जौनपुर: आयी ज़हरा की सदा या हुसैन अलविदा... | #NayaSaveraNetwork

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नया सवेरा नेटवर्क

आंसूओं के साथ सभी ताजिये कर्बला में हुए सुपुर्द ए खाक

फोटो--6,7,8,9,10

जौनपुर। जनपद में शनिवार को गमगीन माहौल में यौमे आशूरा मनाया गया। इस मौके पर अजादारों ने नौहा मातम के साथ आंसूओं का नज़राने पेश कर ताजियों को अपनी-अपनी कर्बलाओं में सुपुर्द ए खाक कर दिया। इसके बाद अजाखानों में मजलिसें शामे गरीबां आयोजित हुई। नगर के विभिन्न इलाकों में निर्धारित समय के अनुसार ताजिए उठाये गये। जिसके साथ मातमी अंजुमनों ने नौहा और मातम किया। नगर क्षेत्र के अधिकांश ताजिये सदर इमामबारगाह स्थित गंजे शहीदा में सुपुर्द ए खाक किये गये जबकि कुछ ताजिए मोहल्लों की कर्बलाओं में भी सुपुर्द ए खाक हुए। चहारसू चौराहे से उठा जुलूस शिया जामा मस्जिद होता हुआ अपने मुख्य मार्गों से गुजरकर सदर इमामबारगाह पहुंचा। इसी प्रकार इमामबाड़ा शाह अबुल हसन भंडारी, मीर सैयद अली बलुआघाट, कटघरा, मोहल्ला रिजवीं खां, पुरानी बाजार, ताड़तला, बारादुअरिया, यहियापुर, पानदरीबा के ताजिए भी सदर इमामबारगाह स्थित गंजे शहीदा में दफ्न हुए। सिपाह मोहल्ले के ताजिये नबी साहब स्थित गंजे शहीदा में दफ्न किये गये। इसके पूर्व बलुआघाट स्थित शाही किला मस्जिद, मोहल्ला दीवान शाह, कबीर, ताड़तला की मस्जिद समेत अन्य स्थानों पर नमाजे आशूरा का आयोजन हुआ। देर शाम सदर इमामबारगाह की ईदगाह मैदान में मजलिसें शामे गरीबां हुई जिसमे शायरों ने अपने अंदाज में कर्बला के शहीदों को नज़राने अक़ीदत पेश किया। मौलाना डॉ.सैयद अबूजर अली मुजफ्फरपुर ने मजलिस को खेताब करते हुए कर्बला में शामे  गरीबा का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह हज़रत इमाम हुसैन को उनके 71 साथियों के साथ तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया। यज़ीदी फौजो ने परिवार की महिलाओं बच्चों पर जो ज़ुल्म ढाया उसे कोई नही भुला सकता है। इमाम की शहादत के बाद उनके परिवार की महिलाओं को कैद कर लिया गया और बेपर्दा कूफे की गलियों में बेकजावा ऊंटो पर बैठाकर घुमाया गया। आज हम सब उन्ही को पुरस देने यहाँ इकठ्ठा हुए है। संचालन तहसीन शाहिद ने किया। इस मौके पर कमेटी के मिर्जा अहमद मेंहदी, मिर्जा अनवर मेंहदी, मिर्जा नफीस मेंहदी, मिर्जा हसनी मेंहदी, हैदर मेंहदी मिन्टो, एमन मिन्टो, अली मिन्टो, मिर्जा सगीर मेंहदी, सकलैन अहमद खां, मुन्ना अकेला, इब्ने हसन शहजादे, मेंहदीरज़ा एडवोकेट, शोएब जैदी, हसीन अहमद, तनवीर जाफरी, अजादार हुसैन, अंजुम सईद, शबीर हैदर, इमरान खान सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

