वाराणसी: प्रो. ऋत्विक सान्याल को राष्ट्रपति ने दिया पद्मश्री | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। प्रख्यात ध्रुपद गायक प्रो. ऋत्विक सान्याल को राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में बुधवार को पद्मश्री से अलंकृत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह अलंकरण प्रदान किया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उनके नाम की घोषणा की गई थी।
प्रो. सान्याल ने ध्रुपद की डागर परम्परा को आत्मसात कर ध्रुपद आलाप की विशिष्ट तकनीक, कण्ठ संस्कार, परम्परागत व संस्थागत शिक्षण की अपनी विशिष्ट पद्धति विकसित की है। इसमें उनके दोनों गुरुओं उस्ताद मोहिउद्दीन डागर एवं उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर के संगीत के न्याय संगत सम्मिश्रण के साथ रागों एवं डागर वाणी की शब्दता का समावेश है।
बिहार के कटिहार में 12 अप्रैल सन् 1953 को जन्मे प्रो. ऋत्विक सान्याल अद्वितीय ध्रुपद गायक, शिक्षक, रचनाकार एवं लेखक हैं। पिछले 40 वर्षों में देश के लगभग सभी भागों सहित विश्व के 50 अलग-अलग देशों में में ध्रुपद के पुनर्जागरण एवं प्रचार-प्रसार में विशद योगदान किया है।
आईआईटी मुंबई में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर रहे पिता बटुक सान्याल के मार्गदर्शन में दर्शन की शिक्षा ली। दर्शन शास्त्र में एमए करने के बाद संगीत में एमए और पीएचडी प्रो. प्रेमलता शर्मा के निर्देशन में की। बीएचयू संगीत एवं मंच कला संकाय में लंबे समय तक सेवाएं दीं। उनके 50 से अधिक शिष्य दुनिया में स्थापित कलाकार हैं। उन्हें अब तक कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।