Jaunpur News: 250 गरीब बच्चों को 4 साल से कोचिंग में नि:शुल्क पढ़ा रहा है श्रवण
वाराणसी के राजघाट स्थित गुरुकुल से कोरोना काल में मिली प्रेरणा
कक्षा 1 से 8 तक पढ़ते हैं बच्चें, जनसहयोग से हर साल कराते हैं शैक्षिक भ्रमण
विनय प्रताप सिंह @ नया सवेरा
चंदवक, जौनपुर। एक तरफ जहां शिक्षा के नाम पर निजी विद्यालय मोटी फीस वसूल रहे हैं, कोचिंग के नाम पर संस्थान छात्रों का शोषण कर रहे हैं वहीं एक ऐसा प्रतिभावान छात्र है जो अपने पढ़ाई के साथ साथ करीब 250 गरीब बच्चों को 4 साल से नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान कर शिक्षा की अलख जगा रहा है। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की प्रतिदिन शाम 4 बजे से 6 बजे तक कक्षाएं संचालित होती है। मौसम के अनुसार समय में परिवर्तन संभावित है। छात्र पेड़ों की छांव में सुरम्य वारावरण में शिक्षा ग्रहण करते हैं।
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बताते हैं कि बरौटी गांव निवासी श्रवण कुमार कन्नौजिया कोरोना काल के दूसरे चरण में किसी कार्यवश वाराणसी के राजघाट गया था। वहां उसने गुरुकुल में चल रहे शैक्षिक वातावरण को नजदीक से देखा तो बड़ा प्रभावित हुआ। प्रतिभावान श्रवण श्री गणेश राय पीजी कॉलेज में एमएससी एग्रोनामी में अध्ययनरत था। गांव आकर उसने गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का संकल्प लिया और 15 अगस्त 2021 स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 10 बच्चों से अपने मिशन की शुरुआत की। उसके पढ़ाने की शैली से दिनोंदिन बच्चों की संख्या बढ़ती गई। आज उसके कोचिंग में प्रतिदिन 200 से 250 के बीच छात्रों की उपस्थिति रहती हैं। बच्चों की संख्या को देखते हुए अलग-अलग कक्षाओं में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मॉनिटर बनाकर शैक्षिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित की जाती है।
श्रवण कन्नौजिया के अभिनव प्रयास को देखते हुए समाज के प्रतिष्ठित लोग समय-समय पर सहयोग करते रहते हैं। कोई बच्चों में बैग वितरित करता है तो कोई स्टेशनरी व कॉपी किताब सहयोग में प्रदान करता है। बैठने की व्यवस्था के लिए टाटपट्टी की व्यवस्था हो जाती है। साल में एक बार अनिवार्यतः कभी-कभी दो बार जनसहयोग से छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण कराया जाता है, जिसमें ऐतिहासिक महत्व के स्थान, धार्मिक स्थल, पुरातात्विक महत्व के स्थल के साथ साथ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान भी सम्मिलित होते हैं। नि:शुल्क कोचिंग के संचालन के संबंध में श्रवण कन्नौजिया ने बताया कि राजघाट में संचालित गुरुकुल से प्रेरणा मिली। विचार आया कि जो गरीब बच्चें आर्थिक तंगी के कारण कोचिंग नहीं पढ़ पा रहे हैं उनको पढ़ने की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराऊं। पढ़ाई के साथ साथ पढ़ाया। लोगों का भरपूर सहयोग व आशीर्वाद मिल रहा है। अपने मिशन से संतुष्ट हूं।
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