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वाराणसी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में कैंसर रोग का इलाज करा रहे मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है। बीएचयू के मरीज महामना मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल में प्राथमिकता के आधार पर वे जांच करा सकेंगे जो बीएचयू में उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा बीएचयू अस्पताल की दूसरी ओपीडी के कैंसर मरीज भी वहां जांच करा सकेंगे।
मरीजों की दोनों कैंसर अस्पतालों में निर्धारित दर पर ही जांच होंगी। वे दरें निजी अस्पतालों व डाग्यनोस्टिक सेंटरों से काफी कम हैं। महामना मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के चौथे स्थापना दिवस पर शनिवार को कैंटोंमेंट स्थित होटल में बीएचयू के वीसी प्रो. सुधीर कुमार जैन और टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र ए बड़वे के बीच करार हुआ। इसके तहत उक्त दोनों अस्पतालों में बीएचयू के मरीजों को जांच सुविधा मिलेगी। इसके लिए उन्हें एमएस कार्यालय से सत्यापन कराना होगा। प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि इस करार से मरीजों को राहत मिलने के साथ ही भविष्य में दोनों संस्थाओं के बीच ऐसे फैसले लेने में मदद मिलेगी।
मुंबई में पूर्वांचल के मरीजों की संख्या घटी
टीएमएसी के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र ए बड़वे कहा कि हम कैंसर के मरीजों के इलाज के साथ उनका फीडबैक भी लेते हैं। कमियां मिलने पर उन्हें दूर किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहले बनारस, जौनपुर और आजमगढ़ से हर साल तीन हजार कैंसर रोगी इलाज के लिए मुंबई के टाटा अस्पताल पहुंचते थे। बनारस में अस्पताल खुलने के बाद अब हर साल 500 मरीज पहुंच रहे हैं। हमारा प्रयास बनारस के अस्पतालों को बेहतर बनाने का है ताकि मरीजों को मुंबई या दूसरे शहर न जाना पड़े।
कैंसर मरीजों के लिए धर्मशाला
सुंदरपुर के एमपीएमएमसीसी अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए धर्मशाला शुरू होगी। इसका काम अंतिम चरण में है। यहां 52 डॉरमेट्री बेड, 40 पांच बेडेड व्यवस्था होगी। मरीजों से सामान्य चार्ज लिया जाएगा। वहां कैंटीन भी जल्द शुरू होने जा रही है।
24 हजार से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज
एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने बताया कि हम मरीजों का नि:शुल्क इलाज भी करते हैं। चार साल में 24,243 मरीजों का नि:शुल्क इलाज हुआ है। इन मरीजों पर करीब 141 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
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