ट्रान्सफर: इक नया शहर मेरे इंतज़ार में है...
नया सवेरा नेटवर्क
ट्रान्सफर
( इक नया शहर मेरे इंतज़ार में है..)
ट्रान्सफर हो गया..
दिल जैसे धक से रह गया…
फिर सोचने लगी….
दो साल तो हो गए यहाँ रहते हुए…
आॉंखें भर आईं ये कहते हुए..
इक लगाव सा हो गया था इस शहर से..
यहाँ की सुबह-शाम और दोपहर से,
शहर ऐसा मन को भाने लगा था
कि अभी यहाँ और रहना है …
ख़्याल आने लगा था .
ख़्यालों में काफ़ी कुछ पकाये थे मैंने
ढेर सारे अच्छे-अच्छे प्लान बनाये थे मैंने,
अभी तो सावन के झूले पड़ने बाक़ी थे
तीज के गीत भी लिखे मैंने काफ़ी थे,
मैंने तो डांडिया के लिए नई डिज़ाइन का लहंगा भी सिलने को दे दिया था,
मल्टी कलर का दुपट्टा तो मैंने काफ़ी पहले ही ले लिया था,
अभी तो त्यौहार कई सारे थे..
साथ बिताने लम्हें प्यारे-प्यारे थे…
चलो कोई बात नहीं..
ये सब करना है शायद मुझे और कहीं,
इक नया शहर मेरे इंतज़ार में है..
मुझे लगता है शायद वो मेरे प्यार में है…
पर याद आयेगी मुझको
यहाँ की हर इक बात,,
फ़िलहाल इस अलविदा में छिपी है
इक नयी शुरुआत….!!
प्रियंका सोनी
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