ताकत इसे कहते हैं | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
अभी हाल ही भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध जैसी स्थिति बनी थी। पाकिस्तान की तरफ से तो शुरू ही थी।मगर भारत एकदम संयम से अपनी ताकत का एहसास उसको ही नहीं पूरी दुनियां को दिखा रहा था।और पूरी दुनियां ने आज भारत का भार और ताकत दोनों देख दंग है। भारत ने जिस सरलता से पाकिस्तान को घुटने पर इस बार लाया है।उसकी जितनी सराहना की जाय कम है। पाकिस्तान की खाट भी खड़ी कर दी।और दुनियां को बताया कि देखो हमने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं किया।हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया।हमने तो बस आतंकिस्तान के अड्डों को निशाना बनाकर उसे तबाह किया है। लेकिन पाकिस्तान की तो इतने से ही ऐसी तैसी हो गई।अब पाकिस्तान की हालत सॉंप छछुंदर वाली हो गयी है।इस मार को न वह सह पा रहा है न कह पा रहा है।यदि कह दे कि भारत ने हम पर हमला किया तो साक्ष्य देना पड़ेगा।साक्ष्य देगा तो उसकी दुनियां में और खुद के देश में बड़ी छिछालेदर होगी।एक हल्का सा झोंका नहीं सम्हाल सकते तो,तूफान का सामना क्या खाक करोगे।
भारत ने दो थप्पड़ मारकर यह कहते हुए छोड़ दिया है कि आगे यदि फिर हमारे निर्दोष देशवासियों का खून बहाने की कोशिश भर करोगे तो इस दो थप्पड़ की गूॅंज को याद कर लेना।अभी तो बस दो थप्पड़ मारे हैं।आगे हरकत करोगे तो लात घूॅंसे पड़ेंगे।इतने पड़ेंगे कि हड्डी पसली तितर बितर हो जायेगी।तब न गिन पाओगे न समेट पाओगे। समेटोगे भी तब जब हम समेटने देंगे।एक ताकतवर का जो सही काम होता है सीख देना।भारत ने आज वही किया है।सारी दुनियां को बता दिया कि मुझे कभी भी हल्के में मत लेना।यह नया भारत है।हल्के में लेना मतलब अपनी तबाही को आमंत्रित करना होगा। बगैर किसी की मदद के भारत ने आज जो पाकिस्तान का हाल किया है, दुनियां अचम्भित भी है और सकते में भी। इतिहास में यह दुनियां में सबसे छोटा और उत्कृष्ट युद्ध है।जो महज चार दिन में ही सम्पन्न हो गया।और अपने लक्ष्य को भी वेध दिया।बड़े बड़े जो देश अपने को बड़ा सूरमा समझते थे।वो भी इतने अल्पकाल में कोई युद्ध नहीं निपटा पाये। उदाहरणार्थ रसिया युक्रेन, इजराइल फिलीस्तीन,सिरिया अमेरिका, और ऐसे कई युद्ध हुए हैं जो इतने अल्पकाल में सम्पन्न नहीं हो पाये।इसके लिए भारतीय सेना और भारत सरकार की जितनी सराहना की जाय उतनी कम है।भारत ने इस अल्पकालिक युद्ध में जो तबाही पाकिस्तान में मचाई है,वो अकाल्पनिक है।कोई इतना सोच भी नहीं पा रहा है।यह कैसे हुआ पाकिस्तान के साथ साथ दुनियां भी अचरज में है।
किसी दुष्ट को सबक सिखाना इतना सरल भी होता है,भारत ने अपनी ताकत से बता दिया।साॅंप भी मारा है और लाठी भी बचा ली है,जो आगे काम आयेगी।इस लाठी की मार को याद करके अब सपोले भी जल्दी बिल से बाहर नहीं आयेंगे।जहॉं तक मेरा अपना आकलन है कि अब तो वे बाहर निकलने की सोचेंगे भी नहीं। भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का जो मुजाहिरा पेश किया है।उससे वो ही नहीं उसके समर्थक देश भी अब अगले बंगले झॉंक रहे हैं।और सोचने पर विवश हैं कि क्या ये वही भारत है जो हर समय हॉंथ जोड़े हॉं में हॉं मिलाता था। सैनिकों के शिर कटने पर भी मौन था।