Jaunpur News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यवहारिक सुधार की आवश्यकता
नई शिक्षा नीति के 5 वर्ष पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। टीडीपीजी कॉलेज में शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5 वर्ष व्यवहारिक चुनौतियां एवं नीतिगत सुझाव पर आयोजित दो दिवसीय शैक्षिक विमर्श का प्रारंभ मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम आसरे सिंह द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बहुत सी व्यावहारिक चुनौतियां हैं जिसका निदान आवश्यक है। मुख्य वक्ता समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरिओम त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा तर्कपूर्ण ही नहीं वरन सांस्कारिक भी होना अत्यधिक आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा धन है जो कई पीढ़ियों तक स्थानांरित किया जा सकता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के द्वारा बहुत ही तथ्यपूर्ण विचारों को शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत किया।
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सुषमा सिंह ने कहा कि वर्तमान में कुछ विषयों में अत्यधिक छात्रों की संख्या होने के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है। प्रो. सुधांशु सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुधार करके अपेक्षित उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है। प्रो. अजय कुमार दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिन उद्देश्यों को लेकर प्रारंभ की गई है उन पर सभी को ध्यान देना आवश्यक है। संगोष्ठी को प्रो. रीता सिंह, प्रो. श्रद्धा सिंह, डॉ. अरविंद कुमार सिंह, डॉ. प्रशांत कुमार पांडेय, डॉ. सुलेखा सिंह, डॉ. गीता सिंह, डॉ. सीमांत राय, डॉ. वैभव सिंह ने भी संबोधित किया। आभार डॉ. अरविंद कुमार सिंह एवं संचालन डॉ. वैभव सिंह ने किया।