अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ़ जबरदस्त प्रदर्शन-गुड ट्रबल लाइव ऑन नमक विरोध आंदोलन-50 राज्यों के 1600 जगहों पर आंदोलन

घर में घिरे ट्रंप-लोकप्रियता व अप्रूवल रेटिंग में भारी गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका में अपनी पार्टी सहित, यूरोपीय यूनियन, व दुनियाँ के अनेक देशों में टैरिफ, इमीग्रेशन मुद्दों क़ा विरोध-लोग सड़कों पर उतरे- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियाँ के हर लोकतांत्रिक देश के प्रमुखों को अपने देश पर दीर्घकालिक अवधि तक पद पर बने रहना है, तो उन्हें नेतृत्व के गुणों का धनी होना पड़ेगा,जिसमें त्वरित निर्णय, सबका साथ सबका विकास दुनियाँ को एक परिवार मानना, अपने राष्ट्र को सर्वोपरि सहित कई मामलों में अमेंडेड, दृढ़ संकल्प, विश्वास के साथ सत्ता का संचालन करना होता है, अन्यथा सत्ता संभालनें के कुछ महीनो में ही जनता का मोह भंग हो जाता है व धरनें आंदोलन शुरू हो जाते हैं,इसका मकसद नागरिक अपनी नाराजगी व्यक्त करते हैं। मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि यह अहिंसात्मक आंदोलन कर अपनी जायज मांगों को रखना चाहते हैं,ताकि अन्याय कोसमाप्त किया जा सके। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं,क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मैं अमेरिका में चल रही राजनीति का रिसर्च कर रहा हूं, अमेरिका में हम देख रहे हैं कि गुड ट्रैवल लाइवस बैनर तले चल रहा आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है, दो दिन पूर्व मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका के 50 राज्यों के 1600 से अधिक स्थानों पर यह आंदोलन चल रहा है, हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप चुनाव में किए गए वादों को स्टेप बाय स्टेप पूरा करने की ओर कदम तीव्रता से बढ़ा रहे हैं,जो काबिले तारीफ है। परंतु मेरा मानना है कि उनके क्रियान्वयन व निर्णय में कुछ खामियां हो सकती है? उनके मुख्य मुद्दों में टैरिफ व इमीग्रेशन है।इमीग्रेशन पर अनेक राज्यों के अनेक नागरिक नाराज है, तो टैरिफ मुद्दे पर अब यूरोपीय यूनियन भी अच्छा खासा नाराज़ चल रहा है,व अपने स्तर पर आपस में संधियाँ कर अपनी सभी क्षेत्रों में सुरक्षा का खुद इंतजाम कर रहा है, जिसका सबसे सटीक उदाहरण अभी दो दिन पहले ब्रिटेन जर्मनी में समझौता हुआ व फ्रांस भी इनके साथ है। डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका में अपनी पार्टी सहित, यूरोपीय यूनियन,व दुनियाँ के अनेक देशों में टैरिफ, इमीग्रेशन मुद्दों पर विरोध-लोग सड़कों पर उतरे, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन, गुड ट्रबल लाइव नामक विरोध आंदोलन,50 राज्यों के 1600जगहों पर जबरदस्त आंदोलन,घर में गिरे ट्रंप- लोकप्रियता व अप्रूवल रेटिंग में भारी गिरावट। 

साथियों बात अगर हम अमेरिका में ट्रंप की नीतियों के खिलाफ़ प्रदर्शनों की करें तो,अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप दुनियाँ भर में ट्रेड और टैरिफ वार छेड़ने के साथ अपने कई अन्य अजीबोगरीब फैसलों के चलते अपने ही देश में घिर गए हैं। गत 2 दिनों से ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के विभिन्न शहरों में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहाहैअमेरिकी जनता ट्रंप की कई नीतियों के विरोध में सड़क पर उतर आई है। पूरे देश में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन और उनकी नीतियों के खिलाफ पोस्टर, बैनर और नारों के साथ अपनी असंतुष्टि जाहिर की है। 'गुड ट्रबल लाइव्स ऑन’ नामक विरोध आंदोलन ने देश के सभी 50 राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों को इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट भवन के पास एक चौराहे को अवरुद्ध करते हुए देखा गया। एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, जब प्रदर्शनकारी एक इमिग्रेशन कोर्ट के बाहर इकट्ठा हुए तो उन्होंने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ ‘गुड ट्रबल लाइव्स ऑन’ राष्ट्रीय विरोध दिवस के तहत तख्तियां थाम रखी थीं।ट्रंप के खिलाफ यह प्रदर्शन अटलांटा (जॉर्जिया), सेंट लुइस (मिसौरी), ओकलैंड (कैलिफोर्निया), और एनापोलिस (मैरीलैंड) समेत करीब 1600 जगहों पर हुआ। इसमें ट्रंप प्रशासन की स्वास्थ्य देखभाल में कटौती, इमिग्रेशन नीतियों और अन्य फैसलों की खिलाफत की गई। इसका उद्देश्य दिवंगत कांग्रेस सदस्य और नागरिक अधिकारों के नेता जॉन लुईस को श्रद्धांजलि देना भी। 