सिरियल बम ब्लास्ट हुए मौन था। मुम्बई में आम नागरिकों का कत्लेआम हुआ मौन रहा। मुम्बई में जब २६/११ हुआ था तो वह अपरोक्ष रूप से देश पर हमला ही था। जिसमें सैकड़ों निर्दोषों की जान गई थी।कई जांबाज सिपाही भी शहीद हुए थे।इसके बाद भी भारत मौन रहा।जिससे दुष्ट पड़ोसी पाकिस्तान उसी मुगालते में रहते हुए भारत को दर्द देते रहा।भारत भी उसे इस बीच दो एक घुड़की देकर छोड़ते रहा।मगर कुत्ता तो कुत्ता,कहॉं अपनी आदत से बाज आए। आखिर में गलती कर दी।तो इस बार भारत ने दो कन्टाप दोनों कनपटी पर कायदे से जड़ दिया है।उसी तरह जैसे बड़ा भाई छोटे की गलती पर उसकी जान नहीं लेता।कसके दो चार थप्पड़ रसीद कर देता है।और छोटा पुनः गलती करने से पहले सौ बार सोंचता है।उसी तरह इस बार भारत ने कसके थप्पड़ रसीद कर दिया है।अब पाकिस्तानी सपोले जल्दी भारत की तरफ कुदृष्टि से नहीं देखेंगे। एक ताकतवर की परिभाषा क्या होती है,वह भी दुनियां को बता दिया।और अपने दुश्मन को भी कायदे से समझा दिया है।कि अबकी यदि गलती करोगे तो शायद किसी से उलाहना देने लायक भी नहीं रहोगे।
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इन सबके बावजूद भी आज जहॉं दुनियां भारत का लोहा मान रही है तो,भारत में ही रहने वाले कुछ कुत्सित मांसिकता वाले भारत सरकार की बुराई करने में लिप्त हैं। युद्ध बिना निर्णय के क्यों बंद कर दिया।जब हम जीत रहे थे तो पीछे क्यों हटे आदि आदि। सरकार भी उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम भारतवासियों में एक कमी है।जो शायद सब में कामन है।वो ये कि हम अपनों का कहा नहीं मानते। औरों का हमेशा मानते हैं।वहीं हो रहा है।भारत सरकार कह रही हमें जितना करना था हम कर चुके हैं।हमारा उद्देश्य सफल रहा है।मगर कुत्सित मांसिकता वाले यह बात नहीं समझ रहे हैं। अमेरिका चीन आदि क्या बोल रहे हैं उसको मान रहे हैं।वैसे ही व्यवहार कर रहे हैं जैसे चीन अमेरिका भारत के साथ करते आ रहे हैं।समझ में नहीं आ रहा कि एक सब भारत की तरफ से सवाल कर रहे हैं या पाकिस्तान की तरफ से। पाकिस्तान तबाह हो कर भी उत्सव मना रहा ह।और हम सकुशल रहके भी सवाल उठा रहे हैं।हमारी सरकार कह रही है यह युद्ध नहीं था।आतंक के खिलाफ आपरेशन था।जो सफल हुआ। इसलिए आगे नहीं बढ़ा गया।तीसरी स्टेज का कैंसर था,काट के निकाल दिया है। आपरेशन के बाद जरूरत होगी तो कीमो भी करेंगे।कीमो से नहीं सुधरेगा तो रेडियेशन थेरेपी की जायेगी। लेकिन जरा ठहरो तो।सबका अपना तरीका होता है। आपरेशन के तुरंत बाद थेरेपी नहीं होती।थोड़ा समय लगता है।जरूरत हुई तो थेरेपी भी होगी।भारत भी पाकिस्तान के साथ अब वही प्रक्रिया अपनायें हुए हैं। आपरेशन के बाद का परहेज रोगी को बता दिया है। यदि थेरेपी से बचना है तो ए,ए परहेज करते रहना। स्वस्थ हो जाओगे।यदि नहीं करोगे तो थेरेपी भी नहीं बचा पायेगी।तितर बितर हो जाओगे। मृत्यु भी हो सकती है।अब बचना रोगी पाकिस्तान को है।भारत ने अपना काम कर दिया है।जैसे डाक्टर रोगी के परिवार को समझाता है,वैसे ही भारत ने पाकिस्तान व पाकिस्तानी समर्थकों को चेता दिया है।कि परहेज बहुत जरूरी है।यदि पाकिस्तान को आप सब बचाना चाहते हैं तो परहेज करवाते रहिये। नहीं तो हम फूॅंक मारके बड़े बड़े चंडाल भगा देते हैं।ए तो बस पाकिस्तान है।
जय हिन्द जय हिन्द की सेना
पं.जमदग्निपुरी
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