पुरातन कालीन शिव मंदिर में सवा करोड़ शिवलिंग का महाभिषेक
साधु, संत, महात्माओं सहित देश की कई हस्तियां होंगी शामिल
नया सवेरा नेटवर्क
अंबरनाथ. हिंदू धर्म के प्राचीन देवताओं अर्थात त्रिदेव में महेश के रूप में शिवजी को सृष्टि का संहारक देवता के रूप में विशेष महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि सृष्टि का लय और प्रलय दोनो शिवजी के ही हाथों में हैं. भगवान शिव की पूजा मूर्ति और शिवलिंग दोनों ही रूपों में होती है. भगवान शिव तथा शिवलिंग के महत्व को जन जन तक पहुंचाने के लिए स्थानीय पुरातन कालीन शिव मंदिर परिसर में पूज्य बृजेशानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में आगामी 11 अगस्त 21 अगस्त के बीच एक भव्य दिव्य धार्मिक आयोजन आयोजित किया गया है, इसकी अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. इस अनुष्ठान में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगों का महाभिषेक किया जाएगा. अंबरनाथ के इतिहास में इस तरह का यह पहला धार्मिक आयोजन होगा.
भगवान शिव को 108 नामो से जाना जाता है, जिनमें शंकर, महाकाल, आदिदेव, नीलकंठेश्वर, भोलेनाथ आदि प्रमुख हैं. शैव या शाक्त धर्म में शिवजी को परब्रह्म और सर्वोच्च ईश्वर के रूप में स्थान दिया था. आयोजन समिति से जुड़े तथा उद्योगपति संजय गुप्ता ने बताया कि महायज्ञ के अधिष्ठाता पूज्य बृजेशानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में रोजाना औसतन तीन से चार हजार शिवभक्त भाग लेंगे, जो कार्यक्रम के पंडाल में शिवलिंग को बनाएंगे. इस अनुष्ठान में प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण और महाभिषेक किया जाएगा. प्रतिदिन दस लाख से अधिक शिवलिंग बनाए जाएंगे, ग्यारह दिन में सवा करोड़ शिवलिंगों का निर्माण किए जाने की तैयारी श्रद्धालुओं द्वारा की जाएगी. मिट्टी के बने पार्थिव शिवलिंग का महाभिषेक कर उन्हें विसर्जित किया जाएगा. 11 अगस्त को मंदिर परिसर में कलश यात्रा से धार्मिक समारोह की शुरुआत होगी.
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हजारों वर्ष पुराने प्राचीन शिवमंदिर परिसर में शिवलिंग महाभिषेक का आयोजन हो रहा है यह शिव प्रेमियों के लिए बड़े ही गर्व तथा हर्ष का क्षण होगा. इस तरह के धार्मिक आयोजनों से समृद्धि, वैभव प्राप्त होता है. इस प्रकार के 49 धार्मिक आयोजन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा सहित देश के अन्य कई राज्यों में सफलतापूर्वक हो चुके है. महाराष्ट्र के अंबरनाथ में होने जा रहा यह आयोजन 50 वां होगा. विश्व कल्याण तथा सनातन धर्म की रक्षा और जनजागृति के लक्ष्य को लेकर यह अनुष्ठान किया जा रहा है. इस तरह के धार्मिक आयोजनों से लोगों में धर्म के प्रति लगाव तथा जुड़ाव होता है, मुझे पूरा भरोसा है कि भगवान शिव की कृपा से आयोजन बहुत ही कामयाब होगा. पूज्य बृजेशानंद महाराज
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