तुलसी जयंती विशेष... | #NayaSaveraNetwork
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कहा जाता है कि साहित्य समाज का दर्पण है।समाज में रहकर मनुष्य जो सुख - दुख का अनुभव करता है साहित्य से जाना जा सकता है।ऐसे ही हिंदी साहित्य के भक्तिकाल में रामचरितमानस जैसे महान ग्रंथ के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास हुए ।विराट व्यक्तित्व के धनी तुलसीदास ने अंधकार के गर्त में पड़े हुए समाज को सही राह दिखाया ।समाज आज भी उनका ऋणी है। इतना ही नहीं उन्होंने सगुण -निर्गुण,शैव - वैष्णव,भाग्य - पुरुषार्थ, भोग -त्याग, पुरुष -नारी आदि का समन्वय भी किया ।बारह (रामचरितमानस, वैराग्य संदीपनी , रामाज्ञाप्रश्नावली,रामललानहछू,पार्वतीमंगल, कृष्ण गीतावली , गीतावली, विनयपत्रिका, बरवैरामायण,दोहावली,जानकीमंगल , कविता वली, आदि)अमूल्य ग्रंथों को प्रस्तुत कर बहुत ही महानता कार्य किया। रामचरितमानस इन्होंने युवावस्था में लिखा था, जिसे पूरा करने में 2 वर्ष ,7माह,26 दिन का समय लगा था।और सबसे मजे की बात तो यह है की तुलसी ने सर्वप्रथम मानस रसखान को सुनाई थी,राम के उपासक तुलसी ने जीवन के कठिन पलों को झेलते हुए क्या कुछ नहीं सहा। माता -पिता से लेकर समाज तक उन्हें कई बार कठिन क्षणों से गुजरना पड़ा।फिर भी उन्होंने निष्ठा के साथ कर्तव्यपथ को निभाया। प्रतिभा के धनी तुलसीदास जी की कीर्ति समाज में सदा अमर रहेगी।
- अनामिका तिवारी "अन्नपूर्णा"✍️