Prayagraj News: जीवन के हर पहलू को चंचल और मधुर खेल के रूप में देखिए : प्रशांत मिश्र महाराज
श्रीमद्भागवत कथा का पांचवां दिन, श्रीकृष्ण लीला सुन भावविभोर हुए भक्त
नया सवेरा नेटवर्क
प्रयागराज। बाघंबरी गद्दी आलापुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के 5वें दिन श्री धाम वृन्दावन से पधारे ब्यास प्रशांत मिश्र महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में कृष्ण लीला का भाव भक्ति, प्रेम और दिव्य आनन्द है जो जीवन के हर पहलू को एक चंचल और मधुर खेल के रूप में देखने को सिखाता है। यह लीलाएं आत्मा को भगवान के प्रति प्रेमपूर्ण भक्ति के मार्ग पर ले जाती हैं और भौतिक बुद्धि से परे एक गहरी, आंतरिक अनुभूति कराती हैं।
भगवान और भक्तों के बीच गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाती है श्रीकृष्ण की लीलाएं
उन्होंने श्रीकृष्ण जी महाराज की बाल कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मईया यशोदा और ग्वाल बाल के बीच की कथा अद्भुत ढंग से संगीतमय सुनाया। ब्यास गद्दी से कथा के माध्यम से समस्त सनातनियों को कथा भाव को अवगत करते हुए संदेश भी दिया कि श्रीकृष्ण का दिव्य प्रेम और भक्ति भाव है, उनकी लीलाएं भगवान और भक्तों के बीच गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाती हैं। ये प्रेम के अलौकिक और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती हैं। कृष्ण की लीलाओं में एक चंचलता और मधुरता है जो जीवन के सबसे गहरे पहलुओं को भी हल्के-फुल्के ढंग से समझने में मदद करती है। यह सिखाता है कि जीवन में गंभीरता के साथ आनंद और खेल-कूद भी आवश्यक है।
लीलाओं के माध्यम से भगवान के साथ गहरा संबंध स्थापित करती हैं आत्माएं
उन्होंने आगे बताया कि भक्ति का सहज मार्ग है कृष्ण लीलाएं भक्तों को भक्ति का मार्ग सिखाती हैं। इन लीलाओं के माध्यम से आत्माएं भगवान के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करती हैं। आंतरिक आनंद कृष्ण लीलाएं बाहरी क्रियाओं या भौतिक बुद्धि से परे जाकर आंतरिक आनंद और संतुष्टि प्राप्त कराती हैं। कथा को सुनकर श्रोतागण भक्ति भाव के सागर में झूम रहे थे। मुख्य यजमान ज्ञान देवी पत्नी दयाशंकर तिवारी हैं। इस कथा के आयोजक जय प्रकाश तिवारी, दिवाकर तिवारी अधिवक्ता उच्च न्यायालय, सुधाकर जी, प्रभाकर जी, अरुण तिवारी आदि प्रमुख रहे।
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