National : ग्रामीण जीवन और लोक संस्कृति के चितेरे भगवानदास मोरवाल को मिलेगा 'हिंदी अकादमी विशिष्ट योगदान सम्मान' | Naya Savera Network
अश्वनी तिवारी @ नया सवेरा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा घोषित पुरस्कारों में साल 2022-23 का एक लाख रुपए का 'हिंदी अकादमी विशिष्ट योगदान सम्मान' मेवात के प्रेमचंद और लोक संस्कृति व ग्रामीण जीवन के चितेरे भगवानदास मोरवाल को देने की घोषणा की है। इससे पूर्व भी इन्हें दो बार हिंदी अकादमी का ‘साहित्यिक कृति पुरस्कार’ और ‘साहित्यकार सम्मान’ से नवाज़ा जा चुका है। विदित है कि हाल में इन्हें एक-एक लाख रुपए के ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ तथा भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता के 'कर्तृत्व समग्र सम्मान' से भी नवाजा गया था।
भगवानदास मोरवाल के अब तक ‘काला पहाड़’, ‘बाबल तेरा देस में’, ‘रेत’, ‘नरक मसीहा’, ‘हलाला’, ‘सुर बंजारन’, ‘वंचना’, ‘शकुंतिका’, ख़ानज़ादा’, ‘मोक्षवन’, काँस’ जैसे ग्यारह उपन्यास सहित दो दर्ज़न से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं l जिनके माध्यम से मेवात के बहाने भारतीय लोक-जीवन की अनेकानेक छवियों, उसकी त्रासदियों, विडंबनाओं, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विद्रूपताओं यादगार चित्र देखे जा सकते हैं। इनकी अनेक पुस्तकें और रचनाएँ देश के अनेक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही हैं। अनेक भाषाओं में अनुवाद के साथ 70 से अधिक पीएच-डी. शोध हो रहे हैं अथवा हो चुके हैं।