इसरो के मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग रही सफल, अब चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
श्रीहरिकोटा.इसरो के वैज्ञानिक चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग तकनीक में महारथ हासिल करने का लाक्ष्य साधे हुए हैं. अगर भारत ऐसा कर पाने में सफल हो जाता है वह अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-2, 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था जिससे इसरो का दल काफी निराश हो गया था. तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगा कर ढांढस बंधाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 4 साल बाद एक बार फिर से पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान को लॉन्च किया. फैट बॉय’ एलवीएम-एम4 रॉकेट ने ठीक 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरीक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 को लेकर उड़ान भरी. इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं. अगस्त के आखिर में चंद्रयान-3 का लैंडर, रोवर को लेकर चंद्रमा पर उतरेगा.फ्रांस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा. चंद्रयान-2, 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था जिससे इसरो का दल काफी निराश हो गया था. तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगा कर ढांढस बंधाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद हैं. वैज्ञानिक यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में घंटों कड़ी मेहनत करने के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग तकनीक में महारथ हासिल करने का लाक्ष्य साधे हुए हैं.
अगर भारत ऐसा कर पाने में सफल हो जाता है वह अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा. अंतरिक्ष संस्थान ने कहा कि चंद्रयान-3, तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है, जो एलवीएम3 प्रक्षेपक के चौथे परिचालन मिशन (एम4) में रवानगी के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल से चांद की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग कर उसकी जमीन पर चहलकदमी का प्रदर्शन कर नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है. इसरो के अनुसार, यह मिशन भावी अन्तरग्रहीय मिशनों के लिए भी सहायक साबित हो सकता है. चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल हैं, जिसका उद्देशय अन्तरग्रहीय मिशनों के लिए जरूरी नई प्रौद्योगिकियों का विकास एवं उनका प्रदर्शन करना है.मिशन के तहत 43.5 मीटर लंबा रॉकेट दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाना है.


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