भारत-पाकिस्तान के बीच फिर बढ़ा तनाव: कश्मीर हमले के बाद हालात बेहद गंभीर | Naya Sabera Network

भारत-पाकिस्तान के बीच फिर बढ़ा तनाव कश्मीर हमले के बाद हालात बेहद गंभीर
रिया दुबे @ नया सवेरा 

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर से बहुत तनावपूर्ण हो गए हैं। इसका कारण है जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुआ एक भयानक आतंकी हमला और उसके बाद भारत की सैन्य कार्रवाई। इस समय दोनों देशों में राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक संबंध लगभग टूटने की कगार पर हैं।

पहलगाम हमला: झटका देने वाला दिन

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके की बाइसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों की एक बस पर हमला कर दिया। इस हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हो गई। यह हमला “द रेजिस्टेंस फ्रंट” नाम के संगठन ने किया, जो भारत के मुताबिक पाकिस्तान में बैठकर काम करता है और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। भारत ने इस हमले का सीधा आरोप पाकिस्तान पर लगाया। वहीं पाकिस्तान ने खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर और हवाई संघर्ष

भारत ने 6 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाके शामिल थे।

7 मई को दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बड़ी झड़प हुई। इसमें 125 से अधिक फाइटर जेट्स शामिल थे। भारत के 2-3 विमान गिराए गए, जिनमें एक राफेल भी था। पाकिस्तान का एक विमान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ।

व्यापार और कूटनीति पर असर

Tension increased again between India and Pakistan: Situation is very serious after Kashmir attack. Naya Sabera Network

भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ दिए और वीजा सेवा भी बंद कर दी। पाकिस्तान के राजनयिकों को वापस भेज दिया गया। साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि भी निलंबित कर दी, जिससे पाकिस्तान में पानी की सप्लाई में 90% तक की कमी आ गई। पाकिस्तान ने इसे "युद्ध के बराबर" बताया।

सीमा पर सेना की हलचल

इस स्थिति को देखते हुए दोनों देशों ने अपनी सेनाएं सीमा पर तैनात कर दी हैं। खासकर LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी हथियारों और सैनिकों की मौजूदगी देखी जा रही है। आम नागरिकों को सीमा के आस-पास से हटाया जा रहा है।

जनता की प्रतिक्रिया

भारत में आम लोगों में गुस्सा और दुख दोनों हैं। सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम की मांग कर रहे हैं। कई जगहों पर लोगों ने मौन जुलूस निकाले और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पाकिस्तान में भी लोग युद्ध की आशंका से डरे हुए हैं और शांति की अपील कर रहे हैं।

मीडिया की भूमिका

भारतीय मीडिया में इस मुद्दे पर काफी गर्मागरम बहसें चल रही हैं। कुछ चैनल इसे देश की सुरक्षा का मामला बताकर सरकार के फैसलों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ चैनल बातचीत और शांति की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। पाकिस्तान की मीडिया भी इसी तरह की खबरें दिखा रही है, पर वहां पर भारत पर आरोप ज्यादा लगाए जा रहे हैं।

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संघर्षविराम और भविष्य की राह

10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता से संघर्षविराम की घोषणा हुई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। हालांकि कुछ ही घंटों बाद कश्मीर में फिर से गोलीबारी और ड्रोन हमलों की खबरें आईं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान संघर्षविराम तोड़ रहा है, जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया।

निष्कर्ष: संवाद ही समाधान है

भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बहुत नाजुक हैं। कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर टकराव बढ़ चुका है। आम जनता डरी हुई है और शांति चाहती है। ऐसे समय में दोनों देशों के नेताओं को संयम और समझदारी दिखानी होगी। यह संकट बातचीत और विश्वास बहाली से ही सुलझ सकता है। दुनिया के बड़े देशों और संगठनों को भी चाहिए कि वे इस शांति प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाएं।


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