शिक्षक और सड़क दोनों मंजिल तक पहुंचाने के कारगर सेतु | Naya Sabera Network

Teacher and road are effective bridges to reach the destination | Naya Sabera Network


शिक्षक और सड़क दोनों एक जैसे, जो खुद जहां है वहीं रहते हैं मगर दूसरों को उनकी मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं

किसी भी देश के आर्थिक, बौद्धिक विकास में शिक्षक और सड़क (यातायात) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना वर्तमान समय की मांग - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावानानी गोंदिया महाराष्ट्र

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - भारत आदि-अनादि काल से संस्कृति,मानवीय सभ्यता, मान-सम्मान की संप्रभुता का अभूतपूर्व ख़जाना भारत माता की मिट्टी में ही समाहित रहा है। ऊपर से सोने पर सुहागा हमारे बड़े बुजुर्गों, बुद्धिजीवियों सहित आध्यात्मिकता के माध्यम से कहावतों, वचनों, शब्दों का ऐसा अनमोल पंक्तियों द्वारा हमारे पास स्वर्ण रूपी संयोजित है, जिसके एक एक शब्द में मोती भरे हैं! अगर भारत का हर नागरिक इन पंक्तियों के बोध का ज्ञान अपने जीवन में अपना कर उसके अनुसार अपने जीवन को ढालें तो यह विचार, कहावतें उन पर आ रही विपत्तियों, तकलीफों, विपरीत समय में एक म ज़बूत ढाल का काम कर सकते हैं!वैसे तो अनेक पंक्तियां, शब्द, वाक्यांश हैं पर हम आज,, शिक्षक और सड़क दोनों एक एक जैसे हैं जो खुद जहां है वहीं रहते हैं मगर दूसरों को उनकी मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं,, इसपर कुछ बातों का को सांझा कर शिक्षा ग्रहण करने की कोशिश करेंगे

साथियों बात अगर हम शिक्षक और सड़क की करें तो दोनों हमारे लिए अति महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आज के परिपेक्ष और डिजिटल भारत में, जैसे हमारा सांस लेना आवश्यक है। इसके बैगर हम जी नहीं सकते है।  वैसे ही शिक्षक और सड़क के बिना विद्यार्थी और लोग अधूरे है।  शिक्षक और सड़क नहीं होंगे तो वह विकास प्राप्त करने में असमर्थ हो जाएंगे।

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साथियों बात अगर हम शिक्षक की करें तो, शिक्षक एक व्यक्ति को कुशल नागरिक बनाता है। शिक्षक वह प्रकाश है जो सभी के ज़िन्दगी में रोशनी भर देता है। शिक्षक एक मोमबत्ती रूपी ज्ञान का उजाला है जो लोगों को अँधेरे से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है। शिक्षक की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। शिक्षक अपने शिक्षा के ज़रिये व्यक्ति समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है।  उनकी शिक्षा की वजह से व्यक्ति में आत्मविश्वास का संचार होता है जिसकी वजह से वह अपने ज़िन्दगी में कुछ कर गुजरने की चाहत रखता है। शिक्षक  एक खूबसूरत आईने की तरह  है जिससे व्यक्ति अपने वजूद की पहचान कर पाता है। शिक्षा वह मज़बूत ताकत है जिससे हम समाज को सकारात्मक बदलाव की ओर ले जा सकते है। शिक्षक विद्यार्थिओं का मार्ग दर्शक है। ज़िन्दगी के कठिन मोड़ पर जब हम रास्ता भटक जाते है तो कोई न कोई इंसान शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाता है। कम उम्र में बच्चे का जीवन गीली मिटटी की तरह होता है।  तब शिक्षक एक कुम्हार की तरह उसे शिक्षा रूप हाथों से एक मज़बूत आकार प्रदान करता है।शिक्षक विद्यार्थिओं को आने वाले बेहतर भविष्य के लिए तैयार करते है। विद्यार्थी के मन में विषय संबंधित और जीवन संबंधित कोई भी दुविधा आये तो शिक्षक उस दुविधा को हल करने में हर मुमकिन कोशिश करता है।

