Jaunpur News: हनुमान चालीसा सुन्दरकांड पाठ करना कल्याणकारी: कथावाचक
बिपिन सैनी @ नया सवेरा
जौनपुर। शीतला चौकियां धाम में रामआसरे साहू मैरेज हाल में चल रहे श्री रामकथा के तीसरे दिन मंगलवार को वाराणसी से पधारे वाराणसी से पधारे कथावाचक मदन मोहन मिश्र ने हनुमान चालीसा सुंदरकांड पाठ का वर्णन करते हुए प्रवचन के दौरान बताया कि हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना मानव जीवन में लिए कल्याणकारी होता है क्योंकि यह जीवन की कई समस्याओ, बाधाओ चिंताओ को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाता है। हनुमान चालीसा सुंदरकांड का पाठ करने से जातक का भय दूर होता है मन शांत होता है और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। हनुमान चालीसा सुंदरकांड पाठ करने वाले व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को भी कम कर सकता है।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से भय और क्लेश से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है। संकट निवारण: इसके पाठ से व्यक्ति को संकटों से मुक्ति मिलती है। सुंदरकांड के पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है। प्रतिदिन पाठ करने से परिवार में शांति, प्रेम और सौहार्द बढ़ता है और धन-समृद्धि आती है। यह जीवन के सभी कष्टों, दुखों और परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है। मानव जीवन में आत्मविश्वास की कमी होने पर सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल प्राप्त होते हैं।वही दोनों का एक साथ पाठ दोनों पाठों को एक साथ करना अधिक कल्याणकारी लाभकारी माना गया है हनुमान जी की कृपा प्रदान करता है जिससे सभी प्रकार के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
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जौनपुर से पधारे कथावाचक डॉ अखिलेश चंद्र पाठक जी ने बताया हनुमान जी की कथा का सार और रहस्य भक्ति, समर्पण और शक्ति पर आधारित है। वे श्रीराम के प्रति अपनी अगाध भक्ति और सेवा समर्पण भाव के लिए जाने जाते है ।श्री राम दूत बनकर समुद्र लांघकर असंभव कार्य को संभव करते है। उनकी कथाओं में उनकी असाधारण शक्ति, ज्ञान और अदम्य साहस का उल्लेख है, जो उन्हें कलयुग में भी जीवित और सशरीर मान्य मानते हैं। उनका रहस्य उनके चरित्र के उन पहलुओं में निहित है, जैसे कि दूसरों की सेवा के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करना, अपने आराध्य के प्रति पूर्ण समर्पण और भक्तों के कष्टों को दूर करना। हनुमान जी की भक्ति और श्रीराम के प्रति उनके प्रेम की गहराई ही उनकी कथा का मुख्य सार है।उन्होंने समुद्र पार करके माता सीता की खोज की और प्रभु श्री राम के साथ रहकर उनकी सेवा की वही असंभव को संभव बनाना उनकी कथाएँ दर्शाती हैं कि सच्ची भक्ति और सेवा के माध्यम से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।इस मौके पर उपस्थित शिवासरे गिरी मदन साहू त्रिलोकीनाथ माली रामआसरे साहू हनुमान त्रिपाठी गुड्डू उपाध्याय प्रवेश उपाध्याय त्रिजुगी त्रिपाठी मुकेश श्रीवास्तव अमित गिरी सावन त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, समेत अनेक लोग मौजूद रहे कथा के अंत में आरती पूजन कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया कथा प्रतिदिन साय 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक हो रही

