मुंबई दक्षिण-मध्य लोकसभा सीट | #NayaSaveraNetwork

  • शिवसेना का शिवसेना से होगा सामना!

अजीत कुमार राय 

मुंबई। मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मुंबई की 6 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में मराठी भाषी नेताओं की बहुलता है। 2008 के परिसीमन के बाद, इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र अणुशक्ति नगर, चेंबूर, धारावी (एससी), सायन कोलीवाडा, वडाला और माहिम शामिल किए गए। बात चुनावी इतिहास की करें तो 1952 से 1989 तक इस सीट का रुख कभी कांग्रेस तो कभी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अधिकार क्षेत्र में रही। वहीं 1984 में दत्ता सामंत ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मे जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद इस क्षेत्र के मतदाताओं का विश्वास जीतते हुए सन 1989 से 2009 तक 20 साल यहां शिवसेना का दबदबा रहा। जिसमें से मोहन रावले ने लगातार 5 चुनावों में शिवसेना का का भगवा इस सीट पर लहराया। वहीं 2009 में बदलाव हुआ जब कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड़ ने इस सीट पर जीत दर्ज की। लेकिन 2014 की मोदी लहर में यह सीट फिर से शिवसेना के खाते में चली गई। जब शिवसेना के राहुल रमेश शेवाले कांग्रेस के एकनाथ महादेव गायकवाड को हराया। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में भी शेवाले ने एक बार फिर एकनाथ गायकवाड़ को पराजित कर अपना दबदबा कायम रखा। जीत के आँकड़ों को देखें तो विपक्ष की ओर से इस सीट पर शिवसेना (यूबीटी) की दावेदारी रहेगी। लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है, क्योंकि वर्तमान सांसद राहुल शेवाले फिलहाल महायुति का हिस्सा है। जबकि महाविकास आघाड़ी की सहयोगी दल कांग्रेस के पास एकनाथ गायकवाड़ ने इस सीट पर तीन बार चुनाव लड़ा एवं एक बार जीता है। वहीं पूर्व में राकां के सदस्य एवं मुंबई अध्यक्ष रहे सचिन अहिर भी इसी सीट से आते हैं, जो अभी शिवसेना (यूबीटी) का मुखर चेहरा हैं। ऐसे में हो सकता है कि इस सीट पर शिवसेना बनाम शिवसेना का मुकाबला देखने का मिल सकता है। इतना ही नहीं हो सकता है उद्धव ठाकरे सबको चौंकाते हुए वर्ली विधायक तथा पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को ही कहीं चुनावी मैदान में न उतार दें। हालांकि उनके स्टार प्रचारक होने की वजह से ऐसी संभावाना कम दिखाई दे रही है।

 

  • शेवाले के पक्ष में समीकरण

शिवसेना सांसद राहुल शेवाले मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पिछले दो बार से निर्वाचित हो रहे हैं। शेवाले शिंदे गुट के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। शिवसेना में फूट के बाद वे सीएम शिंदे के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े रहे थे। इतना ही नहीं शिंदे गुट के उद्भव के साथ ही लोकसभा में इन्हें शिवसेना का नेता बना दिया गया। वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखें तो दक्षिण –मध्य मुंबई लोकसभा सीट से इनका टिकट  तय माना जा रहा है। बात यदि इनके राजनीतिक यात्रा की करें तो अणुशक्तिनगर से नगरसेवक रहे शेवाले मुंबई मनपा की स्थायी समिति के चार बार अध्यक्ष रहे। इसके अलावा उन्होंने बाजार और उद्यान समिति और वार्ड समिति का भी नेतृत्व किया है और कानून समिति के सदस्य भी थे। इसके अलावा 2004 में उन्होंने ट्राम्बे विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी। इन सबके बावजूद पार्टी ने उनपर विश्वास दिखाते हुए 2014 में इस लोक सभा सीट से टिकट दिया और उन्होंने 3,81,008 वोट पाकर यहां से शानदार जीत दर्ज की। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी तथा तत्कालीन सांसद कांग्रेस के एकनाथ महादेव गायकवाड को 2,42,828 वोट मिले। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भी शेवाले ने एक बार फिर 4,24,913 वोट प्राप्त कर कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड़ को पराजित किया था। 


  • वर्षा गायकवाड़ को मिलेगा मौका!

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एकनाथ गायकवाड़ इस लोकसभा सीट से पिछले तीन लोकसभा चुनावों में मैदान में रहे हैं। 2009 में उन्होंने इस सीट पर विजय दर्ज की थी, तो 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें शिवसेना के राहुल शेवाले से हार झेलनी पड़ी थी। इस आधार पर इस सीट से कांग्रेस की मजबूत दावेदारी रहेगी। लेकिन 80 साल से अधिक के हो चुके एकनाथ गायकवाड़ को कांग्रेस फिर से चुनावी मैदान में उतारेगी; ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में पूरी संभावना है कि कांग्रेस उनकी उत्तराधिकारी तथा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रही वर्षा गायकवाड़ को यहाँ से चुनावी मैदान में उतारे। वर्षा गायकवाड़ इसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली धारावी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक रहीं हैं। उन्हें मुंबई कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष होने का गौरव भी प्राप्त है। ऐसे में यदि यह सीट कांग्रेस की झोली में जाती है उनको टिकट मिलना लगभग तय है। 


  • शिवसेना (यूबीटी) से सचिन अहिर!

महाविकास आघाड़ी में अभी तक टिकटों का बंटवारा नहीं हुआ है। इस गठबंधन के तीनों प्रमुख दलों के मुखिया कई बार मीटिंग कर चुके हैं और ऐसी संभावना है कि जल्द ही सीटों की घोषणा भी कर दी जाए। राकांपा (शरदचंद्र पवार) की ओर से मुंबई महानगर की सीटों पर कोई विशेष रूचि नहीं दिखाई जा रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) मुंबई की अधिकांश सीटों पर लड़ना चाह रही है। ऐसे में यहाँ से सचिन अहिर को टिकट मिलने की संभावनाएं प्रबल हैं। सचिन अहिर तीन बार महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य रहे हैं तथा वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं। वर्ष 2009 में वे महाराष्ट्र सरकार में आवास राज्य मंत्री भी थे। ऐसे में शिवसेना के टिकट पर उनकी उम्मीदवारी की संभावनाएँ कहीं अधिक है।

लेखक जागरूक टाइम्स के एसोसिएट एडिटर हैं।

जागरूक टाइम्स से साभार


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