बरसठी संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में भन्नौर, बरसठी, कटवार, निगोह, परियत, आलमगंज, भदरांव, पुरेसवां तक के लोग ताजिये को लेकर अपने-अपने कर्बला तक शांति पूर्व ढंग ले गये इस में कई जगह हिंदुओं ने भी उनके साथ आपसी भाईचारे का संदेश दिया। इसी क्रम में करंजाकला बाजार से ताजिया का जुलूस अपने कदीम रास्ते से होते हुए करंजाखुर्द गांव पहुंचा वहां से करंजाखुर्द इमामबारगाह से दोनों गांवों की अंजुमनों ने मिलकर ताजिया उठाया और 7 किलोमीटर दूर करबला (बेगमगंज सदर इमामबाड़ा) लेकर रवाना हुए मौला के अलमदार अलम और ताजिए का चौखट लेकर या हुसैन या हुसैन की सदा देते हुए चलते रहे शिकारपुर होते हुए चम्बलतारा बाजार पहुंचा यहां से प्यारेपुर की ताजिया को साथ में लेकर आगे बढ़ते हुए बेगमगंज स्थित इमामबाड़ा पहुंचा जहां पर ताजिए को ठंडा किया गया।

बख्शा संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में 10 मोहर्रम को सभी ताजिए उत्तरपट्टी स्थित कर्बला में सुपुर्द ए आब कर दिये गये। इसके पूर्व उत्तरपट्टी, बर्रेपट्टी, दक्खिनपट्टी, पूराशेरखां, मोहम्मदपुर, महिमापुर, सदरु  द्दीनपुर, बेलापार, नौपेड़वा, कर्तिहा आदि क्षेत्रों में इमाम चौक पर रखे हुए ताजिये उठाये गये। जिसके साथ स्थानीय अंजुमनें नौहा और मातम करती हुई मखदूम शाह स्थित रौजे ए इमाम हुसैन पर पहुंची जहां एक मजलिस आयोजित हुई जिसे मौलाना  ने खेताब किया। वहां से सभी ताजिए जुलूस की शक्ल में एक साथ कर्बला के लिए रवाना हुए। शाम करीब चार बजे सभी ताजिये कर्बला पहुंचे जहां सभी अंजुमनों ने अपने अपने दस्ते के साथ नौहा और मातम किया। इसके बाद सभी अंजुमनों के मेम्बरान जंजीर, कमा और अंगारे का मातम किया और जुलजनाह को रौजे हजरत अब्बास से मिलाया गया और सभी ताजियों को कर्बला के तालाब में सुपुर्द ए आब कर दिया गया। जिसके बाद मजलिसें शामे गरीबां आयोजित हुई जिसे मौलाना गुलाम बाकिर ने खेताब किया। देर शाम पुन: सभी गांवों के अजाखानों में मजलिसें शामे गरीबां आयोजित की गयी। इसके पूर्व सभी गांवों में सुबह करीब 10 बजे यौमे आशूरा की नमाज अदा करायी गयी। कर्तिहां गांव का ताजिया स्थानीय कर्बला में दफ्न किया गया। गांव से उठा हुआ जुलूस नौहा मातम के साथ अपने कदीमी रास्तों से गुजरता हुआ देर शाम कर्बला पहुंचा था। धर्मापुर संवाददाता के अनुसार इमाम हुसैन की शहादत यौमे आशूरा मोहर्रम की दसवीं तारीख शनिवार को मनाया गया। शिया समुदाय ने गौराबादशाहपुर कस्बा के बमैला मोहल्ले से ताजिये के साथ जुलूस निकाला। जुलूस कस्बे से होकर अपने परम्परागत रास्तों से होता हुआ कुकुहां मोड़ स्थित कर्बला पहुंचा। जहां ताजिये को दफन किया गया। इस दौरान अंजुमनों ने नौहा पढ़ा व मातम किया। जुलूस में मेंहदी हसन, तौकीर हसन, कैसर रिजवी, रजा मेंहदी, अब्बास, परवेज अन्य शामिल रहे। जलालपुर संवाददाता के अनुसार स्थानीय कस्बे मे थाने के समीप चौक पर बैठाए गये ताजीए पर 9वी मुहर्रम की रात अजादारो ने बड़े गमगीन माहौल मे मजलिस व मातम किया जिसे देखकर लोगो की आखो मंे आंसू आ गये और यह सिलसिला पूरी रात जारी रहा। