UP News: आर्ट ऑफ लिविंग के रीकनेक्ट कार्यक्रम से पुराने लोगों के फिर मिला आत्मिक ऊर्जा का नया संचार | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
बरेली। "पुराने को नए से जोड़ना और नए को लेकर आगे बढ़ाना" इसी उद्देश्य के साथ "रीकनेक्ट" कार्यक्रम किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से एग्जीक्यूटिव क्लब हॉल में हुए कार्यक्रम में जहां टीचर्स और प्रतिभागियों ने आत्मिक जुड़ाव और ऊर्जा का अनुभव साझा किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पार्थो कुनार और श्वेता कुनार ने की जिसके बाद एक-एक कर अन्य टीचर्स भी इस पहल में जुड़े। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन लोगों के लिए था, जिन्होंने पहले आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स किए हैं और जीवन की व्यस्तता में कहीं न कहीं उस ऊर्जा से दूर हो गए थे। गुरुपूजा से लेकर योग और फिर कोर्स के मूल बिंदुओं को सातों स्तरों पर समझाते हुए सभी टीचर्स ने प्रतिभागियों को दोबारा उस जुड़ाव की अनुभूति कराई। कार्यक्रम का समापन समर्पण और कमिटमेंट के साथ हुआ, जो आत्मिक उन्नति का प्रतीक रहा।
एक खास बात यह रही कि सभी प्रतिभागी कुछ न कुछ बनाकर लाए थे और कार्यक्रम के अंत में लंच में सबने मिलकर भाग लिया। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक परिवार की तरह जुड़ने का प्रयास था।
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कुछ प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनमें से एक ने कहा कि "रीकनेक्ट" में भाग लेने के बाद उन्हें लगा कि उनकी उम्र 10 साल कम हो गई है। एक और प्रतिभागी, जो 2008 से आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े हुए हैं, ने अपने अनुभव को बहुत ही भावुकता के साथ साझा किया।
एक महिला प्रतिभागी ने बताया कि वह पिछले वर्ष कोर्स करने के बाद जीवन से दूर और डिप्रेशन जैसी स्थिति में थीं, लेकिन रीकनेक्ट में आने के बाद वह पूरी तरह से मुक्त महसूस कर रही हैं और उन्होंने इसे जीवनभर के लिए अपनाने का संकल्प लिया। कर्नल पंकज, जो हाल ही में सेना से रिटायर हुए और लखनऊ से बरेली शिफ्ट हुए हैं, ने कहा कि यहां आकर उन्हें आर्ट ऑफ लिविंग में एक भरा- पूरा परिवार मिला है।इस कार्यक्रम का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक पार्थो कुनार, श्वेता, रीना, अमित , सौरभ, गोपाल शरण, पूजा और नेहा ने किया।उपस्थित प्रतिभागियों में जगदीश चंद्र, संगीता, लता, लवली,अंशु पंकज, इंदु, तुषार और मोहित आदि शामिल रहे। निर्भय सक्सेना "रीकनेक्ट" ने न केवल पुरानी स्मृतियों को फिर से जीवंत किया, बल्कि एक नई ऊर्जा, समर्पण और उत्साह के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।
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