उत्तर मुंबई ससंदीय क्षेत्र | #NayaSaveraNetwork


  • विजयी हैट्रिक पर भाजपा की नज़र
  • गोयल तोड़ सकते हैं पुराने कीर्तिमान

अजीत कुमार राय

मुंबई। उत्तर मुंबई लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता रामनाईक ने 1989 से 2004 तक 5 लोक सभा चुनावों में विजय पताका फहरा कर इस सीट का नेतृत्व किया है। वहीं 2004 में फिल्म स्टार गोविंदा ने तथा 2009 में संजय निरुपम ने श्री नाईक को हराकर कांग्रेस के लिए सीट जीती थी। 2014 में भाजपा ने दोबारा इस सीट पर कब्जा किया। जब मतदाताओं ने यहाँ से भाजपा के गोपाल शेट्टी को भारी मतों से विजयी बनाकर संसद में भेजा। भाजपा प्रत्याशी को इस क्षेत्र के मतदाताओं ने 2014 में जहाँ 4 लाख 46 हजार मतों से तो वहीं 2019 में 4 लाख 65 हजार मतों से विजय तिलक लगाया था। इस बार भाजपा ने यहाँ से संकटमोचक कहे जाने वाले पीयूष गोयल को मैदान में उतारा है। इस सीट के इतिहास एवं वर्तमान हालात तथा विपक्षी गठबंधन की असमंजस की स्थिति को देखते हुए यह सीट भाजपा की झोली में जाती हुई दिख रही है। वहीं पीयूष गोयल के राजनीतिक एवं व्यक्तिगत कद को देखते हुए जीत के अंतर के पुराने कीर्तिमानों के ध्वस्त होने की संभावना दिख रही है। बात विपक्ष की करें तो अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महाविकास आघाड़ी के बैनर तले यहाँ किस पार्टी का उम्मीदवार मैदान में होगा। इस सीट पर कांग्रेस और शिवसेना की बीच खींचतान दिखाई दे रही है। क्योंकि शरद पवार ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने में कोई रूचि नहीं दिखाई है। ऐसी चर्चा है कि संभावित हार को देखते हुए इस सीट से कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार खड़ा करने की इच्छुक नहीं है। क्योंकि शिवसेना मुंबई से कांग्रेस को दो से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं है, ऐसे में कांग्रेस हारती हुई सीट पर लड़ना नहीं चाहती है। वहीं शिवसेना दक्षिण मुम्बई सीट अपने लिए सुरक्षित करने के लिए उत्तर मुम्बई सीट को कांग्रेस के गले में डालना चाहती है।

  • चुनावी मैदान में संकटमोचक गोयल

भाजपा ने उत्तर मुंबई सीट से पार्टी के संकटमोचक कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को मैदान में उतारा है। पीयूष गोयल को एक प्रभावी 'फ्लोर मैनेजर' और पार्टी का संकटमोचक माना जाता है। तीन तलाक और अनुच्छेद 370 कानून जैसे विधेयकों को पास कराने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। जिस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली बीमार थे तो उनकी अनुपस्थिति में कुछ समय के लिए वह देश के वित्त मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। साल 2019 में पीयूष गोयल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार का बजट पेश किया था, जिसे विशेषज्ञों ने सबसे अच्छा बजट करार दिया था। उनके नाम वित्त मंत्री के रूप में केंद्रीय बजट पेश करने वाले एकमात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट होने का रिकॉर्ड भी है। श्री गोयल 35 साल की राजनीति कैरियर में पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। टिकट की घोषणा होते ही उन्होंने पूरी सक्रियता दिखाते हुए अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। मुंबई में जन्मे गोयल के लिए चुनाव प्रचार नया नहीं है। उन्होंने किशोरावस्था में ही नगर निगम चुनाव और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अपनी मां के लिए वोट मांगा था।

  • विरासत में मिली राजनीति

पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और इन्वेस्टमेंट बैंकर रहे पीयूष गोयल को राजनीति विरासत में मिली। पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता रहे और उन्होंने संघ के दिग्गज बालासाहेब देवरस, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर काम किया था। श्री वेदप्रकाश दो दशकों से अधिक समय तक जहाजरानी मंत्री और बीजेपी के राष्‍ट्रीय कोषाध्यक्ष थे। उनकी मां, चंद्रकांता गोयल, एक बार नगर सेवक व तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनी गईं थीं। 

  • महाविकास आघाड़ी से घोसालकर की चर्चा

भाजपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तर मुंबई लोकसभा सीट पर भले ही कांग्रेस ने 2004 एवं 2009 में अपनी विजयी पताका फहराई थी। लेकिन वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस इस सीट से दूरी बनाए रखने में ही अपना हित देख रही है। ऐसे में यह सीट शिवसेना (यूबीटी) को जाती हुई प्रतीत रही है। ऐसे में महाविकास आघाड़ी उम्मीदवार के तौर पर विनोद घोसालकर के नाम पर चर्चा बड़े ही जोर-शोर से हो रही है. हालांकि, मविआ ने अभी तक इस लोकसभा क्षेत्र के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन विनोद घोसालकर के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपना अभियान शुरू कर दिया है। इसलिए यह देखना अहम होगा कि महाविकास अघाड़ी की ओर से इस सीट से किसे उम्मीदवारी मिलती है और घोसालकर की भूमिका क्या होगी? क्योंकि इस सीट से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस के दो पूर्व सांसद गोविंदा आहूजा एवं संजय निरूपम अपने राजनीतिक रसूख को बचाये रखने के लिए पार्टी से टिकट की उम्मीद कर रहे हैं। परंतु वर्तमान हालात इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस सीट से शिवसेना का ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में होगा।

लेखक जागरूक टाइम्स के एसोसिएट एडिटर हैं।

जागरूक टाइम्स से साभार

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