कचहरी, कुतुबखाना एवं श्यामगंज सब्जी मंडी, राजेंद्रनगर में भूमिगत वाहन पार्किंग में बने | Naya Sabera Network
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली सहित 17 शहरों में वहां पार्किंग बनवाने के लिए 6 मई को कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया है जिससे 17 शहरों में स्मार्ट पार्किंग बनने का रास्ता साफ हो गया है। अगर बरेली महानगर की ही बात की जाए तो स्मार्ट सिटी के आला अफसरों ने भूमिगत वाहन पार्किंग नही बना कर कुछ स्थानों पर करोड़ों रुपए खर्च कर हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग बना दी गई। जो आज भी सफेद हाथी ही बनकर स्मार्ट सिटी को मुंह चिढ़ा रही हैं। आज भी कचहरी पर अधिकारियों के घर के सामने लोगो को वाहन पार्क करना मजबूरी बन गया है। बरेली में स्मार्ट सिटी की अनियोजित विकास की कागजी योजनाएं बना कर टैक्स दाताओं से जमा सरकारी धन को ठिकाने लगाने में स्मार्ट सिटी बरेली के अधिकारी भी पीछे नहीं हैं।
बरेली की ही बात की जाए तो भूमिगत वाहन पार्किंग नही बना कर कुछ स्थानों पर करोड़ों रुपए खर्च कर 4 हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग बना दी गई। जो सफेद हाथी ही बनकर उन्हीं अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रही हैं। उनके आज तक ठेके नहीं उठ सके। बरेली शहर में भूमिगत वाहन पार्किंग समस्या विकराल बनी हुई है। इसके साथ ही बरेली स्मार्ट सिटी में कुतुबखाना सब्जी मंडी, श्यामगंज सब्जी मंडी, किला, रोजगार कार्यालय, तहसील परिसर में कचहरी में बहुमंजिला मार्केट एवम भूमिगत वाहन पार्किंग की भी आज नितांत जरूरत है।
हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग मोतीपार्क में बनने से मोतीपार्क का ऐतिहासिक स्वरूप ही नष्ट हो गया है जहां देश के बड़े नेताओं की आम सभा होती थीं। जिला अधिकारी कार्यालय, कचहरी, जेल रोड, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, सिविल लाइन, श्यामगंज, किला, बड़ा बाजार आदि में भयंकर जाम जैसी स्थिति दिन भर बनी रहती है। स्मार्ट सिटी में अभी कुतुबखाना सब्जीमंडी में बहुमंजिला वाहन पार्किंग की कोई जगह या योजना भी नही चिन्हित हुई है।
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लखनऊ के हजरतगंज के जनपथ की तर्ज पर बहुमंजिला वाहन पार्किंग एवम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनने से कुतुबखाना के पुल से कुछ विस्थापित व्यापारियों को भी स्थान देने में आसानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि जिला परिषद, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन एवम जनप्रतिनिधियों की एक कोआर्डिनेशन कमेटी भी बने ताकि उसी अनुरूप जन समस्या वाले मुद्दों पर नीति बने। इसके लिए पत्रकार निर्भय सक्सेना ने पूर्व में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी को मेल भेज कर हर जिले के नियोजित विकास के लिए यह सुझाव दिया था।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ जी की दूसरी बार की सरकार विकास कार्यों के दम के कारण ही जन विश्वास से बन सकी। स्मार्ट सिटी बरेली में कई वर्षो से लंबित प्रोजेक्ट अभी भी धरातल पर नहीं उतर सके हैं। अभी तक बरेली में नगर निगम का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी सत्तारूढ़ दल नेताओ की आपसी खींचतान में ही फंसा हुआ है। नगर निगम में बनाए गए नाले नालियां भी अभी तक आपस में नही जोड़े जा सके हैं। झुमका तिराहा के बाद अब डमरू चौक भी जाम का सबब बन रहा है। स्मरण रहे बरेली में अब मेट्रो के रेलमार्ग का विकास प्राधिकरण एवम राइट्स की संयुक्त टीम बीते दिनो सर्वे भी करा चुकी है। स्मार्ट सिटी बरेली के कुछ चल रहे बेतरतीब एवम अनियमित कार्यों पर पूर्व सभासद राजेश अग्रवाल भी कई बार अधिकारियों का ध्यान इंगित भी करा चुके हैं।
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