शिक्षक की मेहनत की वजह से कोई डॉक्टर ,कोई इंजीनियर कोई वकील,सीए,पायलट सैनिक इत्यादि बन कर अपनी मंजिल पर पहुंच जाते है।अगर शिक्षक नहीं होंगे तो यह पद पर कोई  व्यक्ति कार्यरत नहीं हो पाएंगे । शिक्षक इंसान को अच्छे और बुरे के बीच फर्क करना सिखाते है।  वह अधर्म ,घृणा ,ईर्ष्या ,हिंसा इन बुरी आदतों से विद्यार्थिओं को दूर रहना सिखाते है। शिक्षक शिष्टता ,सहनशीलता ,धैर्य से जीवन के संघर्षों से पार करना सिखाते है। इसलिए हम कह सकते हैं कि शिक्षक विद्यार्थियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।

साथियों बात अगर हम सड़क की करें तो, किसी भी देश के आर्थिक विकास में यातायात एवं संचार के साधनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। देश का कृषि, व्यापार व औद्योगिक विकास परिवहन के साधनों पर ही निर्भर करता हैं।परिवहन एक महत्वपूर्ण तृतीयक व्यवसाय हैं। आज के परिपेक्ष में बिना सड़क के मानवीय जीवन अधूरा है। इसके बिना जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता, हालांकि हजारों या सैकड़ों वर्षों पहले हमारे पूर्वज उस परिस्थितियों से दो चार हुए होंगे पर अभी आधुनिक डिजिटल युग में यह संभव नहीं।

साथियों बात अगर हम सड़क निर्माण के विशाल चरणों और सड़क के महत्व की करें तो, सड़क निर्माण में कार्य के कई चरण हैं, जैसे क्षेत्र सर्वेक्षण, मिट्टी सर्वेक्षण, यातायात सर्वेक्षण, ज्यामितिक डिज़ाइन, संरचनीय डिज़ाइन, और वास्तविक निर्माण क्षेत्र। भारत में सड़कें हाथों के श्रम से, या यंत्रों से, बनाई जाती है। पहले देश में मजदूर बहुतायत से मिलते थे जिसके कारण शारीरिक श्रम का ही अधिकतर प्रयोग किया जाता है, परंतु अब सब मशीनीकरण से हो गया है। भारतीय सड़कों का जाल विश्व का सबसे बड़ा सड़क जाल है। सड़क परिवहन छोटी एवं मध्यम दूरी तय करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह विश्वसनीय, तेज, लचीला तया मांगपूरित तरीका है, जो घर-घर जाकर सेवाएं उपलब्ध करा सकता है। यह गांवों को बाजारों, कस्बों, प्रशासनिक व सांस्कृतिक केन्द्रों से जोड़ता है और इस प्रकार उन्हें देश की मुख्य धारा में शामिल करता है। सड़क परिवहन सुदूरवर्ती पहाड़ी, मरुस्थलीय, जनजातीय तथा पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ता है। सड़कें भी विभिन्न प्रकार के लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंच आती है जैसे, राष्ट्रीय राजमार्ग-ये राजमार्ग देश की चौड़ाई एवं लंबाई के अनुसार बिछाये गये हैं। ये राज्यों की राजधानियों, बंदरगाहों, औद्योगिक  व खनन क्षेत्रों तथा राष्ट्रीय महत्व के शहरों एवं कस्बों को जोड़ते हैं।प्रांतीय राजमार्ग- ये एक राज्य के भीतर व्यापारिक एवं सवारी यातायात के मुख्य आधार होते हैं। ये राज्य के प्रत्येक कस्बे को राज्य की राजधानी, सभी जिला मुख्यालयों, राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग से संलग्न क्षेत्रों के साथ जोड़ते हैं। जिला सड़कें: ये सड़कें बड़े गांवों एवं कस्बों को एक-दूसरे से तथा जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं। ये अधिकांशतया कच्ची होती हैं। इनका निर्माण एवं रख-रखाव जिला परिषदों या सम्बंधित सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है। ग्रामीण सड़कें: ये सड़कें गांवों को जिला सड़कों से जोड़ती हैं। ये सड़कें प्रायः कच्ची, संकरी तथा भारी वाहन यातायात के अनुपयुक्त होती हैं। इनका निर्माण एवं रख-रखाव ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है। इन चारों के अतिरिक्त, सड़कों के तीन और अन्य प्रकार हैं- सीमा सड़कें, अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग और द्रुत राजमार्ग।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि शिक्षक और सड़क मंजिल तक पहुंचाने के सेतु हैं,शिक्षक और सड़क दोनों एक जैसे जो खुद जहां है वहीं रहते हैं मगर दूसरों को उनकी मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं। किसी भी देश के आर्थिक, बौद्धिक विकास में शिक्षक और सड़क की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना वर्तमान समय की मांग।

-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425

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