Jaunpur News: सरकार की आमद मरहबा...
अकीदत व शानो शौकत के साथ मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी
पूरी रात अंजुमनों ने जुलूस में पढ़े नातिया कलाम, अखाड़ों ने दिखाए करतब
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। नगर का ऐतिहासिक ईद ए मिलाद का जलसा और जुलूस अपनी परंपरा के अनुसार शुक्रवार को शुरू होकर शनिवार की सुबह तक धूमधाम के साथ मनाया गया। इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मोत्सव को इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार 12 रबीउल अव्वल को मनाया जाता है। इसके लिए नगर के सभी अंजुमनों व अखाड़ों ने दिन रात मेहनत कर मस्जिद व शहर को दुल्हन की तरह सजा रखा था। मरकजी सीरत कमेटी के नेतृत्व में शुक्रवार की शाम जुलूस अपनी परंपरा के अनुसार शाही ईदगाह के मेन गेट से उठा। इसको हरी झंडी दिखा कर पूर्व सदर डॉ. हसीन, हाजी अब्दुल अहद मुन्ने, दिलदार अहमद, शाहबुद्दीन विद्यार्थी, अकरम मंसूरी, असलम शेर खान ने संयुक्त रूप से रवाना किया। जुलूस पूरी रात अपने पूरे शानो शौकत से भोर में शाही अटाला मस्जिद पर पहुंचकर एक जलसे के रूप में तब्दील हो गया। इस बीच रास्ते भर विभिन्न अखाड़े अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन करते रहे जिन्हें सम्मानित भी किया गया। शहर की सभी अंजुमनों ने अपने नातिया कलाम भी पेश किए।
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शहर को रंग बिरंगी झालरों, लाइट, बत्ती व झंडों से सजाया गया। जिले के ही नहीं बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के भी लोग इस मेले में घूमने आए थे जिसमें सभी सम्प्रदाय के लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि हजरत मोहम्मद स.अ.व का जन्म अरब के मक्का शहर में 570 ईस्वीं में हुआ था और 8 जून 632 ईस्वीं में उनकी वफात हुई थी। वह एक ईश्वरवाद में विश्वास रखते थे और इस्लाम धर्म के पहले पैगंबर आदम से लेकर इस श्रृंखला में इब्राहिम, मूसा, ईशा आदि पैगंबरों की तरह वह इस्लाम के आखिरी पैगंबर हैं और उन्होंने पूरी दुनिया को एक ईश्वर और निराकार ईश्वर का संदेश दिया जिसको पूरी दुनिया में उनके फॉलोअर मानते हैं। जुलूस संचालन कन्वीनर मज़हर आसिफ व अजवद कासमी ने किया।