साथियों बात अगर हम गुड ट्रबल लाइवस ऑन आंदोलन को समझने की करें तो,'गुड ट्रबल’ आंदोलन का नाम जॉन लुईस की उस प्रसिद्ध अपील से लिया गया है, जो उन्होंने 2020 में अपनी मौत से पहले अमेरिकी नागरिकों से की थी। उन्होंने कहा था, "अच्छी परेशानी में पड़ो,ज़रूरी परेशानी में पड़ो और अमेरिका की आत्मा का उद्धार करो बता दें कि जॉन लुईस ‘बिग सिक्स’ नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के समूह के अंतिम जीवित सदस्य थे, जिसका नेतृत्व डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। लुईस ने हमेशा अहिंसक आंदोलन और न्याय की लड़ाई का समर्थन किया, और यह आंदोलन उनके विचारों की विरासत को आगे बढ़ाता है।पब्लिक सिटीजन संगठन की सह-अध्यक्ष लीसा गिल्बर्ट ने प्रदर्शन से पहले कहा, "हम अपने देश के इतिहास के सबसे भयावह क्षणों में से एक से गुजर रहे हैं। प्रशासन में बढ़ते अधिनायकवाद और अव्यवस्था से हम सभी जूझ रहे हैं,जब हमारे लोकतंत्र के अधिकारों, स्वतंत्रताओं और अपेक्षाओं को चुनौती दी जा रही है।" इस राष्ट्रीय आंदोलन का उद्देश्य ट्रंप प्रशासन की उन नीतियों और कार्यों के खिलाफ आवाज़ उठाना है जिन्हें कई नागरिक मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा मानते हैं। 

यह भी पढ़ें | Jaunpur News: ट्रांसफार्मर बदलने के नाम पर चंदा जुटाने अथवा धनउगाही की शिकायत पर करें कार्रवाई

साथियों बात अगर हम ट्रंप के टैरिफ नीतियों पर बयानों को लेकर चर्चा होने की करें तो,बहरहाल, अपनी टैरिफ नीतियों पर बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले ट्रंप अमेरिका में कितने लोकप्रिय हैं, इससे जुड़ी एक सर्वे भी सामने आया है। इस खबर के मुताबिक देशवासी बीते छ महीनों की अवधि में ट्रंप की नीतियों को लेकर उतने खुश नहीं हैं। टैरिफ नीति के चलते अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है। वहीं ट्रंप सरकार अपने बिग ब्यूटीफुल बिल के जरिए सामाजिक कल्याण योजनाओं में कटौती कर रही है और मेडिकेड सुविधा को भी कम कर रही है। इसके चलते अमेरिका में 1.1 करोड़ लोग स्वास्थ्य बीमा से बाहर हो जाएंगे। ट्रंप की नीतियों के बीच उनकी लोकप्रियता को लेकर हुए सर्वे के मुताबिक इस साल की शुरुआत में अप्रवासन के मुद्दे पर ट्रंप की जो रेटिंग थी, अब उसमें गिरावट आई है। इसके अलावा सरकारी खर्च में कटौती और मेडिकेड जैसे मुद्दों पर लोगों में भारी नाराजगी है।हाल के सर्वेक्षणों से पता चला है कि राष्ट्रपति ट्रंप का एजेंडा जनता के बीच काफ़ी हद तक अलोकप्रिय है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश अमेरिकियों को लगता है कि उनके हस्ताक्षरित घरेलू नीति विधेयक से देश को नुकसान होगा, जेफरी एपस्टीन मामले की फाइलों को संभालने के उनके तरीके से वे असहमत हैं, और बिना दस्तावेज़ वाले अप्रवासियों को उनके अपने देश के अलावा अन्य देशों में निर्वासित करने का विरोध करते हैं। और सीएनएन/एसएसआरएस के एक सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकियों का एक बढ़ता हुआ हिस्सा यह मानता है कि ट्रंप गलत प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फिर भी, हालाँकि राष्ट्रपति की कार्य स्वीकृति रेटिंग कम बनी हुई है, पिछले कई हफ़्तों से यह अपेक्षाकृत स्थिर भी रही है।दुनिया के सबसे चर्चित शख्स और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता में चुनाव के बाद काफी कमी आई है अपनी नीतियों और बयानों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहे ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। 30 जनवरी 2025 को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभालने वाले ट्रंप लोगों के बीच में काफी लोकप्रिय थे लेकिन 5 महीना के उनके कार्यकाल के दौरान हुई फ़ैसलों के कारण अमेरिकियों को अपनी नौकरी गवानी पड़ी और व्यापारियों को भी एक लंबा नुकसान हुआ है।याहू न्यूज नया गांव सर्वेक्षण के मुताबिक केवल 40 फ़ीसदी अमेरिकी ही राष्ट्रपति ट्रंप को अभी भी पसंद करते हैं जबकि 56 प्रतिशत लोग खुले तौर पर उन्हें ना पसंद करते हैं। आपको बता दें यह सर्वेक्षण ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका में मई के महीने में निजी क्षेत्र में नौकरियों में कटौतियां हुई है पहले डोंगे मिशन और उसके बाद ट्रंप की नीतियों का लोगों ने काफी विरोध किया है इसके अलावा ट्रंप की अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल जा रहा है अभियान के तहत पूरे इन मामलों के विरोध में हजारों लोग सभी शहरों में सड़कों पर उतर आए थे इन लोगों को संभालने के लिए ट्रंप को सैनिकों की तैनाती करनी पड़ी थी,ट्रंप की नीतियों के विरोध के चलते उनकी अप्रूव्ड रेटिंग भी उसे उनके सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है अगर उनके पूर्व भर्ती राष्ट्रपतियों से तुलना करें तो ट्रंप का प्रदर्शनबराक ओबामा और जो बिडेन दोनों से ही खराब रहा है इन दोनों को ही अपने कार्यकाल के पांच महीनों बाद लोगों का बेहतर सपोर्ट मिला था,आपको बता दें मार्च के महीने में ट्रंप के अप्रूवल रेटिंग लगभग 44 फीस दी थी जो एक ही महीने में घटकर 40 पेर्सेंट पर आ गई है वहीं पहले केवल 50 पेर्सेंट प्रतिशत लोगों ने खुलकर नापसंद करते थे वहीं अब यह मात्रा 56 पेर्सेंट हो गई है।

