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प्रयागराज। प्रौद्योगिकी के मेधावियों के पास भारत को 'सोने की चिड़िया 2.0' बनाने का अनूठा अवसर है। हमारे पास प्रौद्योगिकी एक ऐसी शक्ति है जो हमारे देश के सबसे अंधेरे स्थानों को रोशन करने के लिए पर्याप्त है। यह बातें नैसकॉम के संस्थापक अध्यक्ष हरीश एस मेहता ने कही। वह शनिवार को ट्रिपलआईटी में आयोजित 18वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
समारोह में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (ईसी) ब्रांच के विशेष मित्तल चेयरमैन समेत दो गोल्ड मेडल से नवाजा गया। वहीं आदित्य अग्रवाल को दानदाता समेत दो गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। समारोह में बीटेक, एमटेक, एमबीए व पीएचडी के 615 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। 20 विद्यार्थियों को 22 गोल्ड मेडल और छह मेरिट सार्टिफिकेट प्रदान किए गए। बीटेक के 387 छात्र-छात्राओं को डिग्री अवार्ड की गई। इसमें 308 छात्र और 79 छात्राएं शामिल हैं। परास्नातक में 206 को डिग्री दी गई।
इसमें डुअल डिग्री बीटेक-एमटेक की एक और डुअल डिग्री एमटेक-पीएचडी की सात को प्रदान की गई। 14 शोधकर्ताओं को पीएचडी से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. सतीश कुमार सिंह, प्रो. बृजेंद्र सिंह, प्रो. मनीष गोस्वामी, समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर छात्रों को शपथ दिलाई गई।
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