आओ पर्यावरण की सुरक्षा करे| #NayaSaveraNetwork


नया सवेरा नेटवर्क

  • हर नागरिक को पर्यावरण सुरक्षा संबंधी पांच कठोर संकल्प लेने की ज़रूरत 
  • हम लंबे समय से पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का उपभोग, शोषण और विनाश कर रहे हैं, अब तीव्रता से इसकी सुरक्षा करने को रेखांकित करना ज़रूरी - एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर वर्तमान कुछ दशकों से पर्यावरण संबंधी त्रासदी का सामना हर देश कर रहा है इसलिए पर्यावरण सुरक्षा को गंभीरता से रेखांकित करना हर देश के हर नागरिक के लिए तात्कालिक जरूरी है हो गया है। अब समय आ गया है कि वैश्विक स्तरपर हर नागरिक को पर्यावरण की सुरक्षा अपने निजी, व्यक्तिगत कार्य मानते हुए कम से कम 5 संकल्प लेने की ज़रूरत है क्योंकि हम लंबे समय से पृथ्वी के प्राकृतिक तंत्र का उपभोग शोषण और विनाश कर रहे हैं!अब उक्त संकल्प लेकर तीव्रता से इसकी सुरक्षा करनी होगी जिसको गंभीरता से रेखांकित करने की ज़रूरत है ताकि हम आने वाली अनेक पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण व्यवस्था को छोड़कर जाएं ताकि हम उनकी आलोचना, घृणा और नफ़रत के पात्र होने से अपने आप को बचा कर खुद वर्तमान जीवन सुरक्षित होकर जीएं।


साथियों बात अगर हम हमारे जीवन में पर्यावरण के महत्व की करें तो ये पृथ्वी इंसान को दी हुई ईश्वर की सबसे बड़ी देन है, लेकिन इंसान का स्वभाव ही ऐसा है कि उसे चीजों की कदर तभी होती है जब वो उसे खो देता है। इंसान की गलतियों का खामियाजा पृथ्वी को भुगतना पड़ता है। इंसान का जीवन धरती के वातावरण के कारण अस्तित्व में है। हमारे सांस लेने के लिए हवा से लेकर खाने पीने तक की हर जरूरी चीजें वातावरण उपलब्ध कराता है और धरती पर जीने के लिए अनुकूल माहौल देता है। यह सब प्रकृति की देन है। प्रकृति और पर्यावरण से ही ब्रह्मांड सुचारू रूप से चल पाता है। प्रकृति तो हमें जीने के लिए बहुत कुछ देती है लेकिन इसके बदले में इंसानों ने प्रकृति का सिर्फ दोहन किया और पर्यावरण को प्रदूषित किया। जिससे प्रकृति को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही जनजीवन का अस्तित्व भी खतरे में है। ऐसे में हर इंसान का कर्तव्य है कि वह पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास करें। ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

साथियों बात अगर हम पर्यावरण में कृषि के महत्व की करें तो, कृषि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, उदाहरण के लिए, फसलों और मिट्टी के भीतर ग्रीनहाउस प्रभाव का उपयोग करके, या कुछ कृषि पद्धतियों को अपनाने के माध्यम से सूखे और बाढ़ के जोखिम को कम करके, जैसे कि रीसाइक्लिंग द्वारा कार्बन बढ़ाना, कृषि अपशिष्ट को पुनर्चक्रित करके कम करना और बांध के माध्यम से अपवाह जल का संरक्षण करना, सूक्ष्म जलग्रहण क्षेत्र में बांधों की जांच, वनरोपण और कुओं का पुनर्भरण कृषि न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि इसका एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभाव भी है। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, जैव विविधता की हानि, मृत क्षेत्र, आनुवंशिक इंजीनियरिंग, सिंचाई की समस्याएं, प्रदूषण, मिट्टी का क्षरण, असंतुलित कीटनाशक और कवकनाशी समस्या, और अपशिष्ट सभी उदाहरण हैं कि कृषि पर्यावरण के क्षरण में कैसे योगदान करती है। 

