Bareilly News: बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज में रोजगार सृजन को मिला ड्रीम प्रोजेक्ट
4.92 लाख सेबन रहा मिनी स्टेडियम, साइंस पार्क, डिजिटल लाइब्रेरी की दिशा में भी चल रहा काम
सैनिक स्कूल बनाने की दिशा में प्रस्ताव अभी फाइल में ही बंद
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। बरेली के पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज में रोजगार सृजन के लिए व्यावसायिक ड्रीम प्रोजेक्ट मिला है। टाटा समूह एवं जापानी कंपनी इसकावा के तहत कॉलेज के 6 कमरों में अगले सत्र से कक्षा 6 से प्रवेश प्रारंभ कर उन्हें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के माध्यम से एवं तकनीकी ज्ञान, व्यवसायिक कोर्स आदि कराकर कक्षा 12 तक शिक्षा देगा। और इसके बाद अपनी कंपनी में ही योग्यता अनुसार रोजगार भी देगा। इसके साथ ही बरेली में 25 किलोमीटर रेंज में 4 अनुषांगिक विद्यालय में भी इसी प्रकार की शिक्षा मिलेगी। राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ओ पी राय ने बताया की बरेली की जिला पुस्तकालय में एक और हाल बना दिया गया हे जहां छात्र छात्राओं को अलग अलग बैठने की सुविधा होगी। राजकीय इंटर कॉलेज में छात्रावास का भी शीघ्र जीर्णोद्वार कार्य टेंडर होने के बाद प्रारंभ हो जाएगा। इसी स्कूल में 4.92 लाख रुपए की लागत से मिनी स्टेडियम, 5 करोड़ से बन रहे इनडोर स्टेडियम का कार्य प्रगति पर है। साइंस पार्क, डिजिटल लाइब्रेरी के साथ ही कॉलेज की 240 मीटर की चाहरदिवारी भी बन गई है। फ़िलहाल बरेली में सैनिक स्कूल खोले जाने की दिशा में कदम तो आगे बढ़ गए थे पर उसकी फाइल की गति अभी काफी धीमी ही है। कॉलेज के प्रधानाचार्य ओम प्रकाश राय के अनुसार 8 मई 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लखनऊ में सभी पी एम श्री राजकीय इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम का एक साथ शिलान्यास किया था। अब उत्तर प्रदेश में झांसी राजकीय इंटर कॉलेज की तर्ज पर प्रदेश के अब बरेली सहित 9 जिलों के राजकीय इंटर कालेज में मिनी स्टेडियम एवं इनडोर मल्टी पर्पज हाल बनाने की जिम्मेदारी यू पी प्रोजेक्ट्स कार्पोरेशन लिमिटेड नामक एजेंसी को मिली है।
बरेली में लगभग 5 करोड़ की लागत से 2500 स्क्वायर मीटर भूमि पर 40 गुणा 60 मीटर का मल्टी पर्पज इनडोर स्टेडियम काफी बन चुका है जिसमें कई प्रकार के इनडोर खेल हो सकेंगे। राजकीय इंटर कॉलेज में 12 लाख की लागत से 140 मीटर की चाहरदिवारी पर निर्माण हो गया है जबकि 100 मीटर वाली शेष बची कॉलेज की चाहरदिवारी बनाने को द्वितीय चरण में काम होगा। बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज में 2 करोड़ रुपए लगत से साइंस पार्क एवं 10 करोड़ रुपए लागत से 300 बच्चों के बैठने की क्षमता वाली डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जानी है। राजकीय आजकल कोरोना काल से बंद पड़े हुए 75 छात्रों की क्षमता वाला छात्रावास बंद पड़ा है। कॉलेज कई राष्ट्रीय स्तर की बॉलीवाल आदिवखेल प्रतियोगिता भी सफलता से करा चुका है। इस छात्रावास को भी जीर्णोद्धार कराने के लिए कुछ संस्थाओ के माध्यम से कार्य जल्द शुरू होगा। स्मरण रहे उत्तर प्रदेश में 16 जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप (पीपीपी मोड) में सैनिक स्कूल खोले जाने हैं। जिसमे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरेली, मुरादाबाद, आगरा अलीगढ़, सहारनपुर आदि जिलों के नाम हैं ।
