AI से कहानी, शकुन की ज़ुबानी- इमैजिन का टीज़र रिलीज़!
नया सवेरा नेटवर्क
कहानीबाज़ शकुन बत्रा अब रच रहे हैं कहानियों का अगला अध्याय – तकनीक और तजुर्बे का मिलन। गूगल के साथ मिलकर एक सिनेमाई तजुर्बा लेकर आ रहे हैं शकुन, जिसका नाम है ‘इमैजिन विद शकुन बत्रा एक्स गूगल जेमिनी’। इसमें इस्तेमाल हो रहा है Veo 3 – गूगल का एडवांस एआई विडियो जनरेशन मॉडल।
इस अनोखी सीरीज़ का टीज़र अब आ चुका है, जो आपको ले जाएगा एक ऐसी दुनिया में जहां कहानी और तकनीक साथ-साथ चलते हैं। शकुन बत्रा, जिनकी पहचान है इमोशनल, रिलेशनशिप-बेस्ड कहानियों से – जैसे "एक मैं और एक तू", "कपूर ऐंड संस" और "गहराइयाँ", अब लाए हैं कहानियों को रचने का एक नया तरीका – टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर। शकुन निर्देशित और जोउस्का फिल्म्स (Jouska Films) द्वारा निर्मित, ‘इमैजिन’ एक पाँच एपिसोड्स वाली सीरीज़ है,* जो दिखाएगी कि एआई कैसे एक क्रिएटिव पार्टनर बन सकता है। Veo 3 और Google AI के *Flow टूल्स के ज़रिए आने वाले महीनों में शकुन और उनकी टीम एक्शन, ड्रामा, साइ-फाई और कॉमेडी जैसे कई जॉनर में एआई के जरिए कहानियां रचेंगे।
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शकुन कहते हैं, “फिल्ममेकिंग में एआई कोई रिप्लेसमेंट नहीं है, ये एक नया तरीका है सोचने का। जब टेक्नोलॉजी और कलाकार साथ आएं, तो नई संभावनाएं जन्म लेती हैं। ये कोई ब्रांड कैंपेन नहीं है, ये एक जिज्ञासा भरा प्रयोग है। Veo 3 और Flow जैसे टूल्स उन क्रिएटर्स को आज़ादी दे सकते हैं जो अब तक बजट या संसाधनों के कारण अपनी कल्पनाओं को स्क्रीन तक नहीं ला पाते थे।”
पहला एपिसोड – "द गेटअवे कार" सीरीज़ की पहली कहानी – ‘द गेटअवे कार’, एक हाई-ऑक्टेन कार चेस है – जो कल रिलीज़ हो रही है! टीज़र देखकर समझ आएगा कैसे स्पीड और इमोशन का फुल ऑन मेल हुआ है, और कहानी गियर बदलकर नए मोड़ लेती है।
शकुन कहते हैं, "मैंने कभी कार चेस नहीं बनाई थी, लेकिन इस टेक्नोलॉजी की मदद से वो ख्वाब हकीकत बन गया। इंडी आर्टिस्ट्स के लिए ये कॉन्सेप्ट बनाना मुश्किल होता है, लेकिन अब, टेक्नोलॉजी के सहारे, ऐसे सीन भी मुमकिन हो पाए हैं। थोड़ी खुरदुराहट के साथ ही सही, लेकिन ये सबसे फ्री फॉर्म क्रिएटिव अनुभवों में से एक रहा। ये परफेक्ट नहीं है – लेकिन ये दिखाता है कि जिज्ञासा कहां तक पहुंचा सकती है।” शकुन मानते हैं कि ये टेक्नोलॉजी एक आर्टिस्ट के विज़न को और बुलंद कर सकती है।
"अब छोटे कस्बों के स्टूडेंट्स भी अपनी कहानियों को उस स्तर पर ला सकते हैं, जो पहले सिर्फ बड़े स्टूडियो कर पाते थे। सही इस्तेमाल हुआ तो एआई रचनात्मकता को घटाता नहीं, उसे आज़ाद करता है।"अब जब जनरेशन अनलिमिटेड है, तो आर्टिस्ट का रोल ये तय करने में और भी अहम हो गया है कि असल मायने क्या रखते हैं।" जोउस्का फिल्म्स (Jouska Films)– शकुन बत्रा द्वारा स्थापित प्रोडक्शन हाउस, हमेशा रहा है स्टोरीटेलिंग और इनोवेशन के बीच पुल बनाने में सबसे आगे। ‘इमैजिन विद शकुन बत्रा एक्स गूगल जेमिनी’ भारत की पहली एआई-नेटिव फिल्म सीरीज़ में से एक है – और ये दिखाती है कि कैसे कहानी कहने की कला को भविष्य की टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जा सकता है।