Jaunpur News: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर आशाओं का संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित
11 अगस्त को बच्चों को खिलायी जायेगी एल्बेंडाजोल की गोली
नया सवेरा नेटवर्क
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और सीखने की क्षमता पर बुरा असर डालता है। कृमि शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को खा जाते हैं जिससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं। गंभीर संक्रमण की स्थिति में दस्त, पेट दर्द, भूख न लगना, उल्टी, एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डीवॉर्मिंग टैबलेट सुरक्षित और प्रभावी इलाज है जिससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। एनीमिया में सुधार होता है। कक्षा में उपस्थिति और सीखने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
कार्यशाला में यह भी स्पष्ट किया गया कि बीमार बच्चों या पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे बच्चों को एल्बेंडाजोल नहीं दी जाएगी। दवा खिलाने से पहले माता-पिता को संभावित मामूली दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना आवश्यक है। इनमें मिचली, उल्टी, हल्का दस्त, पेट दर्द या थकान जैसी सामान्य शिकायतें हो सकती हैं जो अस्थाई होती हैं। कार्यशाला के दौरान विश्व स्तनपान सप्ताह की भी चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि जन्म के तुरंत बाद मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे को जरूर दिया जाय, पहले छह माह तक केवल स्तनपान कराया जाय और उसके बाद ऊपरी आहार के साथ कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखना चाहिये।
इस अवसर पर बीएमसी विप्लव यादव, अमिताभ शुक्ला, अवधेश तिवारी, अशोक कुशवाहा, अंजना भारती सहित सैकड़ों आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।