प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पिछले दिनों चयनित जिलों के जिलाधिकारियों को सैनिक स्कूल के लिए स्कूल के नाम मांगे थे। बरेली में भी बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बरेली में राजकीय इंटर कॉलेज से प्रस्ताव बनवाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी को कई माह पूर्व ही भेज दिया था। बीजेपी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने फोन पर बताया कि बरेली का राजकीय इंटर कॉलेज सैनिक स्कूल खोले जाने के मानक पर खरा है जिस पर काफी बड़ा खेल मैदान भी है। उन्होंने कहा कि हमने प्रस्ताव भेज दिया है । अभी उसकी फाइल पर हुई कार्रवाई का पता नहीं है। स्मरण रहे उत्तर प्रदेश में अभी लखनऊ, मैनपुरी एवम गोरखपुर में ही तीन सैनिक स्कूल हैं जबकि देश में केवल 33 ही सैनिक स्कूल हैं। अब देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप में 100 सैनिक स्कूल खोलना प्रस्तावित हैं । जिसमे 16 यूपी में खोले जाने हैं। स्मरण रहे सैनिक स्कूल भारतीय सेना के तहत होते हैं और कक्षा छह और नवम कक्षा में सामान्य प्रवेश परीक्षा होती है। दूसरी ओर मिलिट्री स्कूलों को रक्षा मंत्रालय से चलाया जाता है जिसमें और 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए 10 वीं के परिणाम का मानक होता है ऐसा बताया गया है। स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों का केंद्र रहता था बरेली का राजकीय इंटर कॉलेज बरेली का राजकीय इंटर कॉलेज में आज भी विद्यालय का मूल मंत्र है बच्चों का बहुमुखी विकास। यही कारण है कि बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज से निकले छात्र आई ए एस केडर में आकर उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव से लेकर कमिश्नर, लोक सेवा आयोग, के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, प्रिंसिपल रहते अपने साथ ही कॉलेज का भी नाम रोशन किया। यही नहीं स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों का केंद्र भी बरेली का राजकीय इंटर कॉलेज रहता था। इतिहास के पन्नो में मिली जानकारी के अनुसार ब्रिटिश काल में वर्ष 1837 में आदर्श राजकीय स्कूल का प्रारंभ हुआ था जिसके अंग्रेज प्रधानाचार्य होते थे। प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के शुरू होने से कई वर्ष तक स्कूल का शिक्षण कार्य प्रभावित रहा। बताया गया कि वर्ष 1858 =1859 में स्कूल में शिक्षण शुरू तो हुआ पर वर्ष 1877 आते आते आर्थिक तंगी के चलते स्कूल में व्यवस्था गड़बड़ा गई। इसके बाद वर्ष 1884 में स्कूल को सरकारी अनुदानित संस्था के रूप में शुरू किया गया। वर्ष 1907 से 1917 तक आई ए एस रहे ई ऐ स्ट्रोक प्रधानाचार्य रहे। 1906 की जुलाई माह में नबाब रामपुर ने स्कूल के लिए जमीन दी और यह राजकीय स्कूल वर्तमान मैदान पर स्थापित हो गया। उस समय स्कूल में केवल हाई स्कूल तक ही शिक्षा दी जाती थी। 1924 से 1926 तक आई ए एस रहें नेपाल सिंह प्रधानाचार्य थे। यह स्कूल माध्यमिक शिक्षा परिषद से भी संबद्ध हो गया था। वर्ष 1961में राजकीय इंटर कॉलेज इंटर शिक्षा के लिए उच्चीकृत हुआ। अब यह राजकीय इंटर कॉलेज प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया में चयनित हो चुका है जिसके तहत अब यहां भी केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उसका शिक्षण क्षेत्र में लाभ मिल रहा है। राजकीय इंटर कॉलेज का गौरवशाली अतीत रहा है।