साथियों बात अगर हम मानवीय जीवन को बचाने, सुरक्षित करने कम से कम पांच कठोर संकल्पों की करें तो,(1) संकल्प लें कि पॉलीथिन या प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाने का प्रयास करेंगे। प्रकृति के सबसे बड़े दुश्मन पॉलीथिन और प्लास्टिक ही हैं। ऐसे में खुद तो हम इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे, साथ ही किसी अन्य को पॉलीथिन या प्लास्टिक का इस्तेमाल करते देखेंगे तो उसे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे। (2) प्रकृति पेड़ पौधों पर निर्भर है। लेकिन आजकल अंधाधुंध पेड़ पौधों की कटाई हो रही है। पेड़ पौधों की कटाई से ऑक्सीजन की कमी होने के साथ ही मौसम चक्र भी बिगड़ रहा है। इस कारण कई भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में संकल्प लें कि पेड़ पौधों की कटाई बंद करके अधिक से अधिक पौधारोपण करेंगे, ताकि प्रकृति को अब तक हुए नुकसान का भरपाई हो सके। (3) घर से निकलने वाले कचरे को सही स्थान पर पहुंचाएंगे। हर दिन हमारे घर से बहुत सारा कचरा निकलता है। जिसको लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। इसके कचरा या तो जानवरों के पेट में जाता या फिर नदियों में बह जाता है। इस कारण हमारी नदियां भी प्रदूषित होती हैं। कचरे को इधर उधर न फेंकें बल्कि उसे कूड़ेदान में ही डालें। सूखे और गीले कचरे को अलग अलग करके उसे फेंके, ताकि उसका सही तरीके से इस्तेमाल हो सके। (4) वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित रखने में पेड़ पौधे, धरती, मिट्टी, जीव-जंतु, जल आदि की अहम भूमिका है, इसलिए इस मौके पर इस सभी का आभार व्यक्त करते हुए प्रार्थना करें कि पर्यावरण का संतुलन हमेशा बना रहें और संकल्प लें कि पर्यावरण को संतुलित और सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, हम करेंगे। (5) किसी व्यक्ति का जीवन सांस लेने से चलता है और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा की जरूरत होती है। इसलिए विश्व पर्यावरण दिवस पर संकल्प लीजिए कि सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा हो, इसके लिए हम पेट्रोल-डीजल के बदले ई वाहन का उपयोग करेंगे। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे।

 साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र यूएनईपी रिपोर्ट 2022 के पर्यावरण संबंधी खतरे के 3 बड़े कारणों की करें तो, रिपोर्ट में तीन बड़े कारणों का उल्लेख किया गया है, जो पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं।अपनी इस फ्रंटियर्स रिपोर्ट में यूएनईपी ने कहा है कि एक ओर जहां जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। वहीं, ध्वनि प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ रहे हैं। साथ ही, प्राकृतिक प्रणालियों के जीवन-चक्र के समय में व्यवधान भी हो रहा है,जिसके चलते उनकी बहुत सारी चीजें बदल रही हैं, जिसे फीनोलॉजिकल मिसमैच भी कहा जाता है। यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि फ्रंटियर्स रिपोर्ट में तीन पर्यावरणीय मुद्दों पर बात की गई है और इनके निराकरण के लिए समाधान बताए गए हैं। इसमें शहरों में ध्वनि प्रदूषण, जंगल की आग और फीनोलॉजिकल बदलाव शामिल हैं।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आओ पर्यावरण की सुरक्षा करें।हर नागरिक को पर्यावरण सुरक्षा संबंधी पांच कठोर संकल्प लेने की ज़रूरत है। हम लंबे समय से पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का उपभोग, शोषण और विनाश कर रहे हैं अब तीव्रता से इसकी सुरक्षा करने को रेखांकित करना जरूरी है। 

-संकलनकर्ता लेखक - कर  विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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