Bareilly News : कमाल के थे विंटेज कार के शौकीन कमाल अहमद करीम | Naya Savera Network


गांधी के हत्यारे नाथु राम गोडसे की कार कवाड़ से खरीद कर जीते विंटेज कार रेली वाली ट्रॉफी

निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा 

बरेली। कमाल के थे कमाल अहमद करीम साहब। जिंदादिल । विंटेज कार के शौकीन। देश भर में विंटेज कार रैली में अपनी अमरीकन स्टूडी बेकर नंबर यू एस एफ =73 नंबर की कार, जिसे उन्होंने किलर नाम दिया था,  से उन्होंने विंटेज कार रैलियों में अपनी अलग पहचान बनाकर 80 से अधिक ट्रॉफियां भी जीती थीं। इसके अलावा उनके पास 1890 मॉडल हैम्बर्ग कार भी थी जो कोयले की भांप से लकड़ी के तीलियों वाले पहिए पर चलकर तीन किलोमीटर का एवरेज देती थी। जिसे बाद में उन्होंने वियर किंग विजय माल्या को बेंच दिया था। लखनऊ से इंजीनियर कमाल अहमद करीम बरेली महेंद्रा कंपनी की वर्कशॉप में आए थे जिसमें रोडवेज की कभी बसें ठीक होती थी। बाद में महेंद्रा का वर्कशॉप अन्यत्र शिफ्ट होने पर कमाल अहमद ने नौकरी छोड़कर अपना वर्कशॉप खोल लिया था। सिविल लाइंस हनुमान मंदिर, बरेली के पीछे उनके वर्कशॉप कभी राजनीतिक नेताओं के जमावड़े के रूप में भी प्रसिद्ध थी जिसमें काबर , वर्तमान भोजीपुरा,  के विधायक  एवं प्रदेश में मंत्री रहे भानु प्रताप सिंह का दरबार लगता था। कई कांग्रेस नेताओं की बैठकी भी होती थी। मुझे भी उसमे अक्सर बैठने का मौका मिला था। 




बात हो रही थी कमाल अहमद करीम की। मस्तमौला हष्ट पुष्ट छह फिट से अधिक लंबाई वाले इंजीनियर  कमाल साहब के पास विंटेज कारों का इतिहास था। वह बताते थे कि दिल्ली के बिरला मंदिर में नाथू राम गोडसे महात्मा गांधी की हत्या के बाद अपने साथियों के साथ अमरीकन स्टूडी बेकर से निकल भागा था। बाद में यह कार  बनारस में पकड़ी गई थी।   कमाल  अहमद ने उस कबाड़  कार को नीलामी में खरीद कर बरेली लाए और उसे ठीक कर उसको विंटेज कार रैलियों में "किलर" नाम दिया जिसे उसकी अलग पहचान बनी। दिल्ली, जयपुर, नैनीताल की विंटेज कार रेलियों में उसे देखने को लोगो की भीड़ लगती थी। बाद में उन्होंने इस किलर कार को भी दिल्ली में  बिरला मंदिर के पास रहने वाले परवेज अली को बेंच दिया था। इस प्रकार बिरला मंदिर से भागी किलर कर फिर उसी क्षेत्र में पहुंच कर आज भी परवेज अली की कोठी में खड़ी बताई जाती है ।


अपनी 1890 मॉडल हैम्बर्ग  कार  को  उन्होंने विजय माल्या को बेचा था। उनके पास कई कवाड़ विंटेज कार  आती थी जिसे वह अपनी कई वर्ष की  मेहनत से ठीक करते थे। उन्होंने बरेली में हामिद अली उर्फ हीरो नामक बालक  को मेकेनिक के  गुर सिखाकर उसे भी उन्होंने पहचान दिलाई।  अपनी किलर, हेंजर आदि विंटेज कार से उन्होंने  80 से अधिक देश भर की कार रेलियों में हिस्सा लेकर ट्रॉफी जीती थीं। हैंजर अभी भी इंग्लैड के किसी म्यूजियम में खड़ी बताई जाती है। बरेली में सिविल लाइन हनुमान मंदिर के पीछे कमाल साहब का बहुत बड़ा कार गेराज था। वहीं एक कमरे में उनका निवास भी था। जिसमे पुरानी विंटेज कार के फोटो और उनकी कार रैली में जीती हुई ट्रॉफी भी बेतरतीब ढंग से रखी रहती थी। 

कमाल अहमद करीम  साहब के गेराज में कई पुरानी विंटेज कार कई राज्यों से मरम्मत को भी आती रहती थी। जब भी उनसे भेंट होती थी वह विंटेज कार पर ही अधिक चर्चा करते थे। बताते थे कि उन्होंने कई राजघराने में  कवाड़ में पड़ी कार को खरीद कर उन्हे नया जीवन दिया। बरेली में भी उन्होंने कई बार विंटेज कार रैली कराई जिसमे देश भर से आई पुरानी कार देखने का बरेली के लोगो को भी सौभाग्य मिला। मेरा भी सौभाग्य रहा की बरेली पुलिस लाइन से फतेहगंज पश्चिमी स्थित सिंथेटिक एंड केमिकल फैक्टरी (रबड़ फैक्टरी) तक निकली विंटेज कार रैली में पत्रकार साथियों के साथ रहने का अवसर मिला।  रबड़ फैक्टरी में बने स्विमिंग पूल के पास ही फैक्टरी प्रबंधन ने पुरस्कार वितरण एवम लंच की व्यवस्था की थी। 


     

 जिसमे पत्रकार मुंशी प्रेम नारायण, सुरेश शर्मा, निर्भय सक्सेना, अनिल सक्सेना के अलावा सूचना अधिकारी सुशील गुप्ता भी शामिल हुए थे।  कमाल साहब के गेराज पर राजनेताओं की भी बैठकी होती थी। कांग्रेस सांसद एवम उत्तर प्रदेश के पूर्व गन्ना मंत्री भानु प्रताप सिंह तो अक्सर अपने मिलने वालो को कमाल साहब के यहां मिलने का फोन पर ही आमंत्रण भेजते थे। भानु प्रताप सिंह जी  के शुभचिंतक उनके लिए नाश्ता भोजन भी साथ लाते थे। जिसमे हम लोग भी शामिल होते थे। उस बैठकी में जसवंत बब्बू, वीर बहादुर सक्सेना,  बसंत चौहान, राजेंद्र पाल आर्य, अनवर जावेद, राम गोपाल,  निर्भय सक्सेना आदि भी शामिल होते थे।

बात हो रही थी कमाल साहब की। वैसे तो उनकी राजनीति में रुचि कम रहती थी। पर वह चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशियों की जीत के समीकरण पर चर्चा जरूर कर लोगो को सटीक जानकारी भी देते थे। और अपने चहेतो  से मुस्लिम सीट का फीड बेक जुटा भी लेते थे। मुस्लिम होने के बाबजूद उनके हिंदू शुभचिंतक अधिक थे। कमाल  साहब के निधन के बाद वह गेराज अब वेंकट हाल में तब्दील हो गया। अविवाहित कमाल साहब के साथ रहे हामिद अली उर्फ हीरो ने बताया कि उन्होंने बरेली के दोहरा रोड पर केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद के भाई की 1950 मॉडल ड्यूक विंटेज कार के अलावा जी  आर एम के राजेश जोली की भी कई विंटेज कारों एवं दुर्गा मिल के योगेश अग्रवाल 1952 मॉडल फोर्ड परफेक्ट की  कार को ठीक किया था। जो आज भी चालू हालत में  बताई जाती हैं ।


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