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इस स्कूल के भवन में स्वतंत्रता सेनानी नाना साहब पेशवा 25 मार्च 1858 को बरेली आए। नोमहला निवासी नबाब खानबहादुर खान ने आज के राजकीय इंटर कॉलेज के भवन में नाना साहब आदि को रुकवाया था। नाना साहब पेशवा ने रुहेलखंड के नवाब खानबहादूर के साथ आंदोलन की गतिविधियों को मूर्त रूप दिया था। इसी कॉलेज के मैदान पर क्रांतिकारियों की सेना एवम गोला बारूद भी छिपाया जाता था। रुहेला सरदारों का यहां शाही दरबार एवम न्यायालय भी चलता था। जिसका उल्लेख लंदन में मैकमिलन प्रेस से प्रकाशित होम्स टी राइस ने अपनी पुस्तक "ए हिस्ट्री ऑफ इंडियन म्युटीनी" में पेज 521 से 524 पर उल्लेख किया है। वर्ष 1931 जनवरी में सविनय अवज्ञा आंदोलन में सभी कांग्रेसी नेता पंडित द्वारका प्रसाद, दरवारी लाल शर्मा, सादर संत सिंह के नेतृत्व में राजकीय इंटर कॉलेज मैदान पर एकत्र हुए थे। राजकीय इंटर कॉलेज से निकले छात्र जावेद उस्मानी उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव एवम विक्रम सिंह डायरेक्टर जनरल पुलिस रहे। सुधीर कुमार, चरणजीत सिंह बक्शी आई ए एस बने।
बरेली के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप कुमार सक्सेना, रवि मेहरा, राजकमल श्रीवास्तव, राजीव कमल श्रीवास्तव, अतुल अग्रवाल, अजय भारती, आर के सिंह, डॉ प्रदीप कुमार, अनिल गुप्ता, सुनील कथूरिया, ब्रजेश्वर सिंह, अरुण सिंघल, दीपक अग्रवाल, मनीष टंडन चिकित्सा क्षेत्र में, जोगा सिंह, डॉ एस पी सिंह, प्रदीप कुमार शर्मा शिक्षा क्षेत्र में, योगेंद्र मोहन सक्सेना, आर्किटेक्ट के अलावा, अभियंत्रण, रक्षा आदि क्षेत्र में यहां के छात्र अग्रणी रहे। जिनका जिकोसा नाम का संगठन भी बना हुआ है। जो समय समय पर पुरातन छात्रो का समय समय पर समागम भी कराता रहा है। राजकीय इंटर कॉलेज में राकेश कुमार, अवनीश कुमार यादव के बाद अब ओम प्रकाश राय जी प्रधानाचार्य है। आज भी शिक्षण में कॉलेज का अपना गौरव कायम है ।
शिक्षा के हर सत्र में वर्षभर कोई न कोई शेक्सणिक गतिविधियां होती रहती हैं। अब कॉलेज के कई पुराने भवन अब जमीदोज हो चुके हैं । और उनकी जगह नए भवन ने ले ली है। कॉलेज का खेल मैदान भी कई एकड़ में फैला हुआ था। जिसमे प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, हेमवती नंदन बहुगुणा, खान अब्दुल गफ्फार खान, सोनिया गांधी, लालू यादव के अलावा कई राजनेताओं की भी जनसभाएं हो चुकी हैं। इसी कॉलेज के मैदान में बने राजकीय पुस्तकालय में कुतुबखाना स्थित पुस्तकालय का भवन गिरने के बाद पुस्तके लाकर रखी गई थी। उसके बाद इसी कॉलेज के मैदान की जमीन पर माध्यमिक शिक्षा परिषद का कार्यालय खुला। अब 2024 में स्मार्ट सिटी का आडीटोरियम भी बन चुका है।
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