प्रधानमंत्री आवास का पैसा मिलते ही प्रेमी के साथ फुर्र हो गईं 11 विवाहित महिलाएं | #NayaSaveraNetwork
- रिपोर्ट में हुआ खुलासा
- पति लगा रहे थाने का चक्कर, दर्ज हुआ एफआईआर
- 40,000 रुपए की पहली किस्त खाते में आते ही पतियों को छोड़ा
- 2,350 लाभार्थियों को हाल ही में मिली थी धनराशि
नया सवेरा नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एक खबर इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां की 11 विवाहित महिलाएं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसा मिलने के बाद कथित तौर पर अपने प्रेमियों के साथ रफूचक्कर हो गईं। गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को स्थायी घर बनाने में मदद करती है। रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी महिलाएं महाराजगंज जिले की रहने वाली हैं। बताते चलें कि योजना के तहत 40,000 रुपये की पहली किस्त लेकर वे अपने पतियों को छोड़कर उन लोगों के साथ भाग गईं, जिनके साथ उनका प्रेम संबंध था। इन महिलाओं के पतियों ने घटना की एफआईआर भी दर्ज कराई है।
- दूसरी किस्त का भुगतान रोकने का निर्णय
महाराजगंज जिले में करीब 2,350 लाभार्थियों को हाल ही में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि मिली है। कथित तौर पर ठुठीबारी, शीतलपुर, चटिया, रामनगर, बकुल दीहा, खसरा, किशुनपुर और मेधौली गांव लाभार्थियों के घर हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना के परिणामस्वरूप अधिकारियों ने लाभार्थियों को दूसरी किस्त का भुगतान रोकने का निर्णय लिया है।
- ढाई लाख रुपए तक की सब्सिडी देती है सरकार
प्रधानमंत्री आवास योजना के एक हिस्से के रूप में, सरकार इन गरीब परिवारों को 2.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जो हर परिवार की आय के अनुसार अलग-अलग होती है। हालाँकि, अगर संबंधित अधिकारियों को पैसे दिए गए परिवार में कोई समस्या नज़र आती है, तो वे लाभार्थियों से राशि वापस मांग सकते हैं।
- पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटनाएं
उत्तर प्रदेश में इस तरह की अजीबोगरीब घटना पहली बार नहीं हुई है। पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब महिलाएं अपने प्रेमी के साथ भाग गई हैं। पिछले साल ही, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50,000 रुपये मिलने के बाद करीब 4 विवाहित महिलाएं अपने प्रेमी के साथ भाग गई थीं।
- घरों का निर्माण न शुरू होने से हुआ भंडाफोड़
यह घटना तब उजागर हुई जब पीएमएवाई योजना का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों को पता चला कि घरों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। इन अधिकारियों ने इन परिवारों को नोटिस भी भेजे थे, लेकिन उन्हें उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। आगे की जांच के एक हिस्से के रूप में, जिला शहरी विकास एजेंसी ने चारों महिलाओं के पतियों को नोटिस भेजकर जमीनी स्थिति के बारे में पूछा था।