साथियों बात अगर हम यूरोपीय यूनियन देशों में अमेरिका के प्रति अविश्वास व आपसी समझौतों की करें तो, ब्रिटेन और जर्मनी ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को एक व्यापक मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे रक्षा से लेकर परिवहन तक के क्षेत्रों में संबंधों को गहरा किया जा सके, जो चांसलर के रूप में फ्रेडरिक मर्ज़ की पहली लंदन यात्रा को चिह्नित करता है, जो यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के संबंधों को फिर से स्थापित करने में मदद करने के लिए नवीनतम यात्रा है।श्री मर्ज़ की यह एक दिवसीय यात्रा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ब्रिटेन की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के बाद हो रही है, जो महाद्वीप के लिए खतरे तथा उनके अमेरिकी सहयोगी के बारे में अनिश्चितता के समय यूरोप की शीर्ष तीन शक्तियों के बीच अधिक सहयोग का संकेत है।हम रक्षा, विदेश नीति के क्षेत्र में, साथ ही आर्थिक और घरेलू नीति में भी अपने सहयोग को गहरा करना चाहते हैं।बर्लिन के एसडब्ल्यूपी थिंक-टैंक के निकोलाई वॉन ओंडार्ज़ा ने कहा कि ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए मतदान करने के लगभग एक दशक बाद हुई यह संधि, एक ओर तो जर्मनी-ब्रिटिश संबंधों के सामान्य होने का संकेत है। "दूसरी ओर, यह संधि इस बात का भी संकेत है कि ट्रान्साटलांटिक अनिश्चितता के कारण ब्रिटेन एक सुरक्षा साझेदार के रूप में और भी महत्वपूर्ण हो गया है।"राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से यूरोप को नए अमेरिकी टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन सहित अपने यूरोपीय सहयोगियों की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठ रहे हैं ।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ़ जबरदस्त प्रदर्शन- गुड ट्रबल लाइव ऑन नमक विरोध आंदोलन-50 राज्यों के 1600 जगहों पर आंदोलन।घर में घिरे ट्रंप- लोकप्रियता व अप्रूवल रेटिंग में भारी गिरावट।डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका में अपनी पार्टी सहित, यूरोपीय यूनियन,व दुनियाँ के अनेक देशों में टैरिफ, इमीग्रेशन मुद्दों क़ा विरोध-लोग सड़कों पर उतरे

-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465


9thAnniversary: पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सुभाष सिंह की तरफ से नया सबेरा परिवार को 9वीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं



नया सबेरा का चैनल JOIN करें