'पद्म भूषण' राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की जयंती पर भावपूर्ण नमन-पुष्पेन्द्र सिंह

भारत माता का मंदिर यह 

समता का संवाद जहाँ, 

सबका शिव कल्याण यहाँ 

है पावें सभी प्रसाद यहाँ।


'हम कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी'

यह आत्मबोध 'पद्म भूषण' राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की लेखनी का तेज था।संस्कृति,संवेदना और राष्ट्रनिष्ठा से समृद्ध उनकी कालजयी रचनाएं युगों तक हमें संस्कारित करती रहेंगी। 


युवा पीढ़ी के हृदय मे देश के प्रति कर्तव्यबोध जागृत करने वाले,महान रचनाकार, 'पद्मभूषण' राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की जयंती पर उनका पुण्य स्मरण एवं भावपूर्ण नमन।

हिंदी साहित्य के उन्नयन में उनका योगदान अभिनंदनीय है।

राष्ट्रीय चेतना,लोक-जीवन की संवेदना एवं हमारी समावेशी संस्कृति से समृद्ध उनकी कालजयी रचनाएं साहित्य जगत की अनुपम धरोहर हैं।

🪷पुष्पेन्द्र सिंह🪷

(जनसेवक-मछलीशहर,जौनपुर)

#MaithiliSharanGuptJayanti



नया सबेरा का चैनल JOIN करें