नया सवेरा नेटवर्क
वास्तुकला एवं योजना संकाय में चार दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का कला कार्यशाला से समापन
लखनऊ। पिछले चार दिनों से वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय टैगोर मार्ग में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के सभी छात्र छात्राओं ने भाग लिया। जिसमे समस्त छात्रों को वास्तुकला एवं दृश्यकला के विभिन्न माध्यमों की बारीकियों को अलग अलग विधाओं के विशेषज्ञों द्वारा रूबरू कराया गया।
भूपेंद्र कुमार आस्थाना ने बताया कि इस आयोजन में शनिवार को कला कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें मूर्तिकला, फ्लूइड आर्ट, पेपर क्राफ्ट एवं मैक्रोम आर्ट जैसी विधाओं में कार्यशाला सम्पन्न हुई। मूर्तिकला में विशेषज्ञ के रूप में मुर्तिकार महेश कुमार,फ्लूइड आर्ट में सिदरा सबाहत, पेपर क्राफ्ट में रत्नप्रिया कांत एवं मैक्रोम आर्ट के लिए संगीता यादव ने संचालन किया। जिनके उपस्थिति में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के छात्रों ने इन चारो कला विधाओं में विशेषज्ञों के साथ कलाकृतियों का सृजन किया।
मूर्तिकला में छात्रों ने क्ले मॉडलिंग तथा अपने ही हाथ का मोल्डिंग,कास्टिंग सीखा। वहीं फ्लूइड आर्ट में ऐक्रेलिक रंग और कैनवस के जरिये रंगीन टेक्सचर्स से भावनाओ की स्वछंदता को आकार प्रदान करना सीखा। साथ ही रंगीन कगज के टुकड़े को संयोजित कर विभिन्न अलंकृति आकारो का निर्माण किया इसके लिए रंगीन पेस्टल सीट रंगीन रिबन इत्यादी का प्रयोग किया। दूसरी तरफ मैक्रोम आर्ट में कॉटन के धागे और रस्सियों का प्रयोग कर फ्लॉवर हैंगिंग, और वाल हैंगिंग जैसे तमाम डेकोरेटिव वस्तुओं का निर्माण किया। सभी छात्र छात्राओं ने बड़े ही तन्मयता, रुचि और उत्साह के साथ इस कला कार्यशाला में कार्य प्रतिभाग किया। संस्था के कला शिक्षक श्री गिरीश पांडेय मूर्तिकार एवं चित्रकार श्री भूपेंद्र कुमार आस्थाना ने इस कार्यक्रम का संचालन एवं प्रतिभाग किया। छात्र छात्राओं का कहना है कि आज का पूरा दिन श्रृजनात्मक और उत्साहपूर्ण रहा। वास्तुकला एवं योजना संकाय की अधिष्ठाता डॉ वंदना सहगल ने इस कला कार्यशाला में छात्रों द्वारा किए गए कार्यों की प्रसंशा की और कहा की इस प्रकार के कार्यशालाओं से सृजनात्मक क्षमता और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
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