Jaunpur News: बरसेठी रेलवे स्टेशन की दुर्दशा पर संसद में गूंजी आवाज
सांसद के प्रयास की क्षेत्रीय जनता ने की सराहना
उम्मीद जगी कि अब बदबरसेठी रेलवे स्टेशन की दुर्दशा पर संसद में गूंजी आवाज
सांसद के प्रयास की क्षेत्रीय जनता ने की सराहना
उम्मीद जगी कि अब बदलेगा स्टेशन का हाल
नया सवेरा नेटवर्क
बरसठी, जौनपुर। मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज ने लोकसभा में बरसेठी रेलवे स्टेशन की बदहाल स्थिति का मुद्दा गंभीरता से उठाकर क्षेत्रीय जनता की पीड़ा को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि बरसठी स्टेशन पर आज तक न तो पीने के पानी की समुचित व्यवस्था है, न ही शौचालय, और न ही यात्रियों के बैठने हेतु बेंच या प्रतीक्षालय की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने इसे ग्रामीण जनता के साथ घोर उपेक्षा बताते हुए रेल मंत्रालय से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की। सांसद ने कहा कि बरसेठी रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री यात्रा करते हैं, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग, छात्र-छात्राएं और किसान शामिल हैं। इसके बावजूद रेलवे विभाग द्वारा इस स्टेशन को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। उन्होंने संसद के भीतर यह भी कहा कि इस उपेक्षा ने क्षेत्रीय जनता को असुविधा, अपमान और कठिनाइयों के बीच जीने को विवश कर दिया है। उन्होंने रेल मंत्रालय से अनुरोध किया कि प्राथमिकता के आधार पर स्टेशन पर शौचालय, पेयजल, बैठने की सुविधा और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
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सांसद द्वारा उठाए गए इस जन-सरोकार से जुड़े मुद्दे की क्षेत्रीय जनता ने खुले दिल से सराहना की है। लोगों ने सांसद के इस प्रयास को ‘जनता की सच्ची आवाज’ बताया है कि किसी जनप्रतिनिधि ने संसद में पहली बार हमारे कष्टों की आवाज गूंज की है। वही महिलाओं ने कहा कि पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा की मांग को इतनी मजबूती से रखना हमारे लिए गर्व का विषय है। छात्रों और युवाओं ने भी इस हस्तक्षेप को “नई राजनीति की सकारात्मक दिशा” बताया है। राजनीतिक दलों से इतर आम लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से सांसद के प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे 'जनप्रतिनिधि की असली भूमिका'बताया। क्षेत्र में अब आशा जगी है कि यह मुद्दा केवल भाषण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जल्द ही धरातल पर भी इसके सकारात्मक परिणाम दिखेंगे। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि रेलवे विभाग अब बरसठी स्टेशन को केवल ‘स्टॉपेज’ नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित स्टेशन के रूप में विकसित करेगा।
संसद में उठाया विद्यालय मर्जर का भी मुद्दा, यूपी सरकार के फैसले को बताया शिक्षा विरोधी : मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद किए जाने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि, यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 21(A) और शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है। इससे अब तक करीब 28 लाख छात्र-छात्राएं स्कूल जाना छोड़ चुके हैं और ढाई लाख शिक्षक व कर्मचारी बेरोजगारी के खतरे में हैं। सांसद ने कहा कि, पहले ही प्रदेश में महिला शिक्षा दर कम है, ऐसे में स्कूलों का मर्जर बेटियों की पढ़ाई पर सीधा प्रहार है। उन्होंने सरकार से मांग की कि यह जनविरोधी निर्णय तत्काल वापस लिया जाए।
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