रामनवमी महोत्सव 6 अप्रैल 2025 - दुनियाँ के कई देशों में श्री राम जन्मोत्सव महोत्सव का आगाज़ | Naya Sabera Network

Ram Navami Festival 6 April 2025 - Shri Ram Janmotsav Festival begins in many countries of the world | Naya Sabera Network

मंगल भवन अमंगल हारीlद्रवदु सु दशरथ अज़िर बिहारीll राम सिया राम।सिया राम जय जय राम।।

रामायण में राम के जीवन से जुड़ी कथाओं में वर्णित अयोध्या, रामेश्वरम,भद्राचलम व सीतामढ़ी सहित पूरे विश्व में विशाल स्तरपर रामनवमी जन्म महोत्सव का आगाज़-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियाँ में भारत को आध्यात्मिकता, मान्यताओं, प्रथाओं एवं पूजास्थलों का बॉस कहा जाता है, क्योंकि यहां सभी धर्मो जातियों के त्योहारों को धर्मनिरपेक्षता के साथ धूमधाम से सभी मिलकर मनाते हैं,चाहे ईद हो या रामनवमी, गुरुनानक जयंती हो या 25 दिसंबर क्रिसमस डे, सभी उत्सव में सभी धर्म समाजों के लोग शामिल होते हैं। मैं खुद भी कई बार मंदिरों मस्जिदों गुरुद्वारों व चर्चा में भी होकर आया हूं,बड़ी खूबसूरती लगती है जब सर्वधर्म समभाव का सटीक उदाहरण ग्राउंड जीरो पर दिखता है। परंतु कुछ चंद असामाजिक तत्वों की आंखों से यह देखा नहीं या सहन नहीं किया जा सकता, और वे इन खूबसूरत उत्सवों में व्यवधान उत्पन्न करते हैं, खासकर ईद व रामनवमी के जुलूस में पथराव! परंतु अभी शासन प्रशासन पुलिस विभाग, बिजली विभाग, आरटीओ विभाग सहित सभी विभाग अति सतर्कता से कम कर तथा अपनी अपनी गाइड लाइंस जारी कर रहे हैं, जिसको सुरक्षा के लिए रेखांकित किया जा सकता है।रामायण में राम के जीवन से जुड़ी कथाओं में वर्णित कई शहरों में बड़े पैमाने पर उत्सव मनाया जाता है। इनमें अयोध्या (उत्तर प्रदेश), रामेश्वरम (तमिलनाडु), भद्राचलम (तेलंगाना) और सीतामढ़ी (बिहार) शामिल हैं। राम नवमी से जुड़े अनुष्ठान और रीति-रिवाज पूरे भारत में अलग- अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं। दुनिया के कई देशों में भगवान राम की पूजा होती है,रामायण भी कई देशों में लोकप्रिय है,रामायण लोकप्रिय देश: (1) थाईलैंड में रामायण को राष्ट्रीय पुस्तक माना जाता है. थाई भाषा में इसे राम-कियेन कहते हैं। (2) इंडोनेशिया में रामायण को राष्ट्रीय काव्य माना जाता है. यहां काकविन रामायण पढ़ी जाती है। (3) बर्मा में रामायण को अनौपचारिक रूप से राष्ट्रीय महाकाव्य माना जाता है।यहां इसे यमयान के नाम से जाना जाता है। (4) मलेशिया में रामायण को हिकायत सेरी राम के नाम से जाना जाता है। (5) नेपाल में भगवान राम को दामाद माना जाता है। (6) कंबोडिया, जावा, चीन में भी रामायण का बड़ा महत्व है। (7) लाओस, फिलीपींस, श्रीलंका, जापान, मंगोलिया, वियतनाम में भी रामायण का प्रचलन है,रामायण का प्रभाव राम की कहानी एशिया के लाओस, कंबोडिया और थाईलैंड से लेकर दक्षिण अमेरिका के गुयाना और अफ़्रीका के मॉरीशस तक लोकप्रिय है।फिलीपाइन्स, चीन, जापान और प्राचीन अमरीका तक राम-कथा का प्रभाव मिलता है। इसी क्रम में हमारी राइस सिटी गोंदिया नगरी में भी तैयारियां बड़े जोर शोर से शुरू है। गोंदिया श्री राम जन्मोत्सव समिति तथा श्री राम कथा आयोजन समिति से 6 अप्रैल की रामनवमी महोत्सव व 10 अप्रैल से शुरू हो रहे राम कथा के लिए, संगठन समितियों संस्थाओं के प्रमुखों को रामनवमी महोत्सव व शोभायात्रा तथा में आने के लिए पदाधिकारी स्वयं जाकर आमंत्रण उनको सम्मानित रूप से देकर आ रहे हैं जो रेखांकित करने वाली बात है। चूँकि भारत से दुनियाँ के कई देशों में राम जन्मोत्सव का आगाज हो रहा है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे रामनवमी महोत्सव 6 अप्रैल 2025 दुनियाँ के कई देशों में श्री राम जन्मोत्सव का आगाज़ उल्लेखनीय है। 

