Jaunpur News: खेत में बहता है किसान का पसीना तो भरता है हमारा पेट | Naya Sabera Network
पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत 2,45,872 किसान
जिले की आबादी लगभग 44,94,204
अवनीश पाण्डेय @ नया सवेरा
सुइथाकला, जौनपुर जब खेत में किसान का पसीना बहता है तब जाकर हमारा पेट भरता है। किसान को यदि धरती का भगवान कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि किसान ही पृथ्वी पर ऐसा इंसान है, जो जमीन से अन्न उपजाता है। हर किसी के जीवन जीने के लिए भोजन उगाता है, इसीलिए भारतीय संस्कृति में केवल किसान को अन्नदाता कहा गया है। किसान के कमजोर कंधों पर वर्तमान में जिले की लगभग 44,94,204 आबादी के लिए भोजन उगाने की जिम्मेदारी है, जिसमें 22,20,465 पुरुष और 22,73,739 महिलाएं हैं। जिले में लगभग 2,45,872 किसान हैं जो पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत हैं। इन किसानों द्वारा उगाए गए अनाज से जिले के 21 ब्लॉक और एक नगरीय क्षेत्र में लगभग 2090 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के जरिये करीब आठ लाख परिवारों के निवाले का इंतजाम होता है जबकि शेष लोगों को भोजन की व्यवस्था के लिए खुले बाजार से अनाज लेना पड़ता है।
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सवाल यह भी है कि क्या इन किसानों को उनकी मेहनत का मोल मिलता है? गर्मी में झुलसती त्वचा, पसीने से तर कपड़े और अनिश्चित बाज़ार - क्या यही है उस किसान की ‘किस्मत’ जो भारत की 70% आबादी को भोजन देता है? जरूरत है कि सरकारें सिर्फ़ योजनाएं ना बनाएं, बल्कि उन्हें ज़मीन तक भी पहुंचाएं। ताकि इन किसानों का हौसला सिर्फ़ तस्वीरों में ना झलके, बल्कि उनके जीवन में भी उजियारा लाए। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी संतोष विकम शाही ने बताया कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है। जिले के लगभग 8,08,841 कार्डधारकों को अनाज का वितरण प्रतिमाह कराया जाता है। पारदर्शिता के लिए इपास मशीन से अनाज का वितरण कराया जाता है ताकि हर ज़रूरतमंद को उसका हक़ मिल सके। किसी को भी समस्या हो तो वह विभाग से सीधे संपर्क कर सकता है।
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