिका और चीन की बढ़ती करीबी भी एक कारण हो सकती है। इसका भारत पर असर पड़ सकता है। भारत आईएमएफ में पाक को लोन दिए जाने पर अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुका है। खासकर सीमा पार आतंकवाद के वित्तपोषण में इसके संभावित दुरुपयोग को लेकर उसने अपना पक्ष रखा है। अमेरिका के दबदबे वाला अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पाकिस्तान पर मेहरबान है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक्‍सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) प्रोग्राम के तहत 1.02 अरब डॉलर (करीब 8,712 करोड़ रुपये) की दूसरी किस्त जारी कर दी है। यह पैसा ऐसे समय पर मिला है जब आईएमएफ पाकिस्तान केआगामी बजट पर ऑनलाइन बातचीत कर रहा है। भारत के साथ तनाव के कारण आईएमएफ के मिशन प्रमुख का इस्लामाबाद दौरा कुछ दिनों के लिए टल गया था। पाकिस्तान सरकार 2 जून को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने की योजना बना रही है।आईएमएफ के प्रतिनिधि 16 मई तक पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बजट के प्रावधानों पर चर्चाकिए।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे किअमेरिका केदबदबे वाला अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पाक़ पर मेहरबान क्यों?क्या अमेरिक़ा चीन साथ-साथ-वित्त पोषण से फ़िर सर उठाएगा आतंकवाद?आईएमएफ ऋण मिलते ही पाक़ के सुर बदले,कहा बिगर न्यूक्लियर बम के भी भारत को रोक़ने की क्षमता है व युद्ध विराम 18 मई 2025 तक है,भारत का आईएमएफ को दो टूक संदेश- पाक को फंड देने पर पुनर्विचार करें, क्योंकि इससे आतंकवाद को वित्त पोषण होने की संभावना,अनुमान सही।


-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425


Admission Open 2025-26 : Nehru Balodyan Sr. Secondary School | Kanhaipur, Jaunpur | Contact: 9415234111, 9415349820, 94500889210  | Naya Sabera Network
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