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साथियों बात अगर हम प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 6 अप्रैल 2025 को राम जन्मोत्सव,व श्री राम कथा को मनाने की करें तो,हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम जी के जन्म पर्व के कारण ही इस तिथि कोरामनवमी कहा जाता है। भगवान राम को विष्णु का अवतार माना जाता है। धरती पर असुरों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में श्रीराम के रूप में मानव अवतार लिया था। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन काल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विपरीत परिस्थियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा में रहते हुए जीवन व्यतीत किया। इसलिए उन्हें उत्तम पुरुष का स्थान दिया गया है। इस दिन विशेष रूप से भगवान राम की पूजा अर्चना और कई तरह के आयोजन कर उनके जन्म के पर्व को मनाते हैं। वैसे तो पूरे भारत में भगवान राम का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन खास तौर से श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस पर्व को बेहद हर्षोल्ललास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के समय अयोध्या में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगणों के अलावा साधु- संन्यासी भी पहुंचते हैं और रामजन्म का उत्सव मनाते हैं।रामनवमी के दिन आम तौर पर हिन्दू परिवारों में व्रत-उपवास, पूजा पाठ व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। राम जी के जन्म के समय पर उनके जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है और खुशियों के साथ उनका स्वागत किया जाता है।कई घरों में विशेष साज-सज्जा कर, घर को पवित्र कर कलश स्थापना की जाती है और श्रीराम जी का पूजन कर, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम के साथ माता जानकी और लक्ष्मण जी की भी पूजा होती है।हिंदू धर्म में भगवान राम को आदर्श पुरुष और महान योद्धा के रूप में पूजा जाता है। उनकी उपासना से साधक को सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं व्यक्ति की अध्यात्मिक उन्नति भी होती हैं। इस दौरान राम जी को प्रसन्न और उनकी विशेष कृपा पाने के लिए राम नवमी की तिथि को सबसे शुभ माना गया है। बता दें, रामनवमी भगवान राम के जन्म के अवसर में मनाई जाती है। इस दिन उनकी पूजा-अर्चना और दान-पुण्य से जुड़े कार्य करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्री राम नवमी की कहानी लंका के राजा 'रावण' से शुरू होती है, उसके शासन में लोग आतंकित थे और उससे मुक्ति पाना चाहते थे।रावण ने भगवान ब्रह्मा से ऐसी शक्ति प्राप्त की थी कि वह कभी भी देवताओं या यक्षों (देवताओं) के हाथों नहीं मारा जाएगा. वह सबसे शक्तिशाली था, इसलिए, इस आतंक के कारण, सभी देवता मदद के लिए भगवान विष्णु के पास गए,इस प्रकार, राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया. तब से, इस दिन को श्रीरामनवमी के रूप में मनाया जाता है। साथ ही, चैत्र शुक्ल नवमी को ही तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखना बहुत समय से शुरू किया था। 

साथियों बात अगर हम श्री राम के अनुयायियों को इन प्रमुख बातों को अपने जीवन में अनुसरण करने की करें तो, राम नवमी इस साल 6 अप्रैल,रविवार को पूरे भारत में मनाई जा रहा है, इस दिन सभी भारतवासी पूरे उत्साहपूर्वक बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान राम जन्म का प्रतीक माना जाता है. रामनवमी के इस खास मौके पर लोगों को भगवान राम के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों को अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए। भगवान राम की इन प्रेरणा दाई आदतों को अपनाने वाला इंसान जीवन की हर बाधा को पार करने में सक्षम हो जाता है, वह कठिन से कठिन परिस्थितियों को आसानी से निपटने में माहिर हो जाता है, ऐसे में इस आर्टिकल में बताई गई भगवान राम के इन गुणों को अमल में लाएंगे, यह आपके जीवन को बहुत ही सरल बनाने का काम करेगा। (1) संयम से काम करना-हमें अपने जीवन में प्रभु श्री राम से सीख लेनी चाहिए कि आखिर कैसे उन्होंने 14 वर्षों तक वनवास में रहकर संयम के साथ कार्य किया था, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में ऐसे ही काम करना चाहिए। (2) पूरी तरह से ज्ञान होना-जीवन में ज्ञान बहुत मायने रखता है, क्योंकि ज्ञान के जरिए इंसान अपने लक्ष्य को हासिल करता है. ऐसे में व्यक्ति को हर क्षेत्र का बखूबी ज्ञान होना जरूरी है, क्योंकि इसी के बदोलत वह हर कम को अच्छे से जानकार आगे की ओर बढ़ सकता है।श्री राम ने भी अपने जीवन में ज्ञान की हर कसौटी को हासिल किया था। (3) अच्छी दोस्ती-हमें अपने जीवन में सबके साथ अच्छा संबंध बनाकर रखना चाहिए. चाहे वो दोस्ती हो, या फिर प्रेम सबके साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए, इस राम नवमी आप अपने ऊपर ये गुण उतार सकते है। (4) मदद या भलाई करना-प्रभु राम के जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए कि हमें दूसरों के प्रति मदद की भावना रखना चाहिए. जरुरतमंद लोगों की हर मुश्किल परिस्थितियों में साथ देना चाहिए।

