Bareilly News : गोवर्धन चतुर्वेदी ने छात्र संघ से लेकर सांसदी चुनाव में निभाई प्रभारी की भूमिका | Naya Savera Network
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय गोवर्धन चतुर्वेदी भले ही आज हम सबके बीच नहीं हों पर पार्टी के प्रति एक कार्यकर्ता की निष्ठा क्या होती है यह उनके साधारण व्यक्तित्व से ही उजागर होता था। आज भले ही कार्पोरेट कल्चर वाली बीजेपी हाईटेक दौर में आकर सत्ता के शीर्ष पर है पर बरेली में गोवर्धन चतुर्वेदी के संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता। उस समय विपक्ष में रहकर भी कांग्रेसी सत्ता से टकराने का जज्बा उन्होंने कई कार्यकर्ताओं में भरा। सांसद के लिए हो, विधायक या नगर निगम के लिए चुनाव हो घर घर से वोट कैसे निकालना है यह उनकी अगवानी में ही पार्टी कार्यकर्ता सीखते थे। बीजेपी के आठ बार के संसद रहे संतोष कुमार गंगवार, अब झारखंड के माननीय राज्यपाल, के वह काफी करीबी थे।
मथुरा से आकर बरेली को अपना कार्यक्षेत्र उन्होंने बनाया। बरेली में राम जन्म भूमि आंदोलन में अशोक सिंघल एवं संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता राम लाल जी सक्रिय भूमिका भी उनकी रही। जेल भी गए। पर राम मंदिर बनने को वह नहीं देख सके क्योंकि उन्होंने अपना शरीर 7 जून 2006 को ही त्याग दिया था। देश में कांचीपुरम की घटना के बाद बरेली के गुलाब राय इंटर कॉलेज मैदान पर विराट हिन्दू सम्मेलन हुआ था जिसमें हरिद्वार के स्वामी प्रकाशानंद, प्रभु दत्त ब्रह्मचारी, दाऊ दयाल खन्ना, विजय राजे सिंधिया, उमा भारती, आदि काफी साधु संत शामिल हुए थे। इसी विराट सम्मेलन में राम जन्म भूमि मंदिर का भी प्रस्ताव पारित हुआ था। विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच बजरंग दल आदि में पदाधिकारी रहे गोवर्धन चतुर्वेदी जी ने उसमें संचालक की महत्ती भूमिका निभाई थी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी की देश में निकली एकता यात्रा में गोवर्धन चतुर्वेदी ब्रज क्षेत्र के यात्रा संयोजक बने थे। मूलं रूप से मथुरा के स्वतंत्रता सेनानी अध्यापक रहे अयोध्या नाथ चतुर्वेदी गुलाबो देवी के परिवार में 14 सितंबर 1952 को जन्मे गोवर्धन चतुर्वेदी ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद मथुरा के किशोरी रमन इंटर कॉलेज में शिक्षा पाई।
उनके साथ संघ के वर्तमान वरिष्ठ नेता राम लाल जी भी उनके सहपाठी रहे । किशोरी रमन कॉलेज छात्र संघ चुनाव में गोवर्धन चतुर्वेदी विद्यार्थी परिषद के टिकट पर महामंत्री चुनाव भी जीता। बाद में वह परिवार के साथ बरेली आ गए और शाहबाद में चौबे जी वाली गली में स्थित मंदिर में निवास कर मंदिर की सेवा में भी रत रहे। बरेली कॉलेज से दो विषय में एम ए की शिक्षा के बाद उन्होंने हरिद्वार में सरकारी खाद एवं रसद विभाग में नौकरी की। 1975 में देश में आपातकाल के समय सरकारी नौकरी छोड़कर बरेली में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े होने पर जनसंघ के आंदोलन में पर्दे के पीछे रह कर आंदोलन में भूमिका निभाई। बाद में वह 1990 में बीजेपी के महामंत्री भी बने। उस समय अजय अग्रवाल अध्यक्ष थे। 1996 में बीजेपी में बरेली में उपाध्यक्ष भी रहे।
प्रमोद महाजन से भी उनके अच्छे संबंध रहे। बीजेपी सांसद रहे आछू बाबू एवं संतोष कुमार गंगवार के चुनावी रण में चुनाव प्रभारी की भी भूमिका निभाई और विजय भी दिलाई थी। उनका विवाह मथुरा के सरगुजा परिवार की सुधा चतुर्वेदी से 1962 में हुआ था। जिससे उनके दो पुत्र कपिल एवं कमल चतुर्वेदी एवं एक बेटी कल्पना हुई । जो अब सभी विवाहित एवं परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके पुत्र कमल चतुर्वेदी बरेली में पूर्व अध्यक्ष भारतीय युवा मोर्चा के भी रहे। पेट्रोल कारोबार में भी भागीदार रहे । अब भारत सेवा ट्रस्ट पर रहकर बीजेपी में राजनीति से जुड़े हुए है । कपिल चतुर्वेदी किराना कारोबार है।उनके अनिरुद्ध अदित्य लक्ष्य अर्नव चार प्रपौत्र हैं। कमल चतुर्वेदी के शाहबाद मंदिर पर प्रतिवर्ष दीपावली के बाद अन्नकूट पर्व पर संतोष कुमार गंगवार, डॉ अरुण कुमार, बीजेपी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल सहित काफी नेता अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करते हैं। मुझे भी भाई स्वर्गीय दिनेश पवन के साथ प्रसाद पाने का सौभाग्य मिला।