वाराणसी: गायन, वादन एवं नृत्य से हुई महादेव की आराधना | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय में चल रहे 32 वें शिवरात्रि संगीत महोत्सव की दूसरी निशा पद्मश्री मधुप मुदगल के गायन, भावना व आरिका क्याल-ऋचा जालान के कथक तथा देवांश श्रीवास्तव के संतूर वादन के नाम रही।
पद्मश्री मधुप मुदगल ने देवाधिदेव महादेव के चरणों में राग जजवंती में विलंबित ख्याल ‘माथे जड़ चंदा, छोटा ख्याल ‘बैरन जागी नवेली संग लंगर पेश किया। राग मालकौंस में छोटा ख्याल ‘आदया समर दमना शंकरा के बाद होली ‘रसिया को नार बनाओ री से गायन का समापन किया। उनके साथ तबले पर शम्भूनाथ भट्टाचार्य, हारमोनियम पर डॉ. अरविंद थत्ते एवं तानपुरे पर मेघना कुमार, विवेक भोला, दीपक सिंह ने संगत की। दूसरी प्रस्तुति वाराणसी की उदीयमान बाल कलाकार ऋचा जालान के कथक की थी। उन्होंने शिव स्तुति के बाद तीन ताल में पारंपरिक तोड़ा, टुकड़ा, तिहाई आदि प्रस्तुत किया।
समापन चक्करदार परन से किया। तीसरी प्रस्तुति में भावना क्याल और आरिका क्याल ने युगल कथक किया। पं. बिरजू महाराज की रचित बंदिश ‘श्याम मूरत मन भाए से शुरुआत के बाद सरगम की बंदिश पर नृत्य किया। ‘होली खेलत है गिरधारी पर भावनृत्य से समापन किया। नृत्य निर्देशन संगीता सिन्हा ने किया। तबले पर विवेक मिश्रा, गायन एवं हारमोनियम पर आनंद किशोर मिश्र एवं सितार पर पं. ध्रुवनाथ मिश्र ने संगत की।
इससे पूर्व पहली प्रस्तुति भजन सोपोरी के शिष्य देवांश हर्षित श्रीवास्तव के संतूर वादन की रही। उन्होंने राग पूरिया कल्याण में सूफियाना सोपोरी घराने के स्वरूप का अलाप व छंद आधारित जोड़ प्रस्तुत किया। विलंबित झप ताल में गत पेश किया। अंत में एक ताल, द्रुत तीन ताल में धुन से समापन किया। उनके साथ आनंद मिश्रा ने तबला एवं मनोज सोलंकी पखावज पर संगत की।
प्रख्यात संत रमेश भाई ओझा ‘भाई श्री के सानिध्य में दूसरी निशा का शुभारंभ शनिवार को दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस दौरान किशन जालान, केशव जालान, भगीरथ जालान आदि उपस्थित रहे।