साथियों बात अगर हम हमारी राइस सिटी गोंदिया में भी श्री राम जन्मोत्सव महोत्सव मनाने की तैयारी की करें तो,महाराष्ट्र की राइस सिटी गोंदिया में रामजन्मोत्सव को लेकर रामभक्तों में उत्साह का माहौल है। सभी पूजा की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हैं। सभी समाजों के संगठनों में में भी रामनवमी पूजा की विशेष तैयारी की गयी है। गली- मुहल्ले से लेकर मुख्य चौक राम पताकों से पटा हुआ है। मेन रोड स्थित चौकों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मेन रोड की सड़क के दोनों ओर दर्जनों पताकाएं लहरा रहा है। गोंदिया में पारंपरिक ढंग से रामनवमी का त्योहार घर-घर में मनाया जा रहा है। झंडा पूजा कर घरों के सामने प्रभु श्री राम  पताकाएं लहराया जा रहा है।रामनवमी को सुबह में पूजा अर्चना का दौर, दोपहर बाद प्रभु श्री राम के स्वरूपों और  झंडों के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली जारही है। शोभायात्रा परंपरागत मार्ग से होकर गुजरेगी। इस दौरान बजरंगबलि के भक्त अस्त्र-शस्त्र का करतब भी दिखाएंगे। रामनवमी पूरे भक्तिभाव के साथ आनंद के वातावरण में मनायीजा रही है।

साथियों बात अगर हम विभिन्न राज्यों की राम जन्मोत्सव रामनवमी के आयोजन पर पुलिस,बिजली विभाग ट्रैफिक विभाग, सहित अनेक विभागों द्वारा अपनी रणनीति व दिशा निर्देशों की करें तो,रामनवमी जुलूस को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है, निकलने वाले रामनवमी जुलूस को लेकर विद्युत आपूर्ति के विद्युत अधीक्षण अभियंता ने पत्र जारी कर सभी रामनवमी पूजा समितियों से सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतर्कता बरतने का आग्रह किया है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। विद्युत अधीक्षण अभियंता ने रामनवमी पूजा समिति से अपील की है कि झंडा खड़ा करते समय बिजली के तार या उपकरण का ध्यान रखें,किसी भी प्रकार की लापरवाही से अप्रिय घटना हो सकती है,बसों व अन्य बड़े वाहनों की छत पर कोई व्यक्ति न बैठे और न ही उस पर कोई ऊंची सामग्री या ऊंचा झंडा लगाया जाए। जुलूस के दौरान समिति के स्वयंसेवक जुलूस के साथ चल रहे श्रद्धालुओं पर लगातार विशेष नजर रखें, ताकि किसी की लापरवाही या गलती से कोई दुर्घटना न हो. श्रद्धालु या आम लोग जुलूस के मार्ग में पड़ने वाले बिजली के तार या उपकरण को न छुएं और न ही किसी डंडे या अन्य माध्यम से उनसे संपर्क करने का प्रयास करें। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेष कारण करें तो हम पाएंगे कि रामनवमी महोत्सव 6 अप्रैल 2025 - दुनियाँ के कई देशों में श्री राम जन्मोत्सव महोत्सव का आगाज़।मंगल भवन अमंगल हारीlद्रवदु सु दशरथ अज़िर बिहारीll राम सिया राम l सिया राम जय जय राम llरामायण में राम के जीवन से जुड़ी कथाओं में वर्णित अयोध्या, रामेश्वरम, भद्राचलम व सीतामढ़ी सहित पूरे विश्व में विशाल स्तरपर रामनवमी जन्म महोत्सव का आगाज़।


-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425


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