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुस्लिम समुदाय के  लोगो ने चौक पर जाकर कर्बला के शहीदों को नज्र व फातेहा दिया। दसवीं मुहर्रम आशूरा के दिन ताजिया उठाकर जलूस के शक्ल में अपने कदीमी रास्ते से होते हुए महिलाएं बच्चे व बूढ़े आजादारो ने हाय हुसैन के नारे लगाते हुए जंजीरों से मातम करते हुए सई नदी पुल के समीप  कर्बला के मैदान में ताजिए को सुपुर्द आब किया पुलिस बल द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतेजामात किए गए थे। कड़ी पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच कर्बला में ताजिए ठंडा किए गए कहीं से कोई अप्रिय घटना की खबर सामने नहीं आयी और शांत व गमगीन माहौल मे गंगा जमुनी तहजीब के तहत कर्बला में ताजिए ठंडा किए गये। चंदवक संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के चंदवक, हरिहरपुर, खुज्झी, थुंही, रामगढ़, घुटठा सहित अन्य स्थानों से मुस्लिमों ने मातम मनाते ताजिया जुलूस की शक्ल में राष्ट्रीय ध्वज के साथ करतब दिखाते हुए थाना के ग्राउंड में पहुंचा जहां ताजिए दफन किए गए। इस दौरान ग्राउंड में युवाओं ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाएं। सुजानगंज  संवाददाता के अनुसार  क्षेत्र में शनिवार को दसवीं मोहर्रम गमगीन माहौल में मनाया गया। क्षेत्र मे दोपहर इमाम हुसैन की सदा लगाते हुए ताजिया को कन्धे पर रख कर  सड़क मार्ग से होते हुए कई क्षेत्रो से होते हुए कर्बला में ताजिये को ठंडा किया गया। क्षेत्र के भीलमपुर (घाटमपुर) घुरीपुर, शांतीनगर, सुजानगंज बाजार आदि जगहो पर कार्यक्रम पूर्ण हुआ। मछलीशहर संवाददाता के अनुसार स्थानीय नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो से आये ताजियादारो ने कर्बला में ताजिये को दफन किया। बताते है कि ग्रामीण क्षेत्रो से आये तमाम ताजिया नगर के ताजिया में शामिल होने के बाद बारी बारी से सभी ताजिये को जुलूस की शक्ल में निकाला गया। ताजियादारो ने मातम करते हुए नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए कर्बला में पहंुचा। जहां पर नम आखों से दफन कर दिया गया। मुहर्रम के जुलूस में किसी भी प्रकार से व्यवधान न पैदा हो इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल के जवान मौजूद रहे। जफराबाद संवाददाता के अनुसार शनिवार को नासही स्थित शिया बस्ती में आशूरा के मौके पर ताजिया अलम व जुलजनाह का जुलूस निकाला। जो अपने कदीम रास्तों से होते हुए कर्बला में पहुंचकर ताजियों को सुपुर्दे खाक किया गया। अंजुमनों ने नौहा मातम किया। मजलिस को डॉ.मुजतबा आब्दी ने खेताब करते हुए इमाम हुसैन अ.स. व उनके 71 साथियों की शहादत को याद करते हुए मसायब पढ़ा। जिसे सुनकर अजादार दहाड़े मारकर रोने लगे। बाजार में चेयरमैन प्रतिनिधि डॉ.सरफराज द्वारा मातमी दस्ते के लिए सबील का इंतजाम किया गया था।

शाहगंज संवाददाता के अनुसार दसवां मोहर्रम पर विभिन्न अंजुमनों ने ऐतिहासिक जुलूस निकाला और इमाम हुसैन के शहादत की याद में मातम किया। नगर के विभिन्न इलाकों से निकले जुलूस में शामिल शिया समुदाय के लोग देर रात तक मातम करते हुए शाहपंजा स्थित पंजा शरीफ पहुंचे और वहां ताजियों को दफन किया। पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन की कर्बला में इकहत्तर साथियों के साथ हुई शहादत के दसवें मोहर्रम पर नगर में जुलूस निकाला गया। जुलूस में शिया समुदाय के हजारों लोग, महिलाएं और बच्चों ने शिरकत की। इन लोगों ने हुसैन की याद में मातम किया। अंजुमन जुल्फेकार हैदरी भादी का जुलूस मोहल्ला भादी ख़्ाास से निकलकर अपने तय रास्तों से होता हुआ शाहपंजा में समाप्त हुआ। अंजुमन मोईनुल मोमनीन भादी ने भी ताजि़ए का जुलूस निकाला और पुराना चौक, संगत जी मंदिर के रास्ते नौहा मातम करते हुए शाहपंजा स्थित पंजाशरीफ में ताजिए को दफ़न किया। नई आबादी स्थित अंजुमन हैदरी का जुलूस तहसील, रोडवेज, श्री रामपुर रोड, हुसैनगंज और अलीगंज होता हुआ शाहपंजा पहुंचा। जुलूस में अलम, ताजि़या, ज़ुलजनाह और अमारी ताबूत शामिल रहे। जुलूस में नगर व क्षेत्र के तमाम शिया समुदाय के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर भारी फोर्स तैनात रही।

केराकत संवाददाता के अनुसार मोहर्रम का पर्व सकुशल सम्पन हो गया। नगर में विभिन्न चौकों पर बैठाये गये ताजिये को उठाकर ताजियेदार जुलूस के शक्ल में अपने कदीमी राहों से होते हुए जब गुजरने लगे तो जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। शिया मुस्लिम भाइयों ने इमाम हुसैन की शहादत  को लेकर या हुसैन की सदाओं के बीच सीनों पर मातम करते चल रहे थे। ब्लेडों व नुकीले जंजीरों से शरीर पर की जारी मातम से निकलते खून की फौहारे देख हर किसी की आखें नम होने पर मजबूर हो गयीं। जुलूस के आगे सुबहानियाअखाड़े के उत्साहित नौजवानो ने बाना-बनेठी के कई हैरत अंगेजकरतब दिखाकर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया। सूरज के छिपने व मगरिब की अजान के बीच ताजियों को गोमती नदी के तटीय स्थल के पास इमाम बाड़े में या हुसैन की सदाओं के साथ नम आखों से सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। मुफ्तीगंज संवाददाता के अनुसार मुफ्तीगंज बाजार में आस पास के गांवों से आए ताजियों को ताजियेदारों ने मुफ़्तीगंज इमामबाड़ा व कर्बला में मगरिब नमाज की अज़ान होते ही कर्बला में दफन में सुपुर्द ए खान कर दिया गया। जुलूस में शामिल शिया मुस्लिम भाइयों ने इमाम हुसैन की शहादत को लेकर मातम किया। इस दौरान ब्लेडों व जंजीरों से सीधे पर पीठ पर वार कर मातम पोशी किया। ग्राम निशान से आए हुसैनिया अखाड़े के खिलाडि़यों ने बाना बनेठी  के साथ कई हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। इस जुलूस को शकुशल सम्पन्न कराने हेतु उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा,  सीओ गौरव शर्मा, तहसीलदार महेंद्र बहादुर सिंह, कोतवाल जयप्रकाश यादव मुफ्तीगंज चौकी प्रभारी विद्यासागर सिंह सहित कई थाने की पुलिस फ़ोर्स के साथ मुस्तैद देखे गये।


*डी.डी. मेट्रो न्यू दिल्ली के पूर्व संवाददाता, पत्रकार आरिफ अंसारी की तरफ से नया सबेरा परिवार को सातवीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं | Naya Sabera Network*
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*जौनपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र राजपूत की तरफ से नया सबेरा परिवार को सातवीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं | Naya Sabera Network*
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*माँ मूर्ति ग्रुप ऑफ प्लांटेशन्स जौनपुर के संस्थापक अध्यक्ष शैलेन्द्र निषाद की तरफ से नया सबेरा परिवार को सातवीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं | Naya Sabera Network*
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