Poetry: आदमी...आदमी को ही....!

Poetry: आदमी...आदमी को ही....!
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आदमी...आदमी को ही....!


दुनिया का दस्तूर है प्यारे....

यहाँ हर एक सफल आदमी....!

मदारी बन जाता है...और...

आदमी को ही.....

कभी भालू तो कभी वानर बनाकर

डमरू बजा-बजाकर गली-गली में

आदमी के सामने ही नचाता है....

इतना ही नहीं इसके लिए....!

रखता है वह एक सोटा....

आदमी...आदेश आसानी से...

मान जाए तो ठीक...वरना...

धौंस इसी का ही हमेशा है देता...

पहनने के लिए देता है वह...!

बस एक फ्रॉक या फिर एक लँगोटा..

खाने के लिए मानता है कि पर्याप्त है

बस एक थाली और एक लोटा....

जीने के लिए देना चाहता है....!

बस दाल और रोटी....क्योंकि..

पेट उसका खुद ही...भरा नहीं है...

अब तलक..और..चाहता है वह...!

कमाना वह रकम मोटी-मोटी...

सचमुच...आदमी-आदमी को ही...!

एक खिलौना सा बनाए हुए हैं....

आदमी,कहने को जनम आदमी का

पाया भले है प्यारे...पर...देखो तो...

आदमी ही उसे यहाँ पशु वनाए हुए है

खेलने को उससे....खुद के ऊपर...

अलग सा मुखौटा भी लगाए हुए है...

और....आदमी भी यहाँ आराम से

आदमी के हाथ की कठपुतली बन,.

बस नाचे जा रहा है...नाचे जा रहा है

मित्रों....निश्चय ही गुज़रते होंगे...

चित्र सुन्दर से उनके भी सामने....

पर उन्हें देखने का हुनर...

शायद वे गँवाए हुए हैं..

मज़बूर हालात इतने हैं उनके....!

कि ख़ुद को वे छिपाए चाहे जितना, 

पर...सभी जानते है कि...

घर अपना....वे जलाए हुए है....

अब कैसे कहूँ मित्रों....!

दुनिया की तो यही रीति है प्यारे...

यहाँ आदमी-आदमी का ही...!

भरपूर सताया हुआ है....और...

आश्चर्य...आदमी की यह दुर्दशा भी..

तसल्ली से देख रहा है...आदमी ही..

पर अपना मुँह छुपाए/चुराए हुए है...

जानता है हक़ीक़त यहाँ हर कोई

पर....सच ये कहने का साहस...!

नहीं है किसी को....कि....

आदमी...अपनी इस करतूत से...

ख़ुद-ब-ख़ुद...मुँह पे अपने...

कालिख़ लगाए हुए है...

आदमी...अपनी इस करतूत से...

ख़ुद-ब-ख़ुद...मुँह पे अपने...

कालिख़ लगाए  हुए है...

रचनाकार.....

जितेन्द्र कुमार दुबे

अपर पुलिस उपायुक्त, लखनऊ

*Admission Open - Session: 2025-26 | D.B.S. Inter College (10+2) Affiliated | Kadipur, Ramdayalganj, Jaunpur | Contact-9956972861, 9956973761  | Naya Savera Network* *Admission Open - Session: 2025-26 - Nursery to IX & XI - Streams Available: Maths, Bio, Commerce & Humanities | Admission form Available At the School Office | D.B.S. Inter College (10+2) Affiliated | Kadipur, Ramdayalganj, Jaunpur | Affiliation No.: 2131740 to CBSE New Dehli | Contact-9956972861, 9956973761  | Naya Savera Network* Ad
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