UP News: पीएम आवास के लिए बारह अरब इकतीस करोड़ स्वीकृत



चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन 2.0 के अंतर्गत मिली स्वीकृति

आवासों की जियोटैगिंग होगी सुनिश्चित, नवनिर्मित आवासों में प्रयुक्त आपदा प्रतिरोध विशेषताएं भी देखी जाएंगी

हर नागरिक को छत देने की दिशा में बड़ा कदम, हर लाभार्थी को मिलेगा 2.5 लाख अनुदान

नया सवेरा नेटवर्क

लखनऊ। डबल इंजन की सरकार प्रदेश में हर नागरिक को छत उपलब्ध कराने की दिशा में लगातर बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन 2.0 के अंतर्गत 12 अरब 31 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस धनराशि का उपयोग शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद लाभार्थियों को पक्के मकान उपलब्ध कराने में किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आवास निर्माण की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।


पारदर्शिता के लिए जियो टैगिंग

योजना के तहत सभी आवासों की जियो टैगिंग सुनिश्चित की जाएगी, ताकि निर्माण की प्रत्येक अवस्था की निगरानी सटीकता से की जा सके। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि आपदा प्रतिरोध विशेषताओं को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इससे प्राकृतिक आपदाओं के समय आवासों की मजबूती और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। योजना में लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता के लिए निर्मित मकानों के फोटोग्राफ्स और जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी गई है, जिससे वास्तविकता और पारदर्शिता बनी रहे। निर्माणाधीन मकानों में भूकंप, बाढ़ और अन्य आपदाओं से सुरक्षा की दृष्टि से आपदा प्रतिरोध विशेषताओं को शामिल करना अनिवार्य किया गया है।

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योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर करते हैं सहयोग

इस योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच लागत का साझा वहन 60:40 के अनुपात में किया जा रहा है, जिससे प्रदेश पर वित्तीय बोझ कम हो। योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को 2.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे उन्हें पक्के घर बनाने में मदद मिलेगी।


गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए योजना की निगरानी

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन 2.0 की शुरुआत 1 सितंबर 2024 को की गई थी। इस योजना का उद्देश्य वर्ष सभी परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है। योजना की निगरानी राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है, ताकि समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित हो सके। जन-जन को छत देने की दिशा में ये कदम न केवल सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे, बल्कि शहरी क्षेत्रों के समेकित विकास को भी गति देंगे।

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