वाराणसी: मार्कण्डेय धाम में शिव भक्तों ने चढ़ाया बाबा को जल | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
कृष्णा सिंह
चौबेपुर, वाराणसी। स्थानीय क्षेत्र के कैथी में स्थित मार्कण्डेय महादेव धाम में सावन शिवरात्रि को लेकर जल चढ़ाने के लिए पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आये श्रद्धालुओं ने गंगा गोमती के संगम में डुबकी लगाकर बाबा को जल चढ़ाया। पावन सावन माह शिवरात्रि को लेकर भोर से पुरूष और महिला श्रद्धालुओं के हर हर महादेव एवं बोल बम के जयकारों से धाम गूँजता रहा।धाम में सुरक्षा के मद्देनजर सी0सी0 टीवी कैमरा से निगरानी के साथ-साथ धाम में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। धाम के पुजारी शिवम गिरी "राम बालक" महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में सावन माह में शिवरात्रि का विशेष महत्व है मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव को एक लोटा जल और एक बेलपत्र चढ़ाने से हर दुख दूर हो जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार वाराणसी के जंगल में गुरुद्रुह नाम का एक शिकारी रहता था. एक दिन जंगल में घूमते-घूमते सुबह से लेकर रात हो गई लेकिन उसे कोई शिकार नहीं मिला. उस दिन शिवरात्रि तिथि थी. वो जंगल में ही एक बेलपत्र के पेड़ पर आराम करने लगा, तभी वहां एक हिरनी आई. उसने जैसे ही तीर चलाने की कोशिश की तभी एक बेलपत्र और बारिश से पेड़ पर जमा पानी नीचे स्थापित शिवलिंग पर गिर गया. शिकारी से अनजाने में शिवरात्रि के पहले प्रहर की पूजा हो गई।
ऐसे हुई दूसरे प्रहर की पूजा-हिरनी की नजर शिकारी पर पड़ गई. उसने शिकारी से कहा कि घर में बच्चे उसका इंतजार कर रहे हैं. हिरनी की बात सुनकर शिकारी ने उसे छोड़ दिया. इसके बाद हिरनी की बहन वहां गुजरी. फिर गुरुद्रुह ने अपना धनुष और तीर चढ़ाया. दोबारा बेलपत्र और जल शिवलिंग पर जा गिरे. ऐसे दूसरे प्रहर की पूजा हो गई. उस हिरनी ने भी अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छोड़कर दोबारा आने की बात कही तो गुरुद्रुह को उस पर भी दया आ गई।शिकार के इंतजार में अनजाने में की शिव पूजा-थोड़ी देर बाद एक हिरन अपनी हिरनी की खोज में आया. फिर पूरी प्रक्रिया अनजाने में हुई और तीसरे प्रहर में भी शिवलिंग का पूजन हो गया.
कुछ देर के बाद तीनों हिरनी और हिरन शिकारी को किए वादे के चलते उसके पास आ गए. इन सभी को देखकर गुरुद्रुह बहुत खुश हो गया. वो सबको मारता उससे पहले चौथे प्रहर की पूजा भी संपन्न हो गई।शिव जी ने शिकारी को दिया विशेष आशीर्वाद-सुबह से रात तक बिना कुछ खाए पिए उससे अनजाने में शिवरात्रि का व्रत -पूजा हो गई. इस तरह उसे पापों से मुक्ति मिल गई और उसने हिरनों को मारने का विचार भी छोड़ दिया. जिसके प्रभाव से उसके पाप तत्काल भस्म हो गए। सूर्योदय होते ही उसने सभी हिरनों को मारने का विचार त्याग दिया.
तभी शिवलिंग से भगवान शंकर प्रकट हुए और उसे वरदान देते बोले त्रेतायुग में भगवान राम उसके घर आएंगे साथ ही उसके बाद वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाएगा।जिला गाजीपुर के खानपुर थाना क्षेत्र के मौधा पुलिस चौकी अंतर्गत समाजसेवी आनन्द सिंह,धीरेंद्र सिंह बंटी, पिकलू सिंह,कृष्णा सिंह मीडिया प्रभारी लोक चेतना ने भी बाबा को जल चढ़ाकर कर पूजा-अर्चना किया।इस अवसर पर बबलू गिरी,राजेश गिरी "लकी बाबा",शिवम गिरी "राम बालक",पीयूष गिरी सहित विभिन्न जनपदों से आये कांवरियां श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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