नया सवेरा नेटवर्क
लखनऊ। डॉक्टरी मानवता का पेशा है। एक डॉक्टर को कभी भी आपकी जाति या धर्म से मतलब नहीं होता। डॉक्टर की नजर में सभी मरीज एक समान होते हैं। डॉक्टर इलाज संग समाज को नई दिशा देने के लिए आगे आएं। यह बातें जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कही। वह शनिवार को डॉक्टर्स डे पर रिवर बैंक कॉलोनी स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन प्रेक्षागृह में समारोह को संबोधित कर रहे थे। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरे को जीवन दिया। डॉक्टरों पर काम का दबाव अधिक होता है।
वह सभी मरीजों को पर्याप्त समय दे पाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। ऐसी स्थितियों में डॉक्टर व मरीजों के बीच रिश्तों की डोर कमजोर हुई है। इसे और मजबूत करने की जरूरत है। लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनूप अग्रवाल ने कहा कि सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र के अस्पताल लगातार मरीजों की सेवा कर रहे हैं। सरकारी निजी अस्पतालों की मदद करे। पंजीकरण की दुश्वारियों को दूर करें। सरकार छोटे व मझोले अस्पतालों के लिखा खास योजनाएं लाएं।
छोटे अस्पताल खुलने से बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। इस मौके पर डॉ. प्रांजल अग्रवाल, क्वीनमेरी की डॉ. एसपी जायसवार, एरा मेडिकल विवि के कुलपति डॉ. एए मेंहदी, डॉ. ओपी सिंह, डॉ. अनुराधा अग्रवाल, केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, डॉ. विनीता मित्तल समेत अन्य डॉक्टरों को सम्मनित किया गया। उधर, लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में डॉक्टर डे मनाया गया। राज्य मंत्री नानक देव व आशियाना परिवार संस्था के अध्यक्ष आरडी द्विवेदी आदि ने लोक बंधु के डॉक्टरों को पुरुस्कृत किया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने अस्पताल का साल भर का लेखा जोखा पेश किया। डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड महामारी में डॉक्टर ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचाई।
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