Article: अभी क्यों किये
नया सवेरा नेटवर्क
सन २०१४ के बाद एक वाक्य बहुत अधिक प्रचलन में आया।वो है अभी क्यों?जब भी वर्तमान सरकार कोई जनहित व देशहित के काम करती है और चुनाव के आस पास करती है तो,विपक्ष सवाल करता है कि अभी क्यों किये।चुनाव बीतने के बाद करना चाहिए था।अब बताइए भारत में हर छठे महीने कोई न कोई कहीं न कहीं चुनाव होता है।तो क्या सरकार कोई काम न करे। सिर्फ चुनाव बीतने का इंतजार करे।तब तो न चुनाव खत्म होंगे।न सरकार कुछ कर पायेगी।तो देश का विकास नहीं हो पायेगा।और जब देश का विकास नहीं होगा तो,जनता का विकास कैसे होगा। आतंकी हमला होता है।और उसी के आस पास चुनाव रहता है। सरकार जब आतंकी हमले का विधिवत जवाब देती है तो,विपक्ष कहता है अभी क्यों किये। चुनाव बीतने तक रुके क्यों नहीं।इसी तरह भगवान श्रीराम जी के मंदिर का फैसला आने का हुआ तो विपक्ष बोला अभी क्यों आ रहा है।संसद भवन का उद्घाटन होने का हुआ फिर विपक्ष बोला अभी क्यों कर रहे हो। चुनाव बीतने दो।मंगल यान को जब दक्षिणी ध्रुव पर स्थापित किया जा रहा था,तब भी विपक्ष का सवाल यही था,अभी क्यों?
कितनी हास्यास्पद बात है।जब भी सरकार कुछ देशहित व जनहित के कार्य करने चलती है तो,विपक्ष यही सवाल करता है कि अभी क्यों? बिहार में चुनाव आयोग ने वोटरलिस्ट का परीक्षण शुरू किया।यह पता करने की कोशिश की कि वोटरलिस्ट में कितने नाम मृत व्यक्तियों के हैं और कितने नाम फर्जी जुड़े हैं।तो विपक्ष से नहीं रहा गया।वही घिसा पिटा राग अलापा,अभी क्यों? आप सब मानेंगे नहीं, लेकिन विपक्ष खुद कह रहा है कि बिहार में सत्तर लाख वोटर निरस्त किए गये। जिसमें आधे मर चुके हैं।आधे भारतीय नागरिक न होते हुए वोटर थे।या दो दो जगह वोटर थे। सोचिए कितना बड़ा घपला चल रहा है।अब उनके नाम हटाये गये तो विपक्ष कह रहा है अभी क्यों? बताइए तब किया कब जाय।विपक्ष कह रहा है इससे चुनाव प्रभावित हो जायेगा।परीक्षण चुनाव बीतने के बाद करना चाहिए।जब भी किसी घपले बाज नेता के यहाॅं ईडी आईटी सीबीआई आईबी की रेड पड़ती है।उसकी चोरी उजागर होती है तो विपक्ष सवाल करता है अभी क्यों? क्यों भाई देश को लूटने के लिए और समय चाहिए।अभी नहीं तो तब कब,ये सवाल अब हम भारतीय विपक्ष से जानना चाहते हैं।
अभी हाल ही में विगत दिनों अमरनाथ यात्रा शुरू हुई।कोई अनहोनी न हो इसके लिए सरकार ने आपरेशन महादेव शुरू किया और चुन चुन कर आतंकवादियों को निपटाना शुरू किया। इत्तफाक से संसद सत्र भी शुरू हो गया।अब विपक्ष को जनहित के मुद्दे नहीं दिखे।दिखा सिर्फ आपरेशन महादेव। आपरेशन महादेव से आतंकी मारे जा रहे हैं। देशद्रोहियों का सफाया हो रहा है।पेट में दर्द यहाॅं संसद में हमारे विपक्षी सांसदों को हो रहा है।वो जनहित देश हित के सवाल न पूॅंछकर कर पूॅंछ रहे हैं आपरेशन महादेव अभी क्यों?समझ में नहीं आ रहा है ये जनता द्वारा चुनकर आते हैं या आतंकवादियों द्वारा।जनता मारी जाती है तब तो ये कुछ नहीं बोलते। आतंकी मारे जाते हैं तो, बहुत बोलते हैं,रोते हैं।इतना रोते हैं उतना तो उसके घर वाले नहीं रोते होंगे।इसलिए जनता को यह लग रहा है कि ए हमारे नेता हैं, हमारे प्रतिनिधि हैं कि आतंकवादियों और देशद्रोहियों के।बार बार एक ही सवाल पूॅंछते हैं।अभी क्यों?
यह भी पढ़ें | Jaunpur News: पुलिस लाइन में निःशुल्क मेडिकल कैम्प का आयोजन
अब बात आती है जब हर छठे महीने चुनाव आ जाता है। सरकार कुछ अच्छे जनहित व देशहित के काम करने चलती है तो विपक्ष अड़ंगेबाजी करता है।तो क्या सरकार काम न करे।करे तो कब करे।विपक्ष के हिसाब से तो सरकार को कुछ करना ही नहीं चाहिए।गजब का दुष्प्रचार करता है विपक्ष।ये सब काम जो हो रहा है चुनाव को देखते हुए कर रही है सरकार।अब बताइए चुनाव के नजदीक बाढ़ आ जाय और सरकार कुछ न करें।यह सोचकर कि चुनाव है।कोई भीषण आतंकी हमला हो जाय सरकार कुछ न करें यह सोचकर कि चुनाव है। कोई दुश्मन देश भारत पर हमला कर दे। सरकार कुछ न करे।यह सोचकर कि चुनाव है।तो देश कैसे चलेगा।जनता का दुख कौन दूर करेगा।तबतो बड़ी विकट परिस्थिति का निर्माण हो जायेगा । दुश्मन देश हम पर हावी होकर हमें गुलाम बना लेगा।तो क्या विपक्ष भारत को फिर से गुलाम बनाना चाह रहा है।जो हमेशा संसद से सड़क तक बेतुके सवाल करता रहता है।हम जब विपक्षियों की कार्यप्रणाली पर नजर दौड़ाते हैं तो, पाते हैं कि आज का विपक्ष हर वो कार्य कर रहा है। जिससे देश की मर्यादा का हनन साफ झलकता है। झलकती है तो देशद्रोही आतंकवादियों की झलक। क्योंकि ये सदैव भ्रष्टाचारियों देशद्रोहियों आतंकवादियों के ही बचाव में सब कुछ करते नजर आते हैं। क्योंकि की ऐसी घटनाएं इस समय पिछले कुछ वर्षों में घटी है।जो विपक्ष के विकृत चेहरे का दिखा रहा है।जैसे पुलवामा और उरी के बाद भारत सरकार ने जो सर्जिकल व एयर स्ट्राइक किया।व अभी पहलगाम की आतंकी घटना के बाद जो आपरेशन सिंदूर द्वारा पाक पड़ोसी की बैंड बजाई।उससे पाक को कम हमारे देश के विपक्षियों को अधिक पीड़ा हुई।ए मैं नहीं कह रहा।आप सब विपक्षियों के बयान उठाकर देख लें।ऐसा लगता ही नहीं कि ये भारत के नेता हैं।ऐसा लगता है जैसे ये पाकिस्तान के नेता हैं।ए हर विकासशील काम में रोड़ा अटकाते आ रहे हैं।जिससे देश विकास न कर सके। इसलिए ये जनहित का सवाल न पूॅंछकर कर,पूॅंछते हैं अभी क्यों? लेकिन वर्तमान सरकार भी गजब की है।वह कहती हैं अभी नहीं तो कब। इसलिए हर काम समय से होगा।आप अपना काम करते रहिये हम अपना करते रहेंगे।आप पूॅंछते रहिए अभी क्यों किये।
विपक्ष का पूॅंछना भी गलत नहीं है।अक्सर महत्वपूर्ण कार्य सरकार चुनाव के आस पास ही करती है।चाहे भ्रष्टाचार पर स्ट्राइक हो, चाहे राम मंदिर व संसद भवन का उद्घाटन हो,चाहे पाकिस्तान पर हमला हो।चाहे जनहित व देशहित का कोई महत्वपूर्ण कार्य हो। सरकार चुनाव के समय ही करती है।ऐसा क्यों?सवाल तो बनता है।मगर सरकार भी करे तो क्या करे।जब आये दिन चुनाव होते ही रहते हैं।तो सरकार हाॅंथ पर हाॅंथ धरे तो नहीं बैठ सकती।विपक्ष को सत्ता हासिल करना है। सरकार को भी तो सत्ता बचायें रखना है। यदि विपक्ष को यह तकलीफ है कि सरकार चुनाव देखकर काम कर रही है।तो, पुरजोर तरीके से एक देश एक चुनाव की माॅंग करना चाहिए।सब झंझट ही समाप्त हो जाती।मगर विपक्ष एक देश एक चुनाव का विरोध कर यह बता रहा है कि अपना काम बनता भाड़ में जाये देश,भाड़ में जाए जनता।इससे विपक्ष की कुत्सित मानसिकता साफ साफ दिखाई दे रही है।ये हर उस गलत का समर्थन करते आ रहे हैं,जिससे देश की अपार क्षति हो रही है।सत्ता पाने के लिए ये इस कदर पिगलाये हुए हैं कि क्या कहने।जवाब नहीं है।ये संसद में फिलिस्तीन का पाकिस्तान का झंडा फहराने से भी बाज नहीं आ रहे।और सोच रहे हैं सत्ता की सीढ़ी यही है।विपक्ष यह नहीं सोच पा रहा कि मंदिर बनवाने से यदि सत्ता मिलती तो भाजपा इस बार २४० पर नहीं सिमटती।३००पार होती।और खुद अयोध्या नहीं हारती।भाजपा जीत रही है तो जनहित देशहित में काम करके।आई भी है तो अभी क्यों किये कह के नहीं।अभी क्यों नहीं किए यह कहके।भाजपा का सूत्र है अभी नहीं तो कभी नहीं।
काल करे सो आज कर आज करे सो अब।
पल में परलय होयगी बहुरि करोगे कब।।
विपक्ष को भी यही सूत्र अपनाना चाहिए। अपनाना क्या चाहिए अपना लेना चाहिए।लेकिन विपक्ष यह न करके पूॅंछता है,अभी क्यों किये।
पं.जमदग्निपुरी
![]() |
विज्ञापन |