जन्माष्टमी का पवन पर्व भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण का त्योहार है। जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की संतान की तरह पूजा करने का महत्व है। इस साल शुभ योग में 6 और 7 सितंबर के दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
इस दिन कन्हैया का अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है और इन्हें पालने में बैठाकर झूला झुलाया जाता है। इसलिए जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इन आसान तरीकों से प्रभु का श्रृंगार करें।
- कैसे करें श्रृंगार?
सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण का कच्चे दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद बाद को किसी साफ वस्त्र से अच्छी तरह पोछें। अब प्रभु को वस्त्र पहनाएं। हाथों में कंगन, कान में आभूषण और माला पहनाएं। प्रभु को मुकुट लगाएं और बासुरी पकड़ाएं। फिर झूले में बैठा दें।
मोर पंख- जन्माष्टमी पर श्री कृष्णा का श्रृंगार करने के लिए मोर पंख का इस्तेमाल करें। कान्हा का प्रिय माना जाता है मोर पंख। इसलिए मोर पंख से कान्हा का मुकुट और झूला सजाएं।
बांसुरी- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्हैया को मुरली या बांसुरी बजाना पसंद है। इसलिए भगवन कृष्ण के श्रृंगार में बांसुरी जरूर शामिल करें। इसे शुभ माना जाता है।
माखन मटकी- भगवान श्री कृष्ण के बगल में छोटी-छोटी माखन की मटकियां रखें। चाहें तो इन मटकियों को फूलों से भर दें।
फूलों से सजाएं- लाल, पीले, सफेद, गुलाबी और नीले रंग के रंग-बिरंगे फूलों से भगवान का झूला और पूजा-स्थान सजाएं।
गाय-बछड़े की मूर्ति- पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण गाय और बछड़ों को घास चराने जाया करते थे। इसलिए प्रभु के झूले के पास गाय और बछड़ों की छोटी सी मूर्ति रखें।
सही दिशा में झांकी सजाएं- जन्माष्टमी की झांकी हमेशा घर की सही दिशा में सजानी चाहिए। इसलिए भगवान की झांकी सजाने का प्लान कर रहें हैं तो घर के ईशान कोण में भगवान श्री कृष्ण की झांकी सजाएं।
0 टिप्पणियाँ