जौनपुर: पार्थिव शिवार्जुन से समस्त पाठकों का होता है नाश:रजनीकांत | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शिव की उपासना श्रावण मास में होती है विशेष फलदायी
जौनपुर। कलयुग में पार्थिव शिवलिंग पूजन करने वाले भक्तों पर शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। शिव भक्त शिव पूजन करके इस लोक में यश, वैभव प्राप्त करने के साथ ही मृत्यु उपरांत जीवन-मरण के कुचक्र से मुक्ति हो जाती है। श्रावण मास को शिव का माह माना जाता है, इसलिए इस माह में पार्थिव शिवलिंग पूजन का विशेष पुण्य शिवभक्तों को प्राप्त होता है एवं अद्वितीय, परमशांत प्रकाशमय तेजस्वरूप, निष्प्रपंच, गतिशून्य, नित्यरूप, निराकार भगवान शिव की उपासना करने से प्राणी कष्टों से मुक्ति को प्राप्त कर लेता है। मर्यादा पुरु षोत्तम प्रभु श्री राम ने भी लंका पर आक्रमण करने से पूर्व समुद्र तट पर बालू का शिवलिंग बनाकर पूजन किया था। मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। आचार्य डॉ.रजनीकांत द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव का अभिषेक वर्षा हेतु जल से, पुत्र की प्राप्ति हेतु गाय के दूध से, लक्ष्मी की प्राप्ति हेतु ईख के रस से, कल्याण हेतु घृत से, पाप क्षय हेतु मधु से, व्याधि शांति हेतु कुश के जल से करना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख यजमान के रूप में श्याम त्रिपाठी, शशांक सिंह, डॉ.एसपी त्रिपाठी, नीरज उपाध्याय, जगन्नाथ पाठक, हरदेव सिंह (हन्नू), रोहन सिंह, रत्नेश सिंह, अविनाश दुबे, रमेश मिश्रा, संगीता राय, सुशीला सिंह, धीरज राय, अभिषेक पाठक, कार्तिकेय पाठक, राधिका तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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