Mumbai News: संयुक्त फेरीवाला महासंघ का 15 जुलाई को आजाद मैदान पर मूक मोर्चा
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। फेरीवालों के विरुद्ध पिछले कुछ दिनों से मनपा तथा पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही अमानवीय कार्रवाई के विरोध में संयुक्त फेरीवाला महासंघ, महाराष्ट्र की ओर से मंगलवार, 15 जुलाई को आजाद मैदान, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई में सुबह 10 बजे से विराट मूक मोर्चे का आयोजन किया गया है। महासंघ के समन्वयक व मुंबई महानगरपालिका के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में उक्त घोषणा की। इस अवसर पर महासंघ के पदाधिकारी आर यू सिंह, दयाशंकर सिंह, आरपीआई नेता हरिहर यादव, संजय यादव, मापनकर ,शिवाजी सुर, आदि मौजूद रहे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए बाबूभाई भवानजी ने कहा कि मुंबई जैसे महानगर में पिछले 20 से 50 वर्षों से ईमानदारी से अपना व्यवसाय कर रहे लाखों फेरीवालों पर, मुंबई महानगरपालिका एवं पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार अन्यायपूर्ण एवं कठोर कार्रवाई की जा रही है। इन कार्रवाइयों में वर्षों से स्थापित फेरीवालों को बेदखल किया जा रहा है, जिससे उनके जीवन यापन पर संकट उत्पन्न हो गया है।
महासंघ द्वारा आयोजित मूक मोर्चे के प्रमुख मुद्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से अनुशासित और वैध रूप से व्यवसाय करने वाले फेरीवालों को सड़क से हटाना अमानवीय और अन्यायपूर्ण है। फेरीवाले अपने दम पर व्यवसाय खड़ा किया। अब वही व्यवसाय जबरन बंद क्यों किया जा रहा है,?केंद्र व राज्य की नीतियों में विरोधाभास दिखाई देता है, क्योंकि जहां एक ओर केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’, पीएमईजीपी एवं मुद्रा योजना जैसी पहल के माध्यम से स्व-रोजगार को बढ़ावा देती है, वहीं दूसरी ओर मुंबई महापालिका और पुलिस प्रशासन इन्हीं स्वरोजगारों को अवैध ठहराकर बंद करवा रही है। फेरीवालों को अपराधी की तरह देखा जा रहा है। भवानजी ने नियमबद्ध फेरीवाला नीति तुरंत लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि हम अनुशासित और व्यवस्थित फेरी व्यवसाय के पक्षधर हैं।
यह भी पढ़ें | विश्व युवा कौशल दिवस 15 जुलाई 2025: एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण
महापालिका को फेरीवालों को लाइसेंस देने चाहिए और निर्धारित शुल्क के माध्यम से राजस्व अर्जित करना चाहिए, जिससे नगर निगम को सैकड़ों करोड़ की आय हो सकती है। वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूभाई भवानजी ने कहा कि महंगाई को नियंत्रित रखने वाले फेरीवाले ही हैं। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि मुंबई, ठाणे, कल्याण सहित उपनगरों में रहने वाला 80 फीसदी गरीब एवं मध्यम वर्ग दैनिक आवश्यक वस्तुएं जैसे कपड़े, सब्जियां, फल, किराना आदि फेरीवालों से ही खरीदता है। मॉल या ब्रांडेड दुकानों से खरीदारी उनकी आर्थिक पहुंच से बाहर है।
मुंबई का आम नागरिक फेरीवालों पर निर्भर है। वहीं महाराष्ट्र के पालघर, रायगढ़ जैसे जिलों के किसान सीधे मुंबई में कृषि उत्पाद बेचते हैं।अब उन्हें भी रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि फेरीवाले रोजगार उत्पन्न करने वाले हैं। वे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं, किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं। भवानजी ने कहा कि फेरीवालो का रुख स्पष्ट है। फेरीवाले भीख नहीं मांगते, वे न्याय मांगते हैं। फेरीवाले स्वाभिमानी हैं,आत्मनिर्भर हैं। लिहाजा फेरीवालों को उनका व्यवसाय सम्मानपूर्वक करने दिया जाए।
![]() |